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बस्ती: प्रशासनिक इंतजाम के बाद भी खाद की किल्लत, ओवर रेट पर बिक रही यूरिया

एक ओर जहां सरकार खाद की कालाबाजारी को लेकर काफी सख्त है. वहीं उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में किसानों से यूरिया के दाम बढ़ाकर लिए जा रहे हैं. दरअसल, यहां कई खाद विक्रेताओं ने फर्जी किसानों के आधार कार्ड पर खाद बेची हुई दिखाकर इसे स्टोर किया हुआ है.

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Published : Aug 31, 2020, 12:39 AM IST

ओवर रेट पर बिक रही यूरिया.
ओवर रेट पर बिक रही यूरिया.

बस्ती: जिले में पिछले 10 दिनों से खाद की किल्लत से परेशान किसानों से कई जगहों पर ओवर रेट लिया जा रहा है. 10 दिन बाद खाद आने के बाद किसानों को जैसे-तैसे खाद मिलनी शुरू हुई, लेकिन किसानों को अब निर्धारित मूल्य से ज्यादा दाम पर खाद खरीदनी पड़ रही है. दरअसल यूरिया का दाम सरकार ने 266.50 रूपये प्रति बोरी निर्धारित किया है, लेकिन किसानों को कहीं 270 तो कहीं 280 रूपये खाद की बोरी के लिए चुकाना पड़ रहा है.

ओवर रेट पर बिक रही यूरिया.

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद अधिकारी भी अब हरकत में आ गए हैं. दुबोलिया में अधिक दाम पर किसानों को खाद बेचने वाले विक्रेता के खिलाफ जिला कृषि अधिकारी ने दुबौलिया थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि बीच में कुछ लोगों को लगा कि उर्वरक की कमी थी, हम लोगों ने कॉपरेशन से 1098 मीट्रिक टन यूरिया रिलीज किया है. स्टाफ लगाकर साधन सहकारी समितियों को उपलब्ध कराया गया. किसानों को कर्मचारी लगाकर निर्धारित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराई जा रही है. जिला कृषि अधिकरी ने कहा की 266.50 रूपए खाद का मूल्य निर्धारित है, कहीं पर ओवर रेटिंग की शिकायत आती है तो उस पर गम्भीरता और कड़ाई से एक्शन लिया जा रहा है.

यूरिया खाद की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले लगभग आठ सोसायटी के विक्रेता फंस गए हैं. इन विक्रेताओं ने लगभग ढाई हजार बोरी यूरिया ब्लैक कर दी. ई-पास मशीन के बजाए मनमाने तरीके से बेच दिया. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब विक्रेताओं के स्टॉक में खाद उपलब्ध होना पाया गया. जब विक्रेताओं को यह लगा कि अब तो उनकी चोरी पकड़ी जाएगी तो उन लोगों ने आनन-फानन में 20 किसानों से आधार कार्ड लेकर उनके नाम पर बेचना दिया दिखा दिया. ऐसे आधार कार्ड पर खाद बेचना दिखाया गया जो किसान ही नहीं हैं, चूंकि इसकी समीक्षा पीएमओ कार्यालय की ओर से हो रही है, इसलिए इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं.

कार्रवाई से बचने के लिए जिन एक-एक किसानों के आधार कार्ड पर 200 से लेकर 250 बोरी खाद बेचना दिखाया गया, उनकी आवश्यक्ता ही मात्र पांच से छह बोरी की है. कहा जा रहा है कि ऐसे किसानों के आधार कार्ड पर खाद बेचना दिखा दिया गया जो किसान ही नहीं है और जिनके पास एक इंच भी खेत नहीं है. पीएमओ के आदेश पर जिन किसानों की जांच हो रही है, उनमें गयाप्रसाद, इंद्रकुमार, दयाराम, गिरजा यादव, बुद्विराम, प्रीति यादव, देवेंद्र कुमार द्विवेदी, रामदयाल तिवारी, राजेष चौधरी, अमुल कुमार गुप्त, निलेष कुमार सिंह, सूरज कुमार सिंह, षत्रुघन, इंद्रपाल, बब्लू, इंद्रमति देवी और विपिन कुमार का नाम शामिल है. वहीं जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

