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क्रिसमसः सादगी से मनेगा त्यौहार, नहीं होंगे बड़े आयोजन

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Published : Dec 16, 2020, 12:49 PM IST

क्रिसमस का त्यौहार नजदीक है. लोग जोश-खरोश से तैयारी में लगे हैं. बरेली जिले में पादरियों ने बताया कि कोरोना के कारण इस बार बड़े आयोजन नहीं होंगे.

क्रिसमस का त्यौहार
क्रिसमस का त्यौहार

बरेलीः क्रिसमस का त्यौहार नजदीक आता जा रहा है. इसे मनाने के लिए लोग तैयारी में लगे हुए हैं लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना का असर भी इस पर पड़ रहा है. कोरोना के कारण इस बार एहतियात भी बरता जा रहा है. बरेली के पादरियों ने बताया कि इस बार मेले व बड़े आयोजन नहीं होंगे. कोविड-19 से बचने के एहतियात का पूरा पालन किया जाएगा. ईसाई धर्म से जुड़े लोग प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन को पहले की तरह नहीं मना कर सादगीपूर्ण ढंग से घरों में मनाएंगे. चर्च में सिर्फ 100 लोग ही पूजा में भाग ले सकेंगे.

क्रिसमसः सादगी से मनेगा

चर्च में सोशल डिस्टेंस का पालन
दुनिया भर में प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार मनाया जाता है लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते बरेली में क्रिसमस पर मेले नहीं लगेंगे. शहर के सभी चर्च में सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने को लेकर धर्मगुरुओं ने दिशानिर्देश दे दिए हैं. ईसाई धर्म के धर्मगुरुओं ने कोविड-19 के नियमों के पालन के लिए अपील की है.

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चर्च में लाइटिंग

बेहतरीन लाइटिंग व साज-सज्जा से आकर्षित कर रहे चर्च
बरेली में सभी चर्च सजाए जा रहे हैं. उनकी सजावट हर किसी को आकर्षित भी कर रही है. रंग-रोगन से लेकर बेहतरीन लाइटिंग तक की गई है. चर्च इन दिनों बरेली शहर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं.

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चर्च में लाइटिंग

सुरक्षित रहना जरूरी, चर्च से जुड़े धर्मगुरु दे रहे संदेश
बरेली के चौकी चौराहा के समीप स्थित 150 साल पुराने क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च के सीनियर पास्टर सुनील मसीह ने ईटीवी भारत को बताया कि देशभर में ही नहीं पूरी दुनिया में कोरोना की वजह से यह संकट का समय है. उन्होंने कहा कि ऐसे में ईसाई धर्म के लोग भी यही संदेश देना चाहते हैं कि हम सभी इस संकट काल में पूरी तरह से सजग हैं. इस संकटकाल में सबसे जरूरी है कि सभी सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए प्रभु यीशु के जन्मदिन को घरों में मनाएंगे. सिर्फ सलेक्टेड पंजीकृत 100 लोगों को चर्च में परमिशन दी जाएगी.

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कोविड-19 के नियमों के पालन

एक चर्च में 100 लोग हो सकते हैं पूजा में शामिल
उन्होंने बताया कि चर्च में प्रशासन की तरफ से मिली अनुमति के मुताबिक 100 लोगों को विशेष पूजा में बैठने का अवसर मिलेगा. इस तरह से शहर के अलग-अलग चर्च में लोग प्रार्थना करने आ सकेंगे. वहीं उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना की वजह से काफी कुछ बदलाव किए गए हैं.

1 सप्ताह से विशेष सजावट
150 साल पुराने क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च समेत शहर के अन्य चर्च में इन दिनों रंग-रोगन किए जा रहे हैं. विशेष सजावट यहां की जा रही है. पिछले एक सप्ताह से शहर के कई चर्च पर रंग-रोगन किया गया है. शहर के चौकी चौराहा स्थित चर्च में तो विशेष तौर से पिछले 1 सप्ताह से पर्व को लेकर चर्च को बाहर से सजाया जा रहा है. सभी चर्च में इन दिनों होने वाली पूजा जहां दो शिफ्ट में होती है, वहीं यीशु मसीह के जन्मदिन के अवसर पर 20 तारीख को कैंडल लाइट सर्विस व कैरल गीत गाए जाएंगे. 25 दिसंबर को बड़ा दिन के मौके पर विशेष आराधना की जाएगी. पादरी सुनील मसीह ने बताया कि कोविड-19 नियमों का ठीक से पालन कराया जाएगा और उसी के चलते सिर्फ 100 लोगों को परमिशन दी गई है.

क्रिसमस पर मेलों में उमड़ती है भीड़, इस बार मेले नहीं
इस बार प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के उत्सव में पहले जैसा माहौल ना होने से कई लोग मायूस भी हैं. गौरतलब है कि ईसा मसीह के जन्मदिन के कार्यक्रम के चलते 25 दिसंबर को चौकी चौराहा के समीप स्थित आयोजन के चलते रोड को भी बंद कर दिया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना कारणों से यहां सब कुछ सामान्य नहीं है. गौरतलब है कि क्रिसमस-डे पर सिर्फ ईसाई ही नहीं अन्य धर्मों से जुड़े लोग भी चर्च के पास लगने वाले मेलों व आयोजनों में काफी संख्या में पहुंचते हैं लेकिन इस बार मेले या अन्य आयोजनों पर रोक है. जानकारी के मुताबिक शहरभर के चर्च अलग-अलग समय पर खुलेंगे. वहां पूजा होगी लेकिन महामारी की वजह से वो मंजर नहीं होगा जो हर वर्ष होता है.

