गाजियाबादः सोमवार को गाजियाबाद के प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर के द्वार भक्तों के लिए खोल दिए गए हैं. मंदिर में सुबह 5:30 बजे श्रद्धालुओं ने प्रवेश शुरू किया. काफी दिनों बाद प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर पर श्रद्धालुओं की कतारें देखने को मिलीं.
मंदिर परिसर में प्रवेश से पहले सभी की थर्मल स्क्रीनिंग की गयी और हाथों को सैनिटाइज किया गया. मंदिर परिसर के बाहर सोशल डिस्टेंसिंग को लेकर गोल घेरे बनाए गए हैं. जिला प्रशासन ने मंदिर में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए हैं. दर्शन के लिए मंदिर को सुबह 5:30 बजे से रात 8:30 बजे तक खोला जाएगा.
मंदिर में 10 साल से 65 साल के लोगों को प्रवेश दिया जा रहा है. प्राचीन दूधेश्वरनाथ मंदिर में शिवलिंग के आसपास लकड़ी का एक बॉक्स लगाया गया है, जिससे कोई भी भक्त शिवलिंग को छू ना सके. कोरोना महामारी के मद्देनजर मंदिर परिसर में केवल 5 भक्तों को एक बार में प्रवेश दिया जा रहा है. इसके साथ ही घंटी बजाने पर भी रोक है.
मंदिर में फूल की दुकानें भी फिलहाल नहीं खुलेंगी. देश के प्रसिद्ध 8 मंदिर-मठों में से एक दूधेश्वरनाथ मंदिर की मान्यता प्राचीन काल से हैं. मान्यता है कि यहां रावण के पिता विश्वश्रवा ने तपस्या की थी और रावण ने भी यहां पूजा-अर्चना की थी. भक्त यहां दूर-दूर से भगवान के दर्शन के लिए आते हैं.