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गोण्डा: विभाग को नहीं पता फर्जी शिक्षकों का ऐड्रेस, कैसे करें वेतन रिकवरी

उत्तर प्रदेश के गोण्डा में अधिकारियों की मिलीभगत से फर्जी नियुक्ति पाये शिक्षकों से वेतन रिकवरी कराने के मामले में शिक्षा विभाग के पसीने छूट रहे हैं. फर्जी शिक्षकों पर प्राथमिकी तक दर्ज नहीं है.

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फर्जी शिक्षकों से वेतन रिकवरी कराने में विभाग के छूट रहे पसीने.
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Published : Jan 8, 2020, 11:35 AM IST

गोण्डा: 2010 से हुई शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच का फरमान आने के बाद भी शिक्षा विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है. सूबे में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई फर्जी तैनातियों का बड़ा असर जिले में भी रहा. जिले में अभी तक फर्जी मार्कशीट में बर्खास्त हुए अध्यापकों के ऊपर एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई.

अधिकारियों की मिलीभगत से हुईं नियुक्तियां

खंड शिक्षा अधिकारियों और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह फर्जी अध्यापक नियुक्ति पाए थे और उन्हीं की मदद से नौकरी भी कर रहे थे. अब भी जिम्मेदारों का मोह इनसे भंग नहीं हो पा रहा है. शायद यही कारण है कि अभी तक अधिकांश बर्खास्त शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 56 बर्खास्त अध्यापकों में से केवल 16 पर अभी तक एफआईआर दर्ज कराई है.

जानकारी देते सहायक शिक्षा निदेशक.
फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी

बर्खास्त अध्यापक अध्यापिका जिन्होंने फर्जी मार्कशीट अथवा प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाई थी. जांच के दौरान पोल खुल जाने पर नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए. शासन ने इन पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ-साथ दिए गए वेतन की वसूली के भी आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक वेतन वसूली और सभी पर एफआईआर नहीं दर्ज कराई जा सकी है, जिससे कई बर्खास्त अध्यापक फरार हो चुके हैं.

गलत पता बता रहे बर्खास्त शिक्षक

खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस एक ही बार भेजा गया है और बेसिक शिक्षा अधिकारी यह बता रहे हैं कि जिन बर्खास्त अध्यापकों पर मुकदमा लिखवाया जाना है वह लोग पता ही गलत लिखे हैं. ये लोग फर्जी दस्तावेज और फर्जी पते पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे थे.

इसे भी पढ़ें:-लखनऊ: सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, कुल छह प्रस्ताव पास

इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी. विभाग में जो भी अधिकारी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
विनय मोहन वन, सहायक शिक्षा निदेशक

सभी खंड शिक्षा अधिकारी को FIR कराने के लिए निर्देशित कर दिया गया है और सभी खंड शिक्षा अधिकारी लगभग एफआईआर लिखा दिए हैं, जिस थाने में दिक्कत आ रही वहां संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी बताते हैं और फर्जी अध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी लिखाने और रिकवरी करवाने की कार्रवाई की जाएगी.
मनीराम सिंह, बीएसए

गोण्डा: 2010 से हुई शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच का फरमान आने के बाद भी शिक्षा विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है. सूबे में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई फर्जी तैनातियों का बड़ा असर जिले में भी रहा. जिले में अभी तक फर्जी मार्कशीट में बर्खास्त हुए अध्यापकों के ऊपर एफआईआर नहीं दर्ज कराई गई.

अधिकारियों की मिलीभगत से हुईं नियुक्तियां

खंड शिक्षा अधिकारियों और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह फर्जी अध्यापक नियुक्ति पाए थे और उन्हीं की मदद से नौकरी भी कर रहे थे. अब भी जिम्मेदारों का मोह इनसे भंग नहीं हो पा रहा है. शायद यही कारण है कि अभी तक अधिकांश बर्खास्त शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी है. बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 56 बर्खास्त अध्यापकों में से केवल 16 पर अभी तक एफआईआर दर्ज कराई है.

जानकारी देते सहायक शिक्षा निदेशक.
फर्जी मार्कशीट के सहारे नौकरी

बर्खास्त अध्यापक अध्यापिका जिन्होंने फर्जी मार्कशीट अथवा प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाई थी. जांच के दौरान पोल खुल जाने पर नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए. शासन ने इन पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ-साथ दिए गए वेतन की वसूली के भी आदेश दिए थे, लेकिन अभी तक वेतन वसूली और सभी पर एफआईआर नहीं दर्ज कराई जा सकी है, जिससे कई बर्खास्त अध्यापक फरार हो चुके हैं.

