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सूदखोरों से परेशान कोटेदार ने जहर खाकर दी जान

उत्तर प्रदेश के फतेहपुर जिले में एक कोटेदार की विषाक्त पदार्थ खाने से मौत हो गई. कोटेदार की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने सूदखोरों पर उत्पीड़न का आरोप लगाया और अपनी मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया.

कोटेदार
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Published : Dec 9, 2020, 1:38 PM IST

फतेहपुरः जिले के जहानाबाद कस्बे में एक कोटेदार की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई. कोटेदार की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत के लिए इलाके के दबंग सूदखोरों को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

ब्याज पर लिया था उधार
जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के मुसाफा के रहने वाले रमेश चंद्र गुप्ता गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाते थे. आर्थिक परेशानी के चलते रमेश चंद्र गुप्ता ने लॉकडाउन के दौरान गांव के अलग-अलग लोगों से ब्याज पर उधार लिया था. सुसाइड नोट में रमेश चंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि सूदखोरों को मूल रकम से ज्यादा ब्याज दे देने के बावजूद सूदखोर उसे परेशान किया करते हैं. इतना ही सरकारी राशन वितरण के दौरान दबंग सूदखोर गुल्लक में रखे रुपए उठा ले जाते हैं. इसका विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है.

बाजार जाकर खाया जहर
परिजनों के मुताबिक रमेश मंगलवार शाम को जहानाबाद बाजार गए. वहां से एक परिचित को फोन किया को मैंने जहर खा लिया है. परिचित ने परिजनों को फोन पर सूचना दी. सूचना से घर में हड़कंप मच गया. परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया. पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें सीएचसी में भर्ती कराया. परिजन उन्हें यहां से इलाज के लिए कानपुर ले गए. इलाज के दौरान रमेश चंद्र की मौत हो गई. परिजनों ने भी गांव के ही सात सूदखोरों पर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.

पुलिस कर रही जांच
इस मामले में बकेवर थाना प्रभारी जयचंद्र भारतीय ने बताया कि मंगलवार को कोटेदार के जहर खाने की सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. कोटेदार की मौत की जानकारी मिली है. कोटेदार की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है. इस मामले में फिलहाल कोई तहरीर नहीं मिली है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट व परिजनों से तहरीर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

फतेहपुरः जिले के जहानाबाद कस्बे में एक कोटेदार की जहरीला पदार्थ खाने से मौत हो गई. कोटेदार की जेब से मिले सुसाइड नोट में उसने अपनी मौत के लिए इलाके के दबंग सूदखोरों को जिम्मेदार ठहराया है. पुलिस मामले की जांच कर रही है.

ब्याज पर लिया था उधार
जिले के बकेवर थाना क्षेत्र के मुसाफा के रहने वाले रमेश चंद्र गुप्ता गांव में सरकारी सस्ते गल्ले की दुकान चलाते थे. आर्थिक परेशानी के चलते रमेश चंद्र गुप्ता ने लॉकडाउन के दौरान गांव के अलग-अलग लोगों से ब्याज पर उधार लिया था. सुसाइड नोट में रमेश चंद्र गुप्ता ने आरोप लगाया कि सूदखोरों को मूल रकम से ज्यादा ब्याज दे देने के बावजूद सूदखोर उसे परेशान किया करते हैं. इतना ही सरकारी राशन वितरण के दौरान दबंग सूदखोर गुल्लक में रखे रुपए उठा ले जाते हैं. इसका विरोध करने पर उसे जान से मारने की धमकी दी जाती है.

बाजार जाकर खाया जहर
परिजनों के मुताबिक रमेश मंगलवार शाम को जहानाबाद बाजार गए. वहां से एक परिचित को फोन किया को मैंने जहर खा लिया है. परिचित ने परिजनों को फोन पर सूचना दी. सूचना से घर में हड़कंप मच गया. परिजनों ने तत्काल पुलिस को सूचित किया. पुलिस मौके पर पहुंची और उन्हें सीएचसी में भर्ती कराया. परिजन उन्हें यहां से इलाज के लिए कानपुर ले गए. इलाज के दौरान रमेश चंद्र की मौत हो गई. परिजनों ने भी गांव के ही सात सूदखोरों पर उसे आत्महत्या के लिए मजबूर करने का आरोप लगाया है.

पुलिस कर रही जांच
इस मामले में बकेवर थाना प्रभारी जयचंद्र भारतीय ने बताया कि मंगलवार को कोटेदार के जहर खाने की सूचना के बाद पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उसे अस्पताल में भर्ती कराया था. कोटेदार की मौत की जानकारी मिली है. कोटेदार की जेब से एक सुसाइड नोट मिला है. इस मामले में फिलहाल कोई तहरीर नहीं मिली है. पोस्टमार्टम रिपोर्ट व परिजनों से तहरीर मिलने के बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी.

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