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बाराबंकी: 'प्रेरणा' ऐप के जरिए अब बेसिक शिक्षा विभाग स्कूलों की गतिविधियों पर रखेगा नजर

परिषदीय स्कूलों की गतिविधियों और लापरवाह शिक्षकों पर लगाम कसने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग ने 'प्रेरणा' ऐप लॉन्च किया है. इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है. इस अनूठे प्रयोग को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों में खासा उत्साह है.

प्रेरणा एप से स्कूलों में लगेगी शिक्षकों की हाजिरी.
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Published : Aug 10, 2019, 5:53 PM IST

बाराबंकी: परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य में लापरवाही, अव्यवस्था, एमडीएम में गड़बड़ी और बिना बताए स्कूलों से गायब रहने की परंपरा अब नहीं चलेगी. बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल की सारी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक 'प्रेरणा' ऐप लॉन्च किया है. सूबे के तीन जिलों लखनऊ, कानपुर नगर और बाराबंकी में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है.

प्रेरणा एप से स्कूलों में लगेगी शिक्षकों की हाजिरी.


लापरवाह शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए किया गया ऐप लॉन्च-
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और लापरवाह शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग नए-नए प्रयोग कर रहा है. अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की तर्ज पर मॉडल स्कूलों का निर्माण, दीक्षा ऐप के जरिये शिक्षण कार्य, एमडीएम की मॉनिटरिंग के लिए वाट्सऐप ग्रुप और सेल्फी जैसे प्रोजेक्टों के जरिये स्कूलों में शैक्षणिक माहौल के लिए विभाग हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. अब विभाग ने एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है. बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित योजनाओं का समेकित अनुश्रवण और बेहतर क्रियान्वयन के लिए इंटीग्रेटेड तकनीकी फ्रेमवर्क बनाया जा रहा है. इसके तहत स्कूलों के प्रधानाचार्य को एक टेबलेट दिया जाएगा, जिसमें प्रेरणा ऐप रहेगा.

पढ़ें:- सोनभद्र: BSA की चेतावनी, 16 अगस्त तक बर्खास्त हो सकते हैं 13 शिक्षक

क्या होगा इस 'प्रेरणा' ऐप में-
इस ऐप में 6 मॉड्यूल्स रहेंगे.

  1. मानव संपदा शिक्षक अधिष्ठान मॉड्यूल- इसमें शिक्षकों का विभिन्न प्रकार का विवरण, अवकाश सेवा पुस्तिका, जीपीएफ वगैरह का विवरण दर्ज होगा.
  2. ऑपरेशन कायाकल्प मॉड्यूल- इसके अंतर्गत प्रधानाध्यापक अपने विद्यालय से संबंधित सारी व्यवस्थाओं की सूचना निर्धारित प्रारूप पर अंकित करेंगे. जैसे ब्लैक बोर्ड की उपलब्धता, पेयजल की व्यवस्था, शौचालय, रसोईघर, स्कूल की रंगाई पुताई, बेंच की व्यवस्था का विवरण दर्ज करना होगा.
  3. मिड डे मील मॉड्यूल- इसके अंतर्गत अध्यापक को ऐप के माध्यम से एमडीएम देते समय बच्चों की ग्रुप फोटो अपलोड करनी होगी और संख्या भी लिखनी होगी.
  4. निरीक्षण मॉड्यूल- इसमें स्कूलों में अधिकारियों द्वारा समय समय पर होने वाले निरीक्षण को अपलोड किया जाएगा.
  5. एसएमसी एक्टिविटी मॉड्यूल- इसके अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति को लॉगिन और पासवर्ड दिया जाएगा. इसके जरिये समिति के लोग विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों की फोटो अपलोड करेंगे. जैसे एसएमसी की बैठक, खेलकूद, यूनिफॉर्म वितरण, एमडीएम, पाठ्य पुस्तकों का वितरण और सांस्कृतिक गतिविधियां वगैरह अपलोड की जाएंगी.
  6. उपस्थिति मॉड्यूल- इसके अंतर्गत विद्यालय के खुलने और बंद होने का टाइम ऐप के जरिए अपलोड करना होगा. साथ ही शिक्षक खुद की और छात्रों की फोटो भी अपलोड करेंगे. फोटो के साथ उपस्थिति संख्या भी अपलोड की जाएगी.

पढ़ें:- बुलंदशहर: मिड डे मिल में अपने हाथों से उगाई सब्जियां खाएंगे छात्र

यह प्रयोग अभी लखनऊ, कानपुर नगर और बाराबंकी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है. इसकी सफलता के बाद इसे पूरे सूबे में लागू किया जाएगा. इस अनूठे प्रयोग को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत शिक्षकों में खासा उत्साह है. मानना है इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि इससे शिक्षकों को भी खासा लाभ होगा.

