ETV Bharat / state

चित्रकूट: टिकट का दिया पूरा पैसा, फिर भी पैदल घर जाने को हैं मजबूर

प्रवासी मजदूरों का गृह जनपद वापसी बदस्तूर जारी है. इसी के तहत स्पेशल ट्रेन के सहारे प्रवासी मजदूर सूरत से बांदा और चित्रकूट पहुंचे. वापस आने वाले मजदूरों का कहना है कि अब वह अपने गृह जनपद से दूसरे जिले और राज्य को नहीं जाएंगे.

migrant workers
migrant workers
author img

By

Published : May 9, 2020, 11:21 AM IST

चित्रकूट: लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों का गृह जनपद पहुंचने का सिलसिला जारी है. श्रमिकों को वापस लाने के लिए चलायी जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में मजदूर अपने गृह जिले पहुंच रहे हैं. वहीं वापस लौटे मजदूरों ने इटीवी भारत से अपना दर्द बयां किया. मजदूरों का कहना है कि पूरे पैसे देने के बाद भी उन्हें अपने गृह जनपद तक का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है.

पैदल घर जा रहे मजदूर.

सूरत से जनपद चित्रकूट जा रहे प्रवासी मजदूर रामशरण ने बताया कि उन्होंने 600 रुपये देकर ट्रेन की टिकट ली थी. इसके बावजूद उन्हें बांदा पर ही उतार दिया गया. जहां से वह चित्रकूट मुख्यालय बस से पहुंचे हैं. जबकि उनका घर 30 किलोमीटर आगे है. इसके बाद उन्होंने पैदल यात्रा शुरू की. वहीं रास्ते में ट्रैक्टर मिला जिससे वह अपने गांव से लगभग 3 किलोमीटर पहले उतरे और फिर वहां से पैदल यात्रा कर अपने घर पहुंचे हैं.

दूसरे प्रवासी मजदूर भगवानदीन ने बताया कि 750 रुपये देकर उन्होंने सूरत से चित्रकूट के लिए टिकट ली. जबकि उन्हें 80 किलोमीटर पहले ही मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया. यहां से उन्हें कोई भी साधन नहीं मिला, जिसके बाद वह आगे की यात्रा पैदल ही पूरी करेंगे.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर के रहने वाले शख्‍स की कुवैत में मौत, CM योगी ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र

चित्रकूट: लॉकडाउन के दौरान दूसरे राज्यों में फंसे मजदूरों का गृह जनपद पहुंचने का सिलसिला जारी है. श्रमिकों को वापस लाने के लिए चलायी जा रही श्रमिक स्पेशल ट्रेन से बड़ी संख्या में मजदूर अपने गृह जिले पहुंच रहे हैं. वहीं वापस लौटे मजदूरों ने इटीवी भारत से अपना दर्द बयां किया. मजदूरों का कहना है कि पूरे पैसे देने के बाद भी उन्हें अपने गृह जनपद तक का सफर पैदल ही तय करना पड़ रहा है.

पैदल घर जा रहे मजदूर.

सूरत से जनपद चित्रकूट जा रहे प्रवासी मजदूर रामशरण ने बताया कि उन्होंने 600 रुपये देकर ट्रेन की टिकट ली थी. इसके बावजूद उन्हें बांदा पर ही उतार दिया गया. जहां से वह चित्रकूट मुख्यालय बस से पहुंचे हैं. जबकि उनका घर 30 किलोमीटर आगे है. इसके बाद उन्होंने पैदल यात्रा शुरू की. वहीं रास्ते में ट्रैक्टर मिला जिससे वह अपने गांव से लगभग 3 किलोमीटर पहले उतरे और फिर वहां से पैदल यात्रा कर अपने घर पहुंचे हैं.

दूसरे प्रवासी मजदूर भगवानदीन ने बताया कि 750 रुपये देकर उन्होंने सूरत से चित्रकूट के लिए टिकट ली. जबकि उन्हें 80 किलोमीटर पहले ही मानिकपुर रेलवे स्टेशन पर उतार दिया गया. यहां से उन्हें कोई भी साधन नहीं मिला, जिसके बाद वह आगे की यात्रा पैदल ही पूरी करेंगे.

इसे भी पढ़ें-गोरखपुर के रहने वाले शख्‍स की कुवैत में मौत, CM योगी ने विदेश मंत्री को लिखा पत्र

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.