बाराबंकी: कोरोना संकट से तबाह हो चुकी बाराबंकी की अर्थव्यवस्था को फिर से पटरी पर वापस लाने के लिए न केवल जिले का उद्योग विभाग, बल्कि इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन (आईआईए) की जिला इकाई ने कमर कस ली है. सोमवार को आईआईए के पदाधिकारियों और उद्योग विभाग ने बैठक कर इसके लिए खास रणनीति तैयार की.
कोरोना संकट के चलते हुए लॉकडाउन ने बाराबंकी की अर्थव्यवस्था को गहरा धक्का पहुंचाया है. तकरीबन 17 हजार उद्योग-धंधे यहां संचालित होते हैं. लॉकडाउन के चलते आवश्यक वस्तुओं के उत्पादन वाली घरेलू यूनिटों को छोड़कर जिले के सभी उद्योग-धंधे बंद थे. इसके चलते करीब 100 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है.
सोमैया नगर और कुर्सी इंडस्ट्रियल एरिया की सूबे में खासी पहचान है, जहां हजारों इंडस्ट्रीज संचालित होती हैं. इन उद्योग-धंधों से न केवल तमाम लोगों को रोजगार मिल रहा था, बल्कि सरकार को हर वर्ष खासा राजस्व भी मिलता था. लॉकडाउन में ये फैक्ट्रियां थीं. उत्पादन बिल्कुल ठप हो गया. ट्रांसपोर्टेशन बंद हुआ तो पहले का बना माल भी बाजार में नहीं जा सका. काम नहीं होने से मजदूर भी धीरे-धीरे चले गए.
काफी लंबे लॉकडाउन के बाद अब एक बार फिर से ये उद्योग-धंधे गुलजार हों, इसके लिए कोशिशें शुरू हो गई हैं. मजदूरों की कमी को पूरा करने के लिए प्रवासी मजदूरों की डिमांड फैक्ट्री मालिक करने लगे हैं. इंडियन इंडस्ट्रीज एसोसिएशन उद्यमियों द्वारा मजदूरों की डिमांड विभाग से बताएगा और विभाग जरूरत के मुताबिक मजदूर उपलब्ध कराएगा.