बाराबंकी: परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य में लापरवाही, अव्यवस्था, एमडीएम में गड़बड़ी और बिना बताए स्कूलों से गायब रहने की परंपरा अब नहीं चलेगी. बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल की सारी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक 'प्रेरणा' ऐप लॉन्च किया है. सूबे के तीन जिलों लखनऊ, कानपुर नगर और बाराबंकी में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है.

प्रेरणा एप से स्कूलों में लगेगी शिक्षकों की हाजिरी.


लापरवाह शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए किया गया ऐप लॉन्च-
शिक्षा की गुणवत्ता बढ़ाने और लापरवाह शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग नए-नए प्रयोग कर रहा है. अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की तर्ज पर मॉडल स्कूलों का निर्माण, दीक्षा ऐप के जरिये शिक्षण कार्य, एमडीएम की मॉनिटरिंग के लिए वाट्सऐप ग्रुप और सेल्फी जैसे प्रोजेक्टों के जरिये स्कूलों में शैक्षणिक माहौल के लिए विभाग हर मुमकिन कोशिश कर रहा है. अब विभाग ने एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है. बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित योजनाओं का समेकित अनुश्रवण और बेहतर क्रियान्वयन के लिए इंटीग्रेटेड तकनीकी फ्रेमवर्क बनाया जा रहा है. इसके तहत स्कूलों के प्रधानाचार्य को एक टेबलेट दिया जाएगा, जिसमें प्रेरणा ऐप रहेगा.

पढ़ें:- सोनभद्र: BSA की चेतावनी, 16 अगस्त तक बर्खास्त हो सकते हैं 13 शिक्षक

क्या होगा इस 'प्रेरणा' ऐप में-
इस ऐप में 6 मॉड्यूल्स रहेंगे.

  1. मानव संपदा शिक्षक अधिष्ठान मॉड्यूल- इसमें शिक्षकों का विभिन्न प्रकार का विवरण, अवकाश सेवा पुस्तिका, जीपीएफ वगैरह का विवरण दर्ज होगा.
  2. ऑपरेशन कायाकल्प मॉड्यूल- इसके अंतर्गत प्रधानाध्यापक अपने विद्यालय से संबंधित सारी व्यवस्थाओं की सूचना निर्धारित प्रारूप पर अंकित करेंगे. जैसे ब्लैक बोर्ड की उपलब्धता, पेयजल की व्यवस्था, शौचालय, रसोईघर, स्कूल की रंगाई पुताई, बेंच की व्यवस्था का विवरण दर्ज करना होगा.
  3. मिड डे मील मॉड्यूल- इसके अंतर्गत अध्यापक को ऐप के माध्यम से एमडीएम देते समय बच्चों की ग्रुप फोटो अपलोड करनी होगी और संख्या भी लिखनी होगी.
  4. निरीक्षण मॉड्यूल- इसमें स्कूलों में अधिकारियों द्वारा समय समय पर होने वाले निरीक्षण को अपलोड किया जाएगा.
  5. एसएमसी एक्टिविटी मॉड्यूल- इसके अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति को लॉगिन और पासवर्ड दिया जाएगा. इसके जरिये समिति के लोग विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों की फोटो अपलोड करेंगे. जैसे एसएमसी की बैठक, खेलकूद, यूनिफॉर्म वितरण, एमडीएम, पाठ्य पुस्तकों का वितरण और सांस्कृतिक गतिविधियां वगैरह अपलोड की जाएंगी.
  6. उपस्थिति मॉड्यूल- इसके अंतर्गत विद्यालय के खुलने और बंद होने का टाइम ऐप के जरिए अपलोड करना होगा. साथ ही शिक्षक खुद की और छात्रों की फोटो भी अपलोड करेंगे. फोटो के साथ उपस्थिति संख्या भी अपलोड की जाएगी.

पढ़ें:- बुलंदशहर: मिड डे मिल में अपने हाथों से उगाई सब्जियां खाएंगे छात्र

यह प्रयोग अभी लखनऊ, कानपुर नगर और बाराबंकी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है. इसकी सफलता के बाद इसे पूरे सूबे में लागू किया जाएगा. इस अनूठे प्रयोग को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत शिक्षकों में खासा उत्साह है. मानना है इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा, बल्कि इससे शिक्षकों को भी खासा लाभ होगा.

