गाजीपुर: 1971 का युद्ध हो या फिर कारगिल का युद्ध, इन सभी युद्धों में गाजीपुर के सेना में कार्यरत लोगों ने अपनी शौर्यता का परिचय देते हुए की देश की रक्षा की कर यश को हासिल किया है. गाजीपुर को शहीदों की धरती का दर्जा दिया गया है. सेनाओं में हर वर्ष लाखों की संख्या में युवा भर्ती होने के लिए शारीरिक दक्षता हासिल करने के क्रम में प्रतिदिन घंटों पसीना बहाकर व्यायाम करते हैं. सशस्त्र सेना में केंद्र सरकार की ओर से अग्निपथ योजना को लेकर गाजीपुर में सेना भर्ती की तैयारियों में जुटे युवाओं की क्या सोच हैं यह जानने के लिए ईटीवी भारत की टीम ने युवाओं से बातचीत की है.
बातचीत के क्रम में युवाओं ने अग्निपथ योजना के प्रति नाराजगी जाहिर की है. युवाओं ने कहा है कि, सरकार 4 साल की नौकरी दे रही है. इसके बाद हम युवा क्या करेंगे? सरकार ने इसके लिए कोई भी नोटिफिकेशन जारी नहीं किया है कि, 4 वर्ष बाद रिटायर्ड लोगों को कहां रखा जाएगा. युवाओं ने कहा कि जिस तरह से पहले से परंपरा चलती आ रही है कि सेना के जवान रिटायर्ड होते हैं. रिटायर होने के बाद उन्हें तमाम विभागों में नौकरी दी जाती है. इसी तरीके से इस भर्ती प्रक्रिया में भी यह होना चाहिए. लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ है.
इसे भी पढ़े-बिहार-यूपी में वाहन फूंके, चेन्नई वॉर मेमोरियल पर धरना
गाजीपुर के युवाओं ने कहा कि पुरानी भर्ती परंपरा सरकार को लागू करनी चाहिए ताकि तैयारी करने वाले युवाओं को अस्थाई भविष्य दिखाई दे. क्योंकि नई अग्निवीर योजना में कोई अस्थाई भविष्य दिखाई नहीं दे रहा है. वहीं, इस भर्ती प्रक्रिया से काफी युवाओं की उम्र भी समाप्त हो जाएगी. वह इसके काबिल नहीं रह जाएंगे.
ऐसी ही जरुरी और विश्वसनीय खबरों के लिए डाउनलोड करें ईटीवी भारत एप