बरेलीः जिले में धार्मिक स्थलों पर चढ़ने वाले फूलों से अब जैविक खाद बनाई जाएगी. इस खाद को पार्कों में लगे पौधों को दिए जाएंगे. उल्लेखनीय है कि बरेली के सभी कोनो में शिवालय स्थित है, साथ ही विश्व प्रसिद्ध आला हजरत दरगाह भी स्थित है. इसके साथ जिले में और भी कई प्राचीन मंदिर स्थित हैं, जिसमें रोजाना कई क्विंटल फूलों का चढ़ावा होता है. इन फूलों को पहले फेंक दिया जाता था, लेकिन अब नगर निगम इन फूलों से जैविक खाद बना रहा है.
बनखंडी नाथ मंदिर में लगा प्रोजेक्ट
बरेली में सभी शिवालयों के अलावा अब अन्य सभी बड़े धार्मिक स्थलों में एकत्र होने वाले फूल व पूजन सामग्री से भी जैविक खाद बनाई जाएगी. नगर निगम ने ऐसे सभी धार्मिक स्थलों से संपर्क करके खाद बनाना शुरू कर दिया है. शहर के बनखंडी नाथ मंदिर में प्रोजेक्ट लगाकर खाद बनाई जा रही है. यह खाद नगर निगम अपने पार्कों में लगे हुए पौधों में डलवाता है, जिससे पौधे अच्छी तरह विकसित हो रहे हैं.
मंदिर प्रबंधन को पत्र भेजा
बरेली नगर निगम सभी मंदिर प्रबंधन को पत्र भेज कर उनकी जिम्मेदारी तय कर दी है कि वे अभी शिवालयों और फिर सभी धार्मिक स्थलों से फूल व अन्य पूजन सामग्री एकत्र करना सुनिश्चित करें. महापौर मेयर उमेश गौतम का कहना है कि नगर निगम ने इसके लिए एक गाड़ी तैयार की है, जो सभी मंदिरों और धार्मिक स्थलों पर जाकर फूल एकत्र करेगी. उन्होंने बताया कि पहले मंदिरों में चढ़े फूल नालियों से फेंक दिए जाते थे, लेकिन अब शहर के बनखंडी नाथ मंदिर में प्रोजेक्ट लगाकर इन फूलों से खाद बनाई जा रही है.
श्रद्धालुओं में खुशी
नगर निगम फूलों से जैविक खाद तैयार करने से शहरवासियो में खुशी है. खास तौर पर वे श्रद्धालु खुश हैं, जिनका चढ़ाए फूल नालियों में फेंक दिए जाते थे. भक्तों का कहना है कि अब हमारे चढ़ाये फूलों से खाद बनेगी और यह उन्हीं पौधों में डालेगी जिनके फूल हम भगवान को अर्पित करते हैं.