बरेली: जिले में बेलगाम हो रहे कोरोना से महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय भी नहीं बचा है. यहां के कई प्रोफेसर, अधिकारी और कर्मचारी कोरोना संक्रमण की चपेट में आ गए हैं. कुलपति ने विश्वविद्यालय को 6 मई तक बंद रखने का आदेश जारी किया है. साथ ही विश्वविद्यालय के किसी भी छोटे-बड़े कर्मचारी के लिए नि:शुल्क एंबुलेंस की व्यवस्था कराई है. बरेली के महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति की तरफ से आदेश जारी किया गया है कि विश्वविद्यालय में 6 मई तक किसी भी तरह का कोई कामकाज नहीं होगा. उन्होंने 6 मई तक पूरी तरह से विश्वविद्यालय को बंद रखने के आदेश भी जारी कर दिए है.
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MJPRU 6 मई तक बन्द
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर केपी सिंह ने यह फैसला यूनिवर्सिटी के कई प्रोफेसर समेत अलग-अलग विभागों में सेवा दे रहे कर्मचारियों के कोरोना पॉजिटिव पाए जाने पर लिया है. ईटीवी भारत से बातचीत के दौरान यूनिवर्सिटी के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर डॉक्टर अमित सिंह ने बताया कि कुलपति ने विश्वविद्यालय को 6 मई तक बन्द रखने का फैसला किया है.
नि:शुल्क दी जाएगी एम्बुलेंस की सेवा
उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय के वीसी की तरफ से एक अहम बैठक आयोजित की गई. जिसमें प्रोफेसर एसके पांडेय, प्रोफेसर पीवी सिंह, प्रोफेसर जेएन मौर्य की मौजूदगी में यह निर्णय लिया गया. बैठक में निर्णय लिया गया कि यूनिवर्सिटी के किसी भी कर्मी को नि:शुल्क एम्बुलेंस यूनिवर्सिटी की तरफ से उपलब्ध कराई जाएगी. इस दौरान यूनिवर्सिटी के प्रधान सहायक सुधांशु कुमार को नोडल अधिकारी नियुक्त करते हुए किसी भी कर्मचारी शिक्षक को परेशानी होने पर एंबुलेंस की नि:शुल्क व्यवस्था कराने की जिम्मेदारी दी गई है.
1 मई से 30 मई तक ग्रीष्मकालीन अवकाश का लिया गया फैसला
महात्मा ज्योतिबा फुले रुहेलखंड यूनिवर्सिटी के कुलपति केपी सिंह ने बताया कि विश्वविद्यालय में अब बचे हुए चैप्टर ऑनलाइन पूरे कराए जाएंगे. साथ ही उन्होंने जानकारी दी कि अब शैक्षिक सत्र को 1 मई से 30 मई 2021 तक संसोधित करते हुए ग्रीष्मकालीन अवकाश घोषित कर दिया गया है. उन्होंने बताया कि इस बारे में शिक्षकों, सम्बन्धित कर्मचारियों, छात्र-छात्राओं को सेमेस्टर और वार्षिक शेष पाठ्यक्रम को ऑनलाइन पूरा कराए जाने के बारे में आवश्यक दिशानिर्देश दिए जा चुके हैं.