बाराबंकी: जिले में किसान क्रांति के नेताओं ने रविवार को क्रांतिकारी मगंल पांडे का जन्मदिन मनाया. टिकैतनगर में मंगल पांडे की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर आजादी में उनके योगदान को याद किया. इस अवसर पर दल के प्रदेश सचिव रामजी तिवारी ने कहा कि भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत इन्होंने ही की थी. उनके बलिदान और योगदान को देश कभी नहीं भूल सकता है.
किसान नेताओं ने उनके योगदान को याद करते हुए कहा कि अंग्रेजों के सामने देश के बड़े-बड़े राजा और महाराजा ने हथियार डाल दिए थे. उस समय मंगल पांडे ने ईस्ट इंडिया कंपनी की भारतीय फौज में विद्रोह का बिगुल फूंका. 29 मार्च 1857 को सिपाही मंगल पांडे ने बैरकपुर बंगाल में अंग्रेज अफसरों पर पहली गोली चलाई और 8 अप्रैल 1857 के दिन अंग्रेजों ने उन्हें फांसी पर चढ़ा दिया. इसे लेकर 10 मई 1857 को भारतीय फौज ने मेरठ में विद्रोह कर दिया और भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम की शुरुआत हुई.
किसान क्रांति दल के प्रदेश सचिव रामजी तिवारी ने बताया कि मंगल पांडे हमारे देश के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी हैं और हम लोगों का कर्तव्य है कि अपने स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों का सम्मान करें. उन्होंने बताया कि 19 जुलाई 2018 को किसान क्रांति दल के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमरेश मिश्रा के द्वारा उनकी मूर्ति को विधानसभा लखनऊ के सामने लगाने का प्रयास किया गया, लेकिन अधिकारियों ने हमारे राष्ट्रीय अध्यक्ष को नजरबंद कर दिया और कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया गया. प्रदेश सचिव ने कहा कि साल 2021 में मंगल पांडे की मूर्ति विधानसभा के सामने लगाई जाएगी. इसके लिए प्रदेश और केंद्र सरकार से अनुमति मांगी जाएगी. अगर अनुमति नहीं मिली, तो भी प्रतिमा को वहां पर लगाया जाएगा. इसके लिए चाहे कितनी भी लड़ाई लड़नी पड़े.