बरेलीः क्रिसमस का त्यौहार नजदीक आता जा रहा है. इसे मनाने के लिए लोग तैयारी में लगे हुए हैं लेकिन वैश्विक महामारी कोरोना का असर भी इस पर पड़ रहा है. कोरोना के कारण इस बार एहतियात भी बरता जा रहा है. बरेली के पादरियों ने बताया कि इस बार मेले व बड़े आयोजन नहीं होंगे. कोविड-19 से बचने के एहतियात का पूरा पालन किया जाएगा. ईसाई धर्म से जुड़े लोग प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन को पहले की तरह नहीं मना कर सादगीपूर्ण ढंग से घरों में मनाएंगे. चर्च में सिर्फ 100 लोग ही पूजा में भाग ले सकेंगे.

क्रिसमसः सादगी से मनेगा

चर्च में सोशल डिस्टेंस का पालन
दुनिया भर में प्रभु यीशु मसीह के जन्मदिन पर 25 दिसंबर को क्रिसमस का त्यौहार मनाया जाता है लेकिन इस बार कोविड-19 के चलते बरेली में क्रिसमस पर मेले नहीं लगेंगे. शहर के सभी चर्च में सोशल डिस्टेंसिंग अपनाने को लेकर धर्मगुरुओं ने दिशानिर्देश दे दिए हैं. ईसाई धर्म के धर्मगुरुओं ने कोविड-19 के नियमों के पालन के लिए अपील की है.

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चर्च में लाइटिंग

बेहतरीन लाइटिंग व साज-सज्जा से आकर्षित कर रहे चर्च
बरेली में सभी चर्च सजाए जा रहे हैं. उनकी सजावट हर किसी को आकर्षित भी कर रही है. रंग-रोगन से लेकर बेहतरीन लाइटिंग तक की गई है. चर्च इन दिनों बरेली शहर की खूबसूरती में चार चांद लगा रहे हैं.

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चर्च में लाइटिंग

सुरक्षित रहना जरूरी, चर्च से जुड़े धर्मगुरु दे रहे संदेश
बरेली के चौकी चौराहा के समीप स्थित 150 साल पुराने क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च के सीनियर पास्टर सुनील मसीह ने ईटीवी भारत को बताया कि देशभर में ही नहीं पूरी दुनिया में कोरोना की वजह से यह संकट का समय है. उन्होंने कहा कि ऐसे में ईसाई धर्म के लोग भी यही संदेश देना चाहते हैं कि हम सभी इस संकट काल में पूरी तरह से सजग हैं. इस संकटकाल में सबसे जरूरी है कि सभी सुरक्षित रहें. उन्होंने कहा कि कोरोना नियमों का पालन करते हुए प्रभु यीशु के जन्मदिन को घरों में मनाएंगे. सिर्फ सलेक्टेड पंजीकृत 100 लोगों को चर्च में परमिशन दी जाएगी.

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कोविड-19 के नियमों के पालन

एक चर्च में 100 लोग हो सकते हैं पूजा में शामिल
उन्होंने बताया कि चर्च में प्रशासन की तरफ से मिली अनुमति के मुताबिक 100 लोगों को विशेष पूजा में बैठने का अवसर मिलेगा. इस तरह से शहर के अलग-अलग चर्च में लोग प्रार्थना करने आ सकेंगे. वहीं उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना की वजह से काफी कुछ बदलाव किए गए हैं.

1 सप्ताह से विशेष सजावट
150 साल पुराने क्राइस्ट मेथोडिस्ट चर्च समेत शहर के अन्य चर्च में इन दिनों रंग-रोगन किए जा रहे हैं. विशेष सजावट यहां की जा रही है. पिछले एक सप्ताह से शहर के कई चर्च पर रंग-रोगन किया गया है. शहर के चौकी चौराहा स्थित चर्च में तो विशेष तौर से पिछले 1 सप्ताह से पर्व को लेकर चर्च को बाहर से सजाया जा रहा है. सभी चर्च में इन दिनों होने वाली पूजा जहां दो शिफ्ट में होती है, वहीं यीशु मसीह के जन्मदिन के अवसर पर 20 तारीख को कैंडल लाइट सर्विस व कैरल गीत गाए जाएंगे. 25 दिसंबर को बड़ा दिन के मौके पर विशेष आराधना की जाएगी. पादरी सुनील मसीह ने बताया कि कोविड-19 नियमों का ठीक से पालन कराया जाएगा और उसी के चलते सिर्फ 100 लोगों को परमिशन दी गई है.

क्रिसमस पर मेलों में उमड़ती है भीड़, इस बार मेले नहीं
इस बार प्रभु ईसा मसीह के जन्मदिन के उत्सव में पहले जैसा माहौल ना होने से कई लोग मायूस भी हैं. गौरतलब है कि ईसा मसीह के जन्मदिन के कार्यक्रम के चलते 25 दिसंबर को चौकी चौराहा के समीप स्थित आयोजन के चलते रोड को भी बंद कर दिया जाता था, लेकिन इस बार कोरोना कारणों से यहां सब कुछ सामान्य नहीं है. गौरतलब है कि क्रिसमस-डे पर सिर्फ ईसाई ही नहीं अन्य धर्मों से जुड़े लोग भी चर्च के पास लगने वाले मेलों व आयोजनों में काफी संख्या में पहुंचते हैं लेकिन इस बार मेले या अन्य आयोजनों पर रोक है. जानकारी के मुताबिक शहरभर के चर्च अलग-अलग समय पर खुलेंगे. वहां पूजा होगी लेकिन महामारी की वजह से वो मंजर नहीं होगा जो हर वर्ष होता है.

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