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BRC में डंप मिलीं परिषदीय स्कूलों की किताबें, बेसिक शिक्षा विभाग के दावों की खुली पोल

गोंडा के झंझरी परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों की किताबें कमरों में डंप मिलीं (books found dumped in Jhanjhari). अफसरों की लापरवाही के चलते शैक्षिक सत्र के 6 माह बीत जाने के बावजूद बच्चों की किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्र पर रखी हुई हैं.

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Published : Nov 12, 2022, 12:33 PM IST

Updated : Nov 12, 2022, 12:40 PM IST

गोंडा: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताब उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है. लेकिन, यह दावा महज कागजों में ही सीमित रह गया है. किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्र पर डंप पड़ी हैं और अफसर बच्चों को किताब पहुंचाने का दावा कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. नवाबगंज, इटियाथोक और बेलसर के बाद अब झंझरी ब्लॉक में भी हजारों किताबें रखी हुई हैं (books found dumped in Jhanjhari).

झंझरी ब्लॉक में डंप पड़ी मिली हजारों किताबें

ये है पूरा मामला: जिले के 2611 परिषदीय स्कूल, 17 कस्तूरबा गांधी स्कूल व 28 सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 4 लाख बच्चे पंजीकृत हैं. सत्र के शुरुआत में ही इन बच्चों को किताब उपलब्ध कराने का नियम है. लेकिन, किताबों की टेंडर प्रक्रिया और फिर छपाई में देरी के चलते इन्हें 4 महीने तक किताबें उपलब्ध नहीं हो पायी.

सितंबर के शुरुआत में आपूर्ति शुरू हुई, तो उम्मीद जगी कि आधे सत्र के पहले बच्चों को किताबें मुहैया करा दी जायेगी. शासन स्तर से किताबें आवंटित होने के बाद जिले स्तर से इसकी बंडलिंग करा कर ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर भेज भी दी गई. इसके बाद स्कूलों तक किताबें पहुंचाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई. लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते यह किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्र पर पहुंचकर केवल डंप बनकर रह गई. खंड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही के चलते किताबें स्कूलों तक नहीं पहुंचीं.

80% किताबें वितरित करने का दावाः शासन स्तर से जब स्कूलों में किताबों के वितरण की रिपोर्ट मांगी गई, तो जमीनी हकीकत के बजाय जिम्मेदार अफसरों ने 80% से अधिक किताबों के वितरण होने की रिपोर्ट भेज दी. लेकिन अब सामने रहा है कि किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर रखी हुई हैं. शैक्षिक सत्र के 6 माह बीत जाने के बावजूद बच्चे बिना किताबों के ककहरा सीख रहे हैं.

बुधवार को झंझरी ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी छात्रावास के कमरे में हजारों की संख्या में किताबें रखी मिली थी. इन किताबों को ब्लॉक के विभिन्न न्याय पंचायतों में भेजा जाना था. लेकिन, जिम्मेदारों ने इन किताबों को स्कूलों तक पहुंचाना जरूरी नहीं समझा. यहां सीहागांव, बरुआचक और नौबरा समेत कई स्कूलों की किताबें बंडलिंग के बाद डंप की गई थी.

नोटिस जारी कर जवाब तलबः झंझरी से पहले नवाबगंज, इटियाथोक और बेलसर ब्लॉक में भी किताबें डंप मिल चुकी है. इस मामले में बीएसए की तरफ से तीनों ब्लॉकों के खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था. बावजूद इसके अफसरों के रवैए में सुधार नहीं आ रहा है. नवाबगंज ब्लॉक के दो स्कूली बच्चों से किताबों की बंडलिंग कराए जाने का मामला भी सामने आ चुका है.

वहीं, बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि झंझरी के खंड शिक्षा अधिकारी के अवकाश पर चले जाने के कारण वहां का चार्ज मुख्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया था. अतिरिक्त चार्ज होने के चलते उन्होंने किताबों के वितरण में रुचि नहीं ली. इसी कारण किताबें डंप रह गई. झंझरी के खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. जल्द से जल्द किताब वितरण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः बीजेपी विधायक का तुगलकी फरमान, कहा- मेरे आते ही खड़े हो जाएं सभी अधिकारी

गोंडा: जिले में बेसिक शिक्षा विभाग की बड़ी लापरवाही सामने आई है. बेसिक शिक्षा विभाग परिषदीय स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को किताब उपलब्ध कराने का दावा कर रहा है. लेकिन, यह दावा महज कागजों में ही सीमित रह गया है. किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्र पर डंप पड़ी हैं और अफसर बच्चों को किताब पहुंचाने का दावा कर अपनी पीठ थपथपा रहे हैं. नवाबगंज, इटियाथोक और बेलसर के बाद अब झंझरी ब्लॉक में भी हजारों किताबें रखी हुई हैं (books found dumped in Jhanjhari).