गलत पता बता रहे बर्खास्त शिक्षक

खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस एक ही बार भेजा गया है और बेसिक शिक्षा अधिकारी यह बता रहे हैं कि जिन बर्खास्त अध्यापकों पर मुकदमा लिखवाया जाना है वह लोग पता ही गलत लिखे हैं. ये लोग फर्जी दस्तावेज और फर्जी पते पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे थे.

इसे भी पढ़ें:-लखनऊ: सीएम योगी की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक, कुल छह प्रस्ताव पास

इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी. विभाग में जो भी अधिकारी दोषी होगा, उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी.
विनय मोहन वन, सहायक शिक्षा निदेशक

सभी खंड शिक्षा अधिकारी को FIR कराने के लिए निर्देशित कर दिया गया है और सभी खंड शिक्षा अधिकारी लगभग एफआईआर लिखा दिए हैं, जिस थाने में दिक्कत आ रही वहां संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी बताते हैं और फर्जी अध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी लिखाने और रिकवरी करवाने की कार्रवाई की जाएगी.
मनीराम सिंह, बीएसए

Intro:शासन द्वारा वर्ष 2010 से हुई शिक्षक नियुक्ति में गड़बड़ी की जांच का फरमान होने के बाद शिक्षा विभाग पूरी तरह से लापरवाह बना हुआ है। सूबे में बेसिक शिक्षा विभाग में हुई फर्जी तैनातियों का बड़ा असर जिले में भी रहा। अब नया ये है कि जिले में अभी तक फर्जी मार्कशीट में बर्खास्त हुए अध्यापकों के ऊपर एफआईआर नही दर्ज कराई गई। बड़े स्तर पर लोगों का मानना है कि खंड शिक्षा अधिकारियों और बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों की मिलीभगत से ही यह फर्जी अध्यापक नियुक्ति पाए थे, और उन्हीं की मदद से नौकरी भी कर रहे थे अब भी जिम्मेदारों का मोह इनसे भंग नहीं हो पा रहा है शायद यही कारण है कि अभी तक अधिकांश बर्खास्त शिक्षकों पर प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकी बेसिक शिक्षा विभाग के अधिकारियों ने 56 बर्खास्त अध्यापकों में से केवल 16 पर अभी तक एफ आई आर दर्ज कराई है जबकि उनकी बर्खास्तगी हुए काफी समय बीत गया।


Body:बर्खास्त अध्यापक अध्यापिका जिन्होंने फर्जी मार्कशीट अथवा प्रमाण पत्र के सहारे नौकरी पाई थी लेकिन जांच के दौरान पोल खुल जाने पर नौकरी से बर्खास्त कर दिए गए. शासन ने इन पर एफआईआर दर्ज कराने के साथ साथ दिए गए वेतन की वसूली के भी आदेश दिए थे l लेकिन वेतन वसूली की बात कौन कहे, यहां अभी तक सभी पर एफआईआर नही दर्ज कराई जा सकी है। जिससे न केवल बर्ख़ास्त अध्यापक फरार हो चुके हैं बल्कि कई के तो अब साक्ष्य संकलन पुलिस के लिये टेढ़ी खीर बन जाएगी। इस संबंध में बेसिक शिक्षा अधिकारी मनीराम सिंह का कहना है कि सभी खंड शिक्षा अधिकारी को एफआईआर कराने के लिए निर्देशित कर दिया गया है और सभी खंड शिक्षा अधिकारी लगभग एफ आई आर. लिखा दिए हैं l जिस थाने में दिक्कत आ रही वहां संबंधित खंड शिक्षा अधिकारी बताते हैं और फर्जी अध्यापकों के खिलाफ प्राथमिकी लिखाने और रिकवरी करवाने का कार्रवाई किया जाएगा खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस एक ही बार भेजा गया है और बेसिक शिक्षा अधिकारी यह भी बता रहे हैं कि जिन बर्खास्त अध्यापकों पर मुकदमा लिखवाया जाना है वह लोग पता ही गलत लिखे है तो अब सवाल इस बात का उठता है कि जब कुछ ऐसे भी टीचर हैं जो फर्जी दस्तावेज और फर्जी पते पर बेसिक शिक्षा विभाग में नौकरी कर रहे हैं लेकिन विभाग अभी तक उन फर्जी अध्यापकों को बर्खास्त कर अपने कर्तव्यों की इतिश्री कर ली l Conclusion:इस पूरे प्रकरण पर सहायक निदेशक बेसिक शिक्षा विनय मोहन वन का कहना है कि इस पूरे प्रकरण की जांच कराई जाएगी विभाग में जो भी अधिकारी दोषी होगा उसके खिलाफ सख्त से सख्त कार्यवाही की जाएगी।

बाईट- मनीराम सिंह(बीएसए)
वाइट- विनय मोहन वन (सहायक शिक्षा निदेशक)

प्रांजल पांडेय
8604534148
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