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चित्रकूट: ट्रेन में चिकित्सा सुविधा न मिलने पर नव विवाहिता की मौत - chitrakoot today news

मुंबई से जौनपुर ट्रेन से सफर के दौरान नवविवाहिता की तबीयत बिगड़ने पर उत्तर प्रदेश के चित्रकूट के मानिकपुर समुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाते समय मौत हो गई. मृतका के परिजनों ने रेलवे पर सही समय से उपचार न मिलने का आरोप लगाया.

ट्रेन में चिकित्सा सुविधा न मिलने पर नव विवाहिता की मौत
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Published : Oct 2, 2019, 11:28 PM IST

चित्रकूट: बेहतर सेवा, बेहतर सुरक्षा, सुखद यात्रा का दम भरने वाली रेलवे प्रशासन के कर्मचारियों लापरवाही की वजह से चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन में तबीयत बिगड़ने के दौरान समुदायिक स्वास्थ्य के ले जाते समय विवाहिता की मौत हो गई. मृतका जानकी के पति और भाई दोनों मुंबई में एक फैक्ट्री में कार्यरत थे.

ट्रेन में चिकित्सा सुविधा न मिलने पर नव विवाहिता की मौत

रेलवे प्रशासन की लापरवाही का मामला -

  • दो माह पूर्व जानकी चौहान का विवाह राकेश चौहान से हुआ था.
  • डेंगू हो जाने से अपने घर जौनपुर के लिए ट्रेन न.- 12167 के S7 में तत्काल रिजर्वेशन करवा कर वापस घर लौट रहे थे.
  • जबलपुर मध्य प्रदेश के आसपास अचानक जानकी की तबीयत बिगड़ गई.
  • जानकी के भाई पवन चौहान ने ट्रेन के टीटी और ट्रेन की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई.
  • किसी ने उसकी बात को नहीं सुना बल्कि और आगे के स्टेशन में चिकित्सा सुविधा के नाम पर टालते रहे.

मृतका के पति राजेश ने बताया
मेरी पत्नी की तबियत ठीक थी. अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. ट्रेन में टीटी और ट्रेन की सुरक्षा में लगी पुलिस ने हमारी मदद की होती तो आज मेरी पत्नी जिंदा होती. टीटी द्वारा लगातार यही कहा गया था कि जबलपुर से छिवकी तक चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलेंगी. रेलवे कर्मचारियों ने हमारी बात नहीं सुनी. वह हमें गुमराह करते रहे. रेलवे की लापरवाही की वजह से मेरी पत्नी की मृत्यु हो गई.

जैसे ही हमें सूचनी मिली हमने मानिकपुर में 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था की. वही ट्रेन को भी सिग्नल देकर प्लेटफार्म पर जल्द खड़ी करवा दिया था.
- संजीव कुमार, सहायक स्टेशन मास्टर

चित्रकूट: बेहतर सेवा, बेहतर सुरक्षा, सुखद यात्रा का दम भरने वाली रेलवे प्रशासन के कर्मचारियों लापरवाही की वजह से चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन में तबीयत बिगड़ने के दौरान समुदायिक स्वास्थ्य के ले जाते समय विवाहिता की मौत हो गई. मृतका जानकी के पति और भाई दोनों मुंबई में एक फैक्ट्री में कार्यरत थे.

ट्रेन में चिकित्सा सुविधा न मिलने पर नव विवाहिता की मौत

रेलवे प्रशासन की लापरवाही का मामला -

  • दो माह पूर्व जानकी चौहान का विवाह राकेश चौहान से हुआ था.
  • डेंगू हो जाने से अपने घर जौनपुर के लिए ट्रेन न.- 12167 के S7 में तत्काल रिजर्वेशन करवा कर वापस घर लौट रहे थे.
  • जबलपुर मध्य प्रदेश के आसपास अचानक जानकी की तबीयत बिगड़ गई.
  • जानकी के भाई पवन चौहान ने ट्रेन के टीटी और ट्रेन की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई.
  • किसी ने उसकी बात को नहीं सुना बल्कि और आगे के स्टेशन में चिकित्सा सुविधा के नाम पर टालते रहे.

