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बुलंदशहर की सीमाओं पर प्रशासन सख्त, पैदल प्रवासियों के लिए बसें तैनात - बुलंशहर समाचार

यूपी में बुलंदशहर जिले की सीमाओं पर प्रशासन सख्ती बरत रहा है. लॉकडाउन के नियमों का पालन कराने के लिए बेरिकेड्स लगाकर चेकिंग अभियान चला रही है. वहीं पैदल यात्रियों को बसों के जरिए पहले आश्रय स्थल पहुंचाया जा रहा है और वहां से फिर उन्हें गंतव्य स्थल पर भेजने की व्यवस्था की जा रही है.

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बुलंदशहर की सीमाओं पर प्रशासन सख्त.
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Published : May 20, 2020, 5:01 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST

बुलंदशहरः कोरोना महामारी से बचाव के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है. पिछले दिनों प्रवासी मजदूर लगातार जिले की सीमा पर जैसे-तैसे पहुंचते थे. जिला प्रशासन उनके लिए भोजन पानी से लेकर थर्मल स्कैनिंग आदि कराकर आश्रय स्थलों पर भेजने में जुटा था. ऐसे में पिछले कई दिनों से जहां बुलंदशहर में लगातार हरियाणा राज्य से हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार पहुंचे थे तो वहीं उसके बाद अब जरूर कुछ राहत मिलती नजर आई है.

बुलंदशहर की सीमाओं पर प्रशासन सख्त.

जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में अब पैदल चलने वाले कामगारों को रोककर उनके घरों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है. इसके बाद पैदल चलने वाले यात्री भी अब सड़कों पर नजर नहीं आ रहे. इक्का-दुक्का कोई यात्री अगर ऐसे में बुलन्दशहर की सीमा पर पहुंच भी रहा है तो उन्हें बसों के जरिए आश्रय स्थल में भेज जा रहा है और वहां से उनके घरों को भेजने में प्रशासन जुटा है.

बुलंदशहर जिले के बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि इन बसों के जरिए जो भी यात्री यहां तक पैदल आ रहे हैं. उन्हें आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है और वहां से फिर भोजन, पानी की व्यवस्था के बाद शासन की गाइडलाइन के मुताबिक आलाधिकारी निर्णय लेकर उनके गंतव्य को भेजने का प्रबंध करते हैं. वहीं अब प्रवासी मजदूरों को भी लगातार उनके गंतव्य को पहुंचाने के लिए तमाम स्तर पर कोशिशें हो रही हैं.

इसे भी पढ़ें- Lockdown Effect: सैकड़ों मील साइकिल से घर जाने को मजबूर हैं प्रवासी मजदूर

इस बारे में एनएच-91 पर तैनात सब इंस्पेक्टर आनंद लाक्षाकार ने बताया कि अधिकारियों के दिशा-निर्देश के मुताबिक पालन करते हुए चेकिंग की जा रही है, जो पास धारक वाहन हैं उन्हें ही निकलने दिया जा रहा है. पैदल यात्रियों की अब संख्या नाम मात्र की है. ऐसे लोगों को बसों के जरिए आश्रय स्थल भेजा जाता है.

बुलंदशहरः कोरोना महामारी से बचाव के लिए देशभर में लॉकडाउन लागू है. पिछले दिनों प्रवासी मजदूर लगातार जिले की सीमा पर जैसे-तैसे पहुंचते थे. जिला प्रशासन उनके लिए भोजन पानी से लेकर थर्मल स्कैनिंग आदि कराकर आश्रय स्थलों पर भेजने में जुटा था. ऐसे में पिछले कई दिनों से जहां बुलंदशहर में लगातार हरियाणा राज्य से हजारों की संख्या में प्रवासी कामगार पहुंचे थे तो वहीं उसके बाद अब जरूर कुछ राहत मिलती नजर आई है.

बुलंदशहर की सीमाओं पर प्रशासन सख्त.

जानकारी के मुताबिक गाजियाबाद और गौतमबुद्धनगर में अब पैदल चलने वाले कामगारों को रोककर उनके घरों को भेजने की व्यवस्था की जा रही है. इसके बाद पैदल चलने वाले यात्री भी अब सड़कों पर नजर नहीं आ रहे. इक्का-दुक्का कोई यात्री अगर ऐसे में बुलन्दशहर की सीमा पर पहुंच भी रहा है तो उन्हें बसों के जरिए आश्रय स्थल में भेज जा रहा है और वहां से उनके घरों को भेजने में प्रशासन जुटा है.

बुलंदशहर जिले के बॉर्डर पर तैनात पुलिसकर्मियों ने बताया कि इन बसों के जरिए जो भी यात्री यहां तक पैदल आ रहे हैं. उन्हें आश्रय स्थलों में भेजा जा रहा है और वहां से फिर भोजन, पानी की व्यवस्था के बाद शासन की गाइडलाइन के मुताबिक आलाधिकारी निर्णय लेकर उनके गंतव्य को भेजने का प्रबंध करते हैं. वहीं अब प्रवासी मजदूरों को भी लगातार उनके गंतव्य को पहुंचाने के लिए तमाम स्तर पर कोशिशें हो रही हैं.

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इस बारे में एनएच-91 पर तैनात सब इंस्पेक्टर आनंद लाक्षाकार ने बताया कि अधिकारियों के दिशा-निर्देश के मुताबिक पालन करते हुए चेकिंग की जा रही है, जो पास धारक वाहन हैं उन्हें ही निकलने दिया जा रहा है. पैदल यात्रियों की अब संख्या नाम मात्र की है. ऐसे लोगों को बसों के जरिए आश्रय स्थल भेजा जाता है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:28 PM IST
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