बिजनौर: प्रदेश सरकार ने हाल फिलहाल में ही मदरसों का सर्वे अल्पसंख्यक विभाग से कराया था. इस सर्वे में बिजनौर जिले में लगभग 450 मदरसे गैर मान्यता प्राप्त मिले. गैर मान्यता प्राप्त मदरसों के मामले में बिजनौर जिला अब दूसरे नंबर पर आ गया है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार ने मदरसों का सर्वे कराने का आदेश अभी हाल फिलहाल में दिया था. इसी आदेश के चलते बिजनौर जिला प्रशासन ने टीम लगाकर मदरसों का सर्वे शुरू करा दिया. मदरसों की सर्वे रिपोर्ट 15 अक्टूबर तक सौंपने को कहा गया था. वैसे तो जिले भर में लगभग 1100 मदरसे संचालित हैं लेकिन, अल्पसंख्यक विभाग में मात्र 685 मदरसे रजिस्टर्ड हैं.
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सर्वे टीम ने जिले भर की सभी 5 तहसीलों बिजनौर, नगीना, नजीबाबद, चांदपुर और धामपुर में मदरसों की जांच की है. अब तक टीम ने लगभग सभी तहसीलों में जांच पूरी कर ली है. इसमे 450 के लगभग मदरसे बिना रजिस्ट्रेशन के पाए गए. बताया जा रहा है कि धामपुर और चांदपुर के कुछ मदरसों का सर्वे होना अभी भी बाकी है.
उधर शहर में चल रहे यतीमखाना के मैनेजर इकबाल अहमद खान का कहना है कि प्रदेश सरकार से सभी मदरसों का सर्वे कराया जा रहा है जो गैर मान्यता प्राप्त मदरसे हैं सिर्फ उनका ही सर्वे होना चाहिए. ये लोग मदरसे की आड़ में अपनी दुकान चला रहे हैं. ऐसे मदरसों पर कार्रवाई होनी चाहिए लेकिन, सभी मदरसे इनवैलिड नहीं है कुछ वैलिड भी है. यतीमखाना में भी सर्वे कराया गया था. इसमें 13 बिंदुओं पर जांच कराई गई. हमारा मदरसा 104 साल पुराना है. हमारी संस्था सरकार के दिशा निर्देश के अनुरुप है. अवैध मदरसो पर कार्रवाई जरुर होनी चाहिए.
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