गाजियाबाद: जनपद के मुरादनगर कस्बे को हिंदू-मुस्लिम भाईचारे के रूप में जाना जाता है. जहां पर दोनों समुदाय के लोग आपसी सद्भाव के साथ रहते हैं. इसीलिए कभी भी इस कस्बे में हिंदू मुस्लिम के बीच किसी भी बात को लेकर कोई मतभेद नहीं हुआ है. इसी मुरादनगर कस्बे की मलिक नगर बस्ती में हिंदू मुस्लिम भाईचारे की सद्भाव की एक और मिसाल देखने को मिली है, जहां पर एक मुस्लिम परिवार बीते 20 सालों से भगवान गणेश, राम-सीता, दुर्गा, शिव-पार्वती राधा-कृष्ण सहित अन्य भगवानों की मूर्तियां बना रहा है.
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कोरोना महामारी की वजह से बेरोजगार हुए
ईटीवी भारत को मूर्तिकार मोहम्मद असद ने बताया कि उन्हें मूर्ति मनाते हुए 15 से 20 साल हो चुके हैं. यह काम उन्होंने अपने पिताजी से सीखा है. पहले उनके पिताजी मूर्ति बनाते थे. अब उनका पुरा परिवार मूर्ति बना रहा है. मोहम्मद असद ने बताया कि वह सभी देवी देवताओं की मूर्तियां बनाना अच्छे से जानते हैं. लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से वह बेरोजगार बैठे हुए हैं. उनका इस बार काम सही नहीं चल रहा है.
मूर्तियां बेचने से चलता है घर का खर्चा
मूर्तिकार यूसुफ ने बताया कि वह 8 साल से मूर्तियां बना रहे हैं. इस बार नवरात्रों में उनका काम काफी मंदा है. ईटीवी भारत को महिला मूर्तिकार शमीम ने बताया कि वह मूर्तियों में रंग भरने का काम करती हैं. इस काम को उनके परिवार के दो बेटे और दो बेटियां मिलकर करते हैं, लेकिन इस बार नवरात्रों में मूर्तियों की बिक्री कम ही हो रही है. उनका कहना है कि वह मूर्तियां बनाना उनका रोजगार है. वह इसमें हिंदू-मुस्लिम नहीं देखते हैं.