झंझरी ब्लॉक में डंप पड़ी मिली हजारों किताबें

ये है पूरा मामला: जिले के 2611 परिषदीय स्कूल, 17 कस्तूरबा गांधी स्कूल व 28 सहायता प्राप्त स्कूलों में करीब 4 लाख बच्चे पंजीकृत हैं. सत्र के शुरुआत में ही इन बच्चों को किताब उपलब्ध कराने का नियम है. लेकिन, किताबों की टेंडर प्रक्रिया और फिर छपाई में देरी के चलते इन्हें 4 महीने तक किताबें उपलब्ध नहीं हो पायी.

सितंबर के शुरुआत में आपूर्ति शुरू हुई, तो उम्मीद जगी कि आधे सत्र के पहले बच्चों को किताबें मुहैया करा दी जायेगी. शासन स्तर से किताबें आवंटित होने के बाद जिले स्तर से इसकी बंडलिंग करा कर ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर भेज भी दी गई. इसके बाद स्कूलों तक किताबें पहुंचाने की जिम्मेदारी खंड शिक्षा अधिकारियों को सौंपी गई. लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते यह किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्र पर पहुंचकर केवल डंप बनकर रह गई. खंड शिक्षा अधिकारियों की लापरवाही के चलते किताबें स्कूलों तक नहीं पहुंचीं.

80% किताबें वितरित करने का दावाः शासन स्तर से जब स्कूलों में किताबों के वितरण की रिपोर्ट मांगी गई, तो जमीनी हकीकत के बजाय जिम्मेदार अफसरों ने 80% से अधिक किताबों के वितरण होने की रिपोर्ट भेज दी. लेकिन अब सामने रहा है कि किताबें ब्लॉक संसाधन केंद्रों पर रखी हुई हैं. शैक्षिक सत्र के 6 माह बीत जाने के बावजूद बच्चे बिना किताबों के ककहरा सीख रहे हैं.

बुधवार को झंझरी ब्लॉक के कस्तूरबा गांधी छात्रावास के कमरे में हजारों की संख्या में किताबें रखी मिली थी. इन किताबों को ब्लॉक के विभिन्न न्याय पंचायतों में भेजा जाना था. लेकिन, जिम्मेदारों ने इन किताबों को स्कूलों तक पहुंचाना जरूरी नहीं समझा. यहां सीहागांव, बरुआचक और नौबरा समेत कई स्कूलों की किताबें बंडलिंग के बाद डंप की गई थी.

नोटिस जारी कर जवाब तलबः झंझरी से पहले नवाबगंज, इटियाथोक और बेलसर ब्लॉक में भी किताबें डंप मिल चुकी है. इस मामले में बीएसए की तरफ से तीनों ब्लॉकों के खंड शिक्षा अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया था. बावजूद इसके अफसरों के रवैए में सुधार नहीं आ रहा है. नवाबगंज ब्लॉक के दो स्कूली बच्चों से किताबों की बंडलिंग कराए जाने का मामला भी सामने आ चुका है.

वहीं, बीएसए अखिलेश प्रताप सिंह ने बताया कि झंझरी के खंड शिक्षा अधिकारी के अवकाश पर चले जाने के कारण वहां का चार्ज मुख्यालय के खंड शिक्षा अधिकारी को सौंपा गया था. अतिरिक्त चार्ज होने के चलते उन्होंने किताबों के वितरण में रुचि नहीं ली. इसी कारण किताबें डंप रह गई. झंझरी के खंड शिक्षा अधिकारी को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया गया है. जल्द से जल्द किताब वितरण कराने के निर्देश भी दिए गए हैं.

ये भी पढ़ेंः बीजेपी विधायक का तुगलकी फरमान, कहा- मेरे आते ही खड़े हो जाएं सभी अधिकारी

Last Updated : Nov 12, 2022, 12:40 PM IST
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