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बस्ती: सपा सरकार में शुरू हुआ अस्पताल का काम, अभी तक नहीं हुआ पूरा - बस्ती समाचार

उत्तर प्रदेश के बस्ती जिले में 1 मई 2016 में सपा कार्यकाल में ग्रामीणों की महिलाओं के लिए अस्पताल निर्माण का कार्य शुरू कराया गया था. यह अस्पताल आज भी अधूरा पड़ा हुआ है, जिससे ग्रामिणों के उम्मीदों पर पानी फिरता नजर आ रहा है.

अस्पताल का निर्माण कार्य अधूरा
अस्पताल का निर्माण कार्य अधूरा
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Published : Jan 23, 2020, 4:03 AM IST

बस्ती: जनपद में सपा सरकार में 1 मई 2016 में कैबिनेट रहे मंत्री राज किशोर सिंह ने ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल का शिलान्यास किया था. इसकी लागत लगभग 31 करोड़ रुपये थी. इस कार्य की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था को दी गई थी. शिलान्यास होने के बाद कार्य बहुत तेजी से शुरू हुआ था, लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार आई निर्माणाधीन महिला अस्पताल पर संकट छा गया.

अस्पताल का निर्माण कार्य अधूरा.

अस्पताल का कार्य अब भी अधूरा

  • जिले में महिलाओं के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा था.
  • भाजपा सरकार आने के बाद निर्माणाधीन अस्पताल का कार्य धीरे-धीरे बंद हो गया.
  • कार्यदायी संस्था को इस अस्पताल को 2018 में पूरा करके स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर करना था.
  • अस्पताल में लगभग सिर्फ 70 प्रतिशत कार्य ही हो पाया है.
  • ग्रामीणों को यह उम्मीद थी कि अस्पताल बन जाने से उन लोगों को दूर मुख्यालय पर नहीं जाना पड़ेगा.
  • ग्रामीणों की ये उम्मीदे धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही हैं.

इसे भी पढ़ें:- बस्ती विकास प्राधिकरण में नक्शा घोटाले का हुआ खुलासा, होगी कार्रवाई

बस्ती: जनपद में सपा सरकार में 1 मई 2016 में कैबिनेट रहे मंत्री राज किशोर सिंह ने ग्रामीण महिलाओं के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल का शिलान्यास किया था. इसकी लागत लगभग 31 करोड़ रुपये थी. इस कार्य की जिम्मेदारी कार्यदायी संस्था को दी गई थी. शिलान्यास होने के बाद कार्य बहुत तेजी से शुरू हुआ था, लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार आई निर्माणाधीन महिला अस्पताल पर संकट छा गया.

अस्पताल का निर्माण कार्य अधूरा.

अस्पताल का कार्य अब भी अधूरा

  • जिले में महिलाओं के स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए अस्पताल का निर्माण कराया जा रहा था.
  • भाजपा सरकार आने के बाद निर्माणाधीन अस्पताल का कार्य धीरे-धीरे बंद हो गया.
  • कार्यदायी संस्था को इस अस्पताल को 2018 में पूरा करके स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर करना था.
  • अस्पताल में लगभग सिर्फ 70 प्रतिशत कार्य ही हो पाया है.
  • ग्रामीणों को यह उम्मीद थी कि अस्पताल बन जाने से उन लोगों को दूर मुख्यालय पर नहीं जाना पड़ेगा.
  • ग्रामीणों की ये उम्मीदे धीरे-धीरे धूमिल होती जा रही हैं.

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Intro:बस्ती न्यूज रिपोर्ट
प्रशांत सिंह
9161087094
8317019190

बस्ती: जनपद में उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी तहसील हरैया है. जहां सपा सरकार में 1 मई 2016 को कैबिनेट मंत्री राज किशोर सिंह ने ग्रामीण अंचल में महिलाओं को स्वास्थ्य सुविधाओं का लाभ दिलाने के लिए 100 शैय्या के महिला अस्पताल का शिलान्यास किया. जिसकी लागत लगभग 31 करोड़ थी. धन भी आवंटित हो गया, बस्ती की ही कार्यदायी संस्था कंस्ट्रक्शन एंड डिजाइन उत्तर प्रदेश जल निगम बस्ती को सौंपा गया. शिलान्यास होने के बाद कार्य बहुत तेजी से शुरू हुआ था लेकिन जैसे ही भाजपा की सरकार आई निर्माणाधीन महिला अस्पताल पर संकट ही आ गया.

सरकार बदली लोगों को उम्मीदें जागी कि काम तेजी से शुरू होगा लेकिन लोगों की उम्मीदों का उल्टा असर देखने को मिला इस निर्माणाधीन अस्पताल पर धीरे-धीरे करके कार्य बंद होता गया. जहां कार्यदायी संस्था को इस अस्पताल को 2018 में पूरा करके स्वास्थ्य विभाग को हैंड ओवर करना था. वहीं आज लगभग 70 प्रतिशत कार्य ही हो पाया है.

Body:जब हमने नव निर्माणाधीन अस्पताल की जमीनी हकीकत जानी तो पता चला की, इस नव निर्माणाधीन हॉस्पिटल में कार्यदाई संस्था का कोई कर्मचारी नही मिला न ही स्वास्थ्य विभाग का. यहां पर बिखरे हुए सामान और अराजक तत्वों का कब्जा हो रहा है. ऐसे में यह महिला अस्पताल अब भगवान भरोसे ही बन रहा है. जहां ग्रामीणों को यह उम्मीद थी कि अस्पताल बन जाने से उन लोगों को दूर मुख्यालय पर नहीं जाना पड़ेगा. स्वास्थ्य सुविधाएं यहीं पर मुहैया हो जाएंगे लेकिन आज धीरे-धीरे लोगों की उम्मीदें धूमिल होती जा रही हैं. स्थानीय लोग मौजूदा सरकार को कोसते नजर आए. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि जहां सरकार लोगों को स्वास्थ्य सुविधा मुहैया कराने का दावा करती है. वही इस महिला अस्पताल के काम को पूरा करा कर अस्पताल को सुचारू रूप से चलाने के लिए क्यों नहीं ध्यान दिया जा रहा है.

बाइट..... स्थानीय, रामबचन
बाइट..... स्थानीय, राजाराम
पीटीसी, प्रशांत सिंह, संवाददाताConclusion:
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