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"लर्निंग आउट कम एग्जाम" के जरिये परखा जा रहा परिषदीय स्कूलों के बच्चों का शैक्षिक स्तर

यूपी के बाराबंकी में लर्निंग आउटकम परीक्षा का आयोजन किया गया. इस परीक्षा का उद्देश्य बच्चों की शिक्षा में सुधार और शिक्षकों के पढ़ाने के ढंग का पता लगाना था. इसमें कक्षा 3 से लेकर कक्षा 8 तक के विद्यार्थी शामिल हुए.

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Published : Feb 20, 2020, 4:01 PM IST

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लर्निंग आउटकम परीक्षा का आयोजन

बाराबंकी: परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शासन तमाम कवायदें कर रहा है. इसी कड़ी में बाराबंकी में बुधवार को लर्निंग आउटकम परीक्षा का आयोजन किया गया. जिले के 3017 स्कूलों में हुई इस परीक्षा में लगभग 2 लाख 46 हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए. इस परीक्षा में कक्षा 3 से लेकर कक्षा 8 तक के स्टूडेंट्स शामिल हुए. इसके जरिये बच्चों की शिक्षा में सुधार और शिक्षकों के पढ़ाने के ढंग का आकलन किया जाएगा.

परखा जा रहा परिषदीय स्कूलों के बच्चों का शैक्षिक स्तर.
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को हर हाल में दुरुस्त करने के लिए शासन तमाम कवायदें कर रहा है. परीक्षा के जरिये बच्चों में सुधार का स्तर देखने के साथ साथ ये देखा जाएगा कि शिक्षकों को दी जा रही ट्रेनिंग का कितना फायदा हो रहा है.

बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पूरे जिले को 6 जोन और 16 सेक्टरों में बांट कर मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी. इस परीक्षा के जरिये बच्चों के लर्निंग आउटकम लेवल को बढ़ाया जा रहा है.

इससे पहले नवम्बर माह में भी लर्निंग आउट कम की परीक्षा ली गई थी लेकिन इस बार इसमें कई बदलाव किये गए थे. परीक्षा में कक्षा 3 और 4 के बच्चों को भी शामिल किया गया था. इसके साथ ही ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के साथ साथ लिखित सवाल भी शामिल किए गए थे.

प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर हुई इस परीक्षा से बच्चों में न केवल कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा बल्कि उनमें अभी से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी.

बाराबंकी: परिषदीय स्कूलों में शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने के लिए शासन तमाम कवायदें कर रहा है. इसी कड़ी में बाराबंकी में बुधवार को लर्निंग आउटकम परीक्षा का आयोजन किया गया. जिले के 3017 स्कूलों में हुई इस परीक्षा में लगभग 2 लाख 46 हजार छात्र-छात्राएं शामिल हुए. इस परीक्षा में कक्षा 3 से लेकर कक्षा 8 तक के स्टूडेंट्स शामिल हुए. इसके जरिये बच्चों की शिक्षा में सुधार और शिक्षकों के पढ़ाने के ढंग का आकलन किया जाएगा.

परखा जा रहा परिषदीय स्कूलों के बच्चों का शैक्षिक स्तर.
सरकारी स्कूलों में पढ़ाई की गुणवत्ता को हर हाल में दुरुस्त करने के लिए शासन तमाम कवायदें कर रहा है. परीक्षा के जरिये बच्चों में सुधार का स्तर देखने के साथ साथ ये देखा जाएगा कि शिक्षकों को दी जा रही ट्रेनिंग का कितना फायदा हो रहा है.

बोर्ड परीक्षा की तर्ज पर नकल विहीन परीक्षा कराने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा पूरे जिले को 6 जोन और 16 सेक्टरों में बांट कर मॉनिटरिंग के लिए जिला स्तरीय अधिकारियों को जिम्मेदारी दी गई थी. इस परीक्षा के जरिये बच्चों के लर्निंग आउटकम लेवल को बढ़ाया जा रहा है.

इससे पहले नवम्बर माह में भी लर्निंग आउट कम की परीक्षा ली गई थी लेकिन इस बार इसमें कई बदलाव किये गए थे. परीक्षा में कक्षा 3 और 4 के बच्चों को भी शामिल किया गया था. इसके साथ ही ऑब्जेक्टिव प्रश्नों के साथ साथ लिखित सवाल भी शामिल किए गए थे.

प्रतियोगी परीक्षाओं की तर्ज पर हुई इस परीक्षा से बच्चों में न केवल कॉन्फिडेंस लेवल बढ़ेगा बल्कि उनमें अभी से स्वस्थ प्रतिस्पर्धा की भावना बढ़ेगी.

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