बाराबंकी: जिले में दो दिन पहले कोविड का टीका लगवाने से डर कर नदी में कूदे कुछ ग्रामीणों की खबर को जिला प्रशासन ने गम्भीरता से लिया है. प्रशासन ने इसे कुछ शरारती लोगों द्वारा किया गया कार्य बताया है. इस खबर के बाद हरकत में आए स्वास्थ्य विभाग ने ग्रामीणों को टीके से होने वाले लाभों से अवगत कराया. स्वास्थ्य विभाग की टीम ने ग्रामीणों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करते हुए 20 लोगों का टीकाकरण भी किया है. सीएमओ ने बताया कि अब गांव में कोई प्रतिरोध नहीं है.
संशयवश नदी में कूदे ग्रामीण
रामनगर सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के सिसौंडा गांव में कोरोना वैक्सीन के टीकाकरण के प्रचार प्रसार के लिए स्वास्थ्य और राजस्व विभाग की संयुक्त टीम बीती 22 मई को गांव पहुंची थी. जागरूकता की कमी के चलते वैक्सीन लगवाने से बचने के लिए कुछ लोग गांव के किनारे से बह रही नदी में कूद गए थे. सीएमओ डॉ. बीकेएस चौहान ने बताया कि टीम को देखकर गांव के कतिपय शरारती लोग टीका लगाने वाली टीम समझकर संशयवश नदी में कूद गए थे.
मामले की जानकारी पर मचा हड़कम्प
मामले की जानकारी पर सीएमओ ने सीएचसी रामनगर के प्रभारी अधीक्षक डॉ. अविचल भटनागर के नेतृत्व में स्वास्थ्य टीम और गठित निगरानी समिति को एसडीएम रामनगर के साथ ग्राम सिसौंडा भेजा गया.
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गांव के लोगों को किया गया जागरूक
सीएमओ ने बताया कि निगरानी समिति और स्वास्थ्य विभाग की टीम द्वारा गांव के लोगों को कोविड टीकाकरण के बारे में विस्तृत जानकारी दी गई. साथ ही कोविड वैक्सिनेशन से होने वाले लाभ को बताया गया. सीएमओ डॉ. वीकेएस चौहान ने बताया कि गांव के 20 प्रभावशाली व्यक्तियों को तत्काल कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर भेजकर टीकाकरण करवाया गया.
खुशी खुशी टीकाकरण करवा रहे ग्रामीण
सीएमओ डॉ. बीकेएस चौहान ने बताया कि अब ग्रामीणों में कोई प्रतिरोध नहीं है. 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है. तमाम ग्रामीणों ने खुद टीका लगवाकर गांव के दूसरे लोगों को भी टीका लगवाने के लिए प्रेरित कर रहे हैं.