मृतका के पति राजेश ने बताया
मेरी पत्नी की तबियत ठीक थी. अचानक उसकी तबीयत खराब हो गई. ट्रेन में टीटी और ट्रेन की सुरक्षा में लगी पुलिस ने हमारी मदद की होती तो आज मेरी पत्नी जिंदा होती. टीटी द्वारा लगातार यही कहा गया था कि जबलपुर से छिवकी तक चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलेंगी. रेलवे कर्मचारियों ने हमारी बात नहीं सुनी. वह हमें गुमराह करते रहे. रेलवे की लापरवाही की वजह से मेरी पत्नी की मृत्यु हो गई.

जैसे ही हमें सूचनी मिली हमने मानिकपुर में 108 एम्बुलेंस की व्यवस्था की. वही ट्रेन को भी सिग्नल देकर प्लेटफार्म पर जल्द खड़ी करवा दिया था.
- संजीव कुमार, सहायक स्टेशन मास्टर

Intro:मुंबई से जौनपुर ट्रेन से सफर के दौरान नवविवाहिता की तबीयत बिगड़ने पर मानिकपुर समुदाय स्वास्थ्य केंद्र ले जाते समय हुई मौत। मृतिका के परिजनों ने लगाया रेलवे के कर्मचारियों पर सही जानकारी न देने और रेलवे से सही समय पर उपचार न मिलने का आरोप।


Body:बेहतर सेवा, बेहतर सुरक्षा, सुखद यात्रा का दम भरने वाली रेलवे प्रशासन के कर्मचारियों ने बीमार यात्री को ऐसे रेलवे स्टेशन में उतार दिया जहां रेलवे की चिकित्सा सुविधा ही नहीं ।बल्कि पिछले रेलवे स्टेशन कटनी मैहर सतना में रेलवे के चिकित्सा सुविधा होने के बावजूद छिवकी रेलवे स्टेशन उतरने की बात करते रहे रेल कर्मी।
चित्रकूट के मानिकपुर रेलवे स्टेशन में तबीयत बिगड़ने के दौरान समुदायिक स्वास्थ्य के ले जाते समय विवाहिता की मौत । मृतका जानकी की पति और भाई दोनों मुंबई में एक फैक्ट्री में कार्यरत थे। दो माह पूर्व जानकी चौहान का विवाह राकेश चौहान से हुआ था ।और वह अपने पति के साथ मुंबई रहने लगी 4 दिन पूर्व डेंगू हो जाने से अपने घर जौनपुर के लिए ट्रेन न0 12167केs7 में तत्काल रिजर्वेशन करवा कर वापस घर लौट रहे थे। कि जबलपुर मध्य प्रदेश के आसपास अचानक जानकी की तबीयत बिगड़ गई जिस पर जानकी के भाई पवन चौहान ने ट्रेन के टी टी और ट्रेन की सुरक्षा में लगे पुलिसकर्मियों से मदद की गुहार लगाई पर किसी ने उसकी बात को नहीं सुना बल्कि और आगे के स्टेशन में चिकित्सा सुविधा के नाम पर टालते रहे ।
जानकी के पति राजेश ने बताया कि मेरी पत्नी अच्छी खासी थी ट्रेन में टी टी और ट्रेन की सुरक्षा में लगी पुलिस ने हमारी मदद की होती तो आज मेरी पत्नी जिंदा होती टीटी द्वारा लगातार यही कहा गया था कि जबलपुर से छिवकी तक चिकित्सा सुविधाएं नहीं मिलेंगी ।जबकि जबलपुर से छिवकी की दूरी लगभग 500 किलोमीटर से भी ज्यादा होगी उसके बीच में लगभग 4 रेलवे स्टेशनों में चिकित्सा सुविधाएं उपलब्ध थी ऐसे में कई बार हम लोगों ने कहा कि हम मैहर सतना में इलाज करा लेंगे पर किसी भी रेलवे कर्मचारियों ने हमारी बात नहीं सुनी हमे गुमराह करते रहे । और मेरी पत्नी की मृत्यु हो गई है ।इसमें कहीं ना कहीं रेलवे प्रशासन की लापरवाही है
जब इस संबंध में रेल्वे के जुम्मेदारो असिस्टेंट स्टेशन मास्टर से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हमे 108एम्बुलेंस को सूचना देकर बुला लिया था। वही ट्रेन को भी डिने नही होने दिया और सिग्नल देकर प्लेटफार्म पर जल्द खड़ी करवा दिया था।
बाइट- पवन चौहान (मृतिका का भाई)
बाइट-राकेश चौहान(पति)
बाइट-संजीव कुमार(सहायक स्टेशन मास्टर)


Conclusion:
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