बस्ती : एसटीएफ लखनऊ की टीम ने 12 साल से फर्जी दस्तावेज पर नौकरी करने वाले एक प्राथमिक विद्यालय के प्रधानाध्यापक को अरेस्ट किया है. जो पिछले 12 सालों से दीपक सिंह नाम से नौकरी कर रहा था.
दूसरे के नाम पर कर रहा था नौकरी
दरअसल, एसटीएफ लखनऊ में काफी समय से शिकायत मिल रही थी कि बस्ती के रूधौली के प्राथमिक विध्यालय कथकपुरवा में एक व्यक्ति फर्जी दस्तावेज के सहारे बतौर प्रधानाध्यापक तैनात है. जिसके बाद एसटीएफ की टीम ने प्राथमिक विद्यालय के फर्जी प्रधानाध्यापक जो कि दीपक सिंह के नाम से नौकरी कर रहा था उस को अरेस्ट कर लिया. जब एसटीएफ की टीम ने उससे पूछताछ की तो उस ने बताया कि उसका असली नाम शेषनाथ सिंह है. वह संत कबीर नगर के गजपुर गांव का रहने वाला है. उसने गोरखपुर के रहने वाले दीपक सिंह का दस्तावेज लगाकर नौकरी हथिया ली है.
12 साल से दूसरे के दस्तावेज पर कर रहा था नौकरी
आप को बता दें कि फर्जी शिक्षक शेषनाथ सिंह की मुलाकात 2005-06 में गोरखपुर के यदुनंदर यादव से हुई, जिसने 50 हजार में शिक्षक की नौकरी दिलाने की बात कही. इसके बाद यदुनंदर ने 2007 में दीपक कुमार सिंह का दस्तावेज लगाकर फार्म भरवाया. उसी फर्जी दस्तावेज पर 2009 में बस्ती के विक्रमजोत ब्लॉक के सिंदुरिया प्रथामिक विद्यालय पर उसे तैनाती मिली. इसके बाद 2013 में पदोन्नति कर रूधौली के कथकपुरवा प्राथमिक विद्यालय पर बतौर प्रधानाध्याक नौकरी कर रहा था. तब से फर्जी शिक्षक शेषनाथ सिंह नाम बदलकर दीपक सिंह के नाम पर नौकरी कर रहा था. एसटीएफ की तहरीर पर बस्ती सदर कोतवाली में 4 जालसाजों के खिलाफ धोखाधड़ी समेत कई धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है. फर्जी शिक्षक को जेल भेज दिया गया है. बाकी तीन जालसाजों की तलाश जारी है. बीएसए ने भी निलम्बन की विभागीय कार्रवाई शुरू कर दी है.