बाराबंकी: समाज में बीमारियां कम हो साथ ही लोगों का उनके घरेलू नुस्खे के आधार पर ही इलाज हो जाए, इसी को लेकर रविवार को बाराबंकी में 'यूनानी डे' का आयोजन किया गया. जिला पंचायत सभागार में आयोजित इस कार्यक्रम में जिले भर के तमाम यूनानी चिकित्सक शामिल हुए.
इस मौके पर चिकित्सकों ने यूनानी पद्धति को दूसरी चिकित्सा पद्धतियों से बेहतर बताते हुए कहा कि अगर रिसर्च के और बेहतर संसाधन मिल जाएं तो इस पैथी का कोई जवाब नहीं. चिकित्सकों ने यूनानी पद्धति को और बढ़ाने के लिए मंथन किया. चर्चा में निकलकर आया कि आयुष के गठन के बाद इस पैथी से जुड़े चिकित्सकों और हकीमों को लगा था कि अब इस पद्धति को चार चांद लग जाएंगे, लेकिन इस दिशा में उतने काम नहीं हुए, जितने कि इन लोगों को अपेक्षा थी.
इनके मुताबिक हर जिलों में डिस्पेंसरीज होनी चाहिए, जिला स्तर पर यूनानी अस्पताल हो. साथ ही दिनों दिन हो रही नई तकनीकों की खोज के चलते रिसर्च इंस्टीट्यूट होने चाहिए. यूनानी चिकित्सा पद्धति से जुड़े चिकित्सकों और हकीमों की मांग है कि दिल्ली की तर्ज पर उत्तर प्रदेश में भी मोहल्ला क्लीनिक खोले जाएं और उसमें यूनानी को शामिल किया जाए, तब न केवल इस पैथी को बढ़ावा मिलेगा बल्कि समाज को भी इसका भरपूर लाभ मिल सकेगा.
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