फिरोजाबाद: रामगढ़ थाना क्षेत्र में दो दिन पूर्व हुए दो पक्षों में विवाद के मामले में जातीय संघर्ष के आसार दिखने लगे हैं. गिरफ्तार हुए आरोपियों के परिजनों ने सड़क पर उतर कर पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करते हुए जल्द से जल्द उचित कारवाई करने की मांग की. पुलिस पर मामले में एक पक्षीय कार्रवाई करने का आरोप लगाया जा रहा है.
मामला 28 जनवरी का है. जब थाना रामगढ़ क्षेत्र के धनोरा गांव में दो पक्षों में बच्चों के विवाद के बाद संघर्ष इतना बढ़ गया था कि पथराव और लाठी डंडे जमकर चले थे. इसका अंदाजा इस बात से भी लगाया जा सकता है कि हालात पर काबू पाने के लिए आधा दर्जन थानों की फोर्स मौके पर पहुंची थी. एसपी सिटी को खुद मोर्चा संभालना पड़ा था.
घटना के बाद दोनों पक्षों ने पुलिस में तहरीर दी थी. इसके बाद पुलिस ने एक पक्ष के 10 लोगों को गिरफ्तार कर लिया था. इससे गिरफ्तार लोगों परिजनों का कहना है कि पुलिस मामले में एकतरफा कार्रवाई कर रही है. तहरीर देने के बावजूद दूसरे पक्ष के लोगों को गिरफ्तार नहीं किया गया है.
कुशवाहा समाज के अध्यक्ष महेंद्र सिंह ने बताया बीते दो दिन पहले बच्चों में मामूली विवाद हो गया था जिसे राजनीतिक पार्टी के लोगों ने बढ़ाने का काम किया. इसमें कुशवाहा समाज के 10 लोगों को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया गया जबकि जाटव समाज से 19 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज है. इसके बावजूद पुलिस ने एक भी व्यक्ति को गिरफ्तार नहीं किया. इस दौरान उन्होंने सीओ सिटी पर आरोप लगाते हुए कहा कि सीओ साहब जाटव समाज से हैं इसलिए वह भेदभाव कर रहे हैं.
फिलहाल पूरे गांव का माहौल गरमाया हुआ है इसलिए पुलिस किसी प्रकार की ढ़ील देने के मूड में नहीं है. जैसे ही महिलाएं सड़कों पर आई तो आसपास के थानों की फोर्स मौके पर पहुंच गई. वहीं सीओ संजय कुमार का कहना है कि कार्यवाई की जा रही है. जल्द ही बाकी आरोपियों को भी पकड़ लिया जाएगा.