Intro:बाराबंकी ,10 अगस्त । परिषदीय स्कूलों में शिक्षण कार्य मे लापरवाही, अव्यवस्था ,एमडीएम में की जाने वाली गड़बड़ी और बिना बताए स्कूलों से गायब रहने की परम्परा अब नही चलेगी क्योंकि बेसिक शिक्षा विभाग ने स्कूल की सारी गतिविधियों पर नजर रखने के लिए एक "प्रेरणा" ऐप लॉन्च किया है । सूबे के तीन जिलों लखनऊ,कानपुर नगर और बाराबंकी में इसे पायलट प्रोजेक्ट के रूप में शुरू किया गया है । बेसिक शिक्षा विभाग का ये अनूठा प्रयोग अगर सफल रहा तो इसे सूबे के सभी जिलों में लागू किया जाएगा ।


Body:वीओ - शिक्षा की गुणवत्ता बढाने और लापरवाह शिक्षकों पर लगाम लगाने के लिए बेसिक शिक्षा विभाग नित नए प्रयोग कर रहा है । कभी अंग्रेजी मीडियम स्कूलों की तर्ज पर मॉडल स्कूलों का निर्माण तो कभी दीक्षा ऐप के जरिये शिक्षण कार्य ,एमडीएम की मॉनिटरिंग के लिए व्हाट्सऐप ग्रुपऔर शतप्रतिशत समय पर उपस्थिति के लिए सेल्फी जैसे प्रोजेक्टों के जरिये स्कूलों में शैक्षणिक माहौल के लिए विभाग हर मुमकिन कोशिश कर रहा है । अब विभाग ने एक नया प्रोजेक्ट शुरू किया है । बेसिक शिक्षा विभाग में संचालित योजनाओं का समेकित अनुश्रवण और बेहतर क्रियान्वयन के लिए इंटीग्रेटेड तकनीकी फ्रेमवर्क बनाया जा रहा है । इसके तहत स्कूलों के प्रधानाचार्य को एक टेबलेट दिया जाएगा जिसमे प्रेरणा ऐप रहेगा ।

क्या रहेगा इस "प्रेरणा"ऐप में
इस ऐप में 6 मॉड्यूल्स रहेंगे

1- मानव संपदा शिक्षक अधिष्ठान मॉड्यूल - इसमें शिक्षकों का विभिन्न प्रकार का विवरण, अवकाश सेवा पुस्तिका, जीपीएफ वगैरह का विवरण दर्ज होगा ।

2- ऑपरेशन कायाकल्प मॉड्यूल - इसके अंतर्गत प्रधानाध्यापक द्वारा अपने विद्यालय से संबंधित सारी व्यवस्थाओं की सूचना निर्धारित प्रारूप पर अंकित की जाएंगी जैसे ब्लैक बोर्ड की उपलब्धता ,पेयजल की व्यवस्था ,विद्यालय में हैंड वॉश की व्यवस्था ,शौचालय ,रसोईघर , स्कूल की रंगाई पुताई , बेंच, रैम्प की व्यवस्था का विवरण दर्ज करना होगा ।

3- मिड डे मील मॉड्यूल - इसके अंतर्गत अध्यापक द्वारा ऐप के माध्यम से एमडीएम देते समय बच्चों की ग्रुप फोटो अपलोड करनी होगी और संख्या भी लिखनी होगी ।

4- निरीक्षण मॉड्यूल - इसमें स्कूलों में अधिकारियों द्वारा समय समय पर होने वाले निरीक्षण को अपलोड किया जाएगा ।

5- एसएमसी एक्टिविटी मॉड्यूल - इसके अंतर्गत विद्यालय प्रबंधन समिति को लॉगिन और पासवर्ड दिया जाएगा जिसके जरिए समिति के लोग विद्यालय में विभिन्न गतिविधियों की फोटो अपलोड करेंगे जैसे एसएमसी की बैठक ,खेलकूद, यूनिफॉर्म वितरण ,एमडीएम ,पाठ्य पुस्तकों का वितरण और सांस्कृतिक गतिविधियां वगैरह अपलोड की जाएंगी ।

6- उपस्थिति मॉड्यूल - इसके अंतर्गत विद्यालय के खुलने और बंद होने का टाइम ऐप के जरिए अपलोड करना होगा । साथ ही शिक्षकों द्वारा खुद की और छात्रों की फोटो भी अपलोड करनी होगी । फोटो के साथ उपस्थिति संख्या भी अपलोड की जाएगी ।

फिलहाल ये प्रयोग अभी लखनऊ, कानपुर नगर और बाराबंकी जिले में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में लागू किया जा रहा है । इसकी सफलता के बाद इसे पूरे सूबे में लागू किया जाएगा।
बाईट - वीपी सिंह , जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी बाराबंकी

वीओ - बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा लागू किए जा रहे इस अनूठे प्रयोग को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों समेत शिक्षकों में खासा उत्साह है । इनका मानना है इससे न केवल शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा बल्कि इससे शिक्षकों को भी खासा लाभ होगा।
बाईट - आरके द्विवेदी , खण्ड शिक्षाधिकारी


Conclusion:बेसिक शिक्षा विभाग द्वारा शुरू किए गए इस अनूठे प्रयोग को लेकर शिक्षा विभाग के अधिकारियों और शिक्षकों में खासा उत्साह है । इनका मानना है कि इससे जहां शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार होगा वहीं शिक्षकों को भी लाभ होगा ।

रिपोर्ट - अलीम शेख बाराबंकी
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