फर्रुखाबादः जिले में सर्दी के मौसम में भुने हुए आलू की दुकानें और रेहड़ी गली-मोहल्लों से लेकर हर सड़क पर नजर आती है. आवास विकास स्थित ऐसी ही एक दुकान है मुन्ना लाल की, जो खूब चर्चित है. भुने हुए आलू खाने के लिए शौकिन दूर-दूर से इनकी दुकान पर पहुंचते हैं. दुकानदार मुन्ना लाल ने बताया कि सर्दियों के मौसम उनकी दुकान पर दिनभर रौनक रहती है. वहीं शाम होते ही भीड़ का दबाव बढ़ जाता है.
ईटीवी भारत से बीतचीत में दुकानदार मुन्ना लाल सक्सेना ने बताया कि यहां पर भुने हुए आलू में सबसे ज्यादा स्वादिष्ट चिप्सोना, फ्राई सोना, न्यू हॉलैंड माने जाते हैं. उन्होंने अपनी आलू भूनने की प्रकिया भी साझा की. उन्होंने बताया की लोहे की कढ़ाई में बालू गरम करने के बाद उस में आलू भूने जाते हैं. उसके बाद कई मसालों को मिक्स करके बनाया गया खास मसाला और धनिया लहसुन मिर्च डालकर बनाई गई हरी चटनी के साथ आलू को परोसा जाता है. कुछ लोग छिलके वाले आलू भी पसंद करते हैं.
दुकानदार ने बताया कि उनकी दुकान पर इस भुने हुए आलू का भाव 100 रुपये प्रति किलो है. बड़ी संख्या में लोग मक्खन लगाकर आलू खाते हैं. मक्खन के दाम अलग से देने पड़ते हैं. बता दें कि फर्रुखाबाद की चटपटी दालमोट का स्वाद भी निराला है. इसका स्वाद बढ़ाने के लिए इसमें आलू का लच्छा मिलाया जाता है. यह चिप्सोना आलू से तैयार किया जाता है. पहले से तैयार लच्छे का इस्तेमाल भेलपुरी, चाट आदि में भी किया जाता है.
वही, आलू खाने आए वासु शर्मा ने बताया कि आलू में प्रोटीन होता है. इसमें कार्बोहाइड्रेट विटामिन के साथ पोटेशियम कैल्शियम जिंक और आयरन भरपूर मात्रा में पाया जाता है. भुने हुए आलू के साथ जो चटनी और गरम मसाला यह लोग तैयार करते हैं. वह विशेष तौर पर बहुत ही स्वादिष्ट होता है.
भुने हुए आलू खाने आईं प्रीति और छवि ने बताया कि यहां का आलू बहुत ही स्वादिष्ट है. भुने हुए आलू खाने के लिए हम लोग बेताब रहते हैं. विशेष तौर पर चटनी. यह लोग जो मसाला बनाते है वह हम लोग घर पर नहीं बना पाते. खाने के बाद मन करता है कि और खाएं. वहीं, छवि ने बताया कि जनपद में हजारों हेक्टेयर आलू की पैदावार होती है. कई लाख मैट्रिक टन उत्पादन होता है. यहां पर आलू के लिए उद्योग डाला जाना चाहिए. जिससे लोगों को रोजगार मिले. छवि ने बताया कि मौका मिलता है, तो यहां पर आलू खाने परिवार के साथ आती हूं.
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