इसे भी पढ़ें- दो से अधिक बच्चे होने पर पंचायत चुनाव लड़ने पर रोक लगा सकती है योगी सरकार

बस्ती: जिले में पिछले 10 दिनों से खाद की किल्लत से परेशान किसानों से कई जगहों पर ओवर रेट लिया जा रहा है. 10 दिन बाद खाद आने के बाद किसानों को जैसे-तैसे खाद मिलनी शुरू हुई, लेकिन किसानों को अब निर्धारित मूल्य से ज्यादा दाम पर खाद खरीदनी पड़ रही है. दरअसल यूरिया का दाम सरकार ने 266.50 रूपये प्रति बोरी निर्धारित किया है, लेकिन किसानों को कहीं 270 तो कहीं 280 रूपये खाद की बोरी के लिए चुकाना पड़ रहा है.

ओवर रेट पर बिक रही यूरिया.

वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सख्ती के बाद अधिकारी भी अब हरकत में आ गए हैं. दुबोलिया में अधिक दाम पर किसानों को खाद बेचने वाले विक्रेता के खिलाफ जिला कृषि अधिकारी ने दुबौलिया थाने में मुकदमा दर्ज कराया है. जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि बीच में कुछ लोगों को लगा कि उर्वरक की कमी थी, हम लोगों ने कॉपरेशन से 1098 मीट्रिक टन यूरिया रिलीज किया है. स्टाफ लगाकर साधन सहकारी समितियों को उपलब्ध कराया गया. किसानों को कर्मचारी लगाकर निर्धारित मूल्य पर खाद उपलब्ध कराई जा रही है. जिला कृषि अधिकरी ने कहा की 266.50 रूपए खाद का मूल्य निर्धारित है, कहीं पर ओवर रेटिंग की शिकायत आती है तो उस पर गम्भीरता और कड़ाई से एक्शन लिया जा रहा है.

यूरिया खाद की ब्लैक मार्केटिंग करने वाले लगभग आठ सोसायटी के विक्रेता फंस गए हैं. इन विक्रेताओं ने लगभग ढाई हजार बोरी यूरिया ब्लैक कर दी. ई-पास मशीन के बजाए मनमाने तरीके से बेच दिया. इसका खुलासा उस समय हुआ, जब विक्रेताओं के स्टॉक में खाद उपलब्ध होना पाया गया. जब विक्रेताओं को यह लगा कि अब तो उनकी चोरी पकड़ी जाएगी तो उन लोगों ने आनन-फानन में 20 किसानों से आधार कार्ड लेकर उनके नाम पर बेचना दिया दिखा दिया. ऐसे आधार कार्ड पर खाद बेचना दिखाया गया जो किसान ही नहीं हैं, चूंकि इसकी समीक्षा पीएमओ कार्यालय की ओर से हो रही है, इसलिए इसकी जांच के आदेश दिए गए हैं.

कार्रवाई से बचने के लिए जिन एक-एक किसानों के आधार कार्ड पर 200 से लेकर 250 बोरी खाद बेचना दिखाया गया, उनकी आवश्यक्ता ही मात्र पांच से छह बोरी की है. कहा जा रहा है कि ऐसे किसानों के आधार कार्ड पर खाद बेचना दिखा दिया गया जो किसान ही नहीं है और जिनके पास एक इंच भी खेत नहीं है. पीएमओ के आदेश पर जिन किसानों की जांच हो रही है, उनमें गयाप्रसाद, इंद्रकुमार, दयाराम, गिरजा यादव, बुद्विराम, प्रीति यादव, देवेंद्र कुमार द्विवेदी, रामदयाल तिवारी, राजेष चौधरी, अमुल कुमार गुप्त, निलेष कुमार सिंह, सूरज कुमार सिंह, षत्रुघन, इंद्रपाल, बब्लू, इंद्रमति देवी और विपिन कुमार का नाम शामिल है. वहीं जिला कृषि अधिकारी का कहना है कि मामले की जांच चल रही है. जांच रिपोर्ट में जो भी दोषी पाए जाएंगे, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

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