एटाः चैतन्य अस्पताल के खिलाफ जिला प्रशासन को लगातार शिकायतें मिल रही थीं. गुरुवार को एसडीएम जलेसर अरुण कुमार और सीओ रामनिवास ने अपनी टीम के साथ चैतन्य अस्पताल पर छापा मारा. अचानक हुई छापामार कार्रवाई से अस्पताल संचालक बृजेश घबरा गया.
नहीं मिली चिकित्सकीय डिग्री
बताया जा रहा है कि चैतन्य अस्पताल बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहा था. साथ ही बृजेश नाम का व्यक्ति जो अस्पताल को चला रहा था, उसके पास से कोई भी चिकित्सकीय डिग्री नहीं मिली है.
वहीं जिन चिकित्सकों के नाम पर वह अस्पताल चला रहा था, प्रशासन ने जब उन चिकित्सकों से फोन पर जानकारी ली तो उन्होंने साफ तौर से अस्पताल में मरीजों के इलाज में अपनी किसी भूमिका से इनकार किया है.
मरीजों को सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में किया गया शिफ्ट
अस्पताल संचालक बृजेश धड़ल्ले से मरीजों को टेस्ट लिखता था और उनका इलाज करता था. छापेमारी के दौरान भी अस्पताल में कई मरीज मिले. प्रशासन ने उन मरीजों की सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में इलाज की व्यवस्था कराई है.
एसडीएम अरुण कुमार ने बताया कि बिना रजिस्ट्रेशन के चल रहे इस अस्पताल को सील किया जा रहा है. साथ ही एफआईआर भी दर्ज कराई जा रही है.