बाराबंकी: जिले में एक अनोखा दुर्गा पंडाल पिछले 15 सालों से लगाया जा रहा है. आवास विकास कॉलोनी के बड़े पार्क में दुर्गा पंडाल हर साल लगाया जाता है. इस पंडाल में इस बात का ख्याल रखा जाता है कि भक्तों को ठीक उसी प्रकार की अनुभूति हो जैसा कि वैष्णो देवी मंदिर में दर्शन करने पर होती है.
इस दुर्गा पंडाल में जो ज्योति जलती है वह ज्वाला देवी मंदिर से जागृत कर 7 दिनों की यात्रा के बाद यहां लाई जाती है. नवरात्रि के उपरांत मूर्ति विसर्जन के साथ घाघरा में विसर्जित कर दी जाती है. इस दुर्गा पंडाल में भगवान अमरनाथ के भी दर्शन कराए जाते हैं और प्रतिदिन बर्फ से शिवलिंग का निर्माण किया जाता है.
लखनऊ के कारीगरों ने तैयार किया पंडाल
यह पूरा आयोजन आशुतोष वर्मा का देख-रेख में होता है. ईटीवी भारत ने जब आशुतोष वर्मा से बात की तो उन्होंने बताया कि 15 वर्षों से यह आयोजन होता चला आ रहा है. लोगों के सहयोग से दिन-प्रतिदिन माता रानी का आशीर्वाद मिल रहा है. अमरनाथ जी के शिवलिंग के आकार की छाया, माता ज्वाला देवी की ज्योत, वैष्णो देवी एवं भैरव भैया की विशेष प्रतिमाएं लोगों के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केंद्र हैं.
आशुतोष वर्मा ने बताया कि इस दुर्गा पंडाल को देखने के लिए हजारों की संख्या में लोग 9 दिन तक दर्शन करते हैं. नवमी के दिन विशेष भीड़ रही. वास्तव में यह दुर्गा पंडाल अपने आप में अनोखा और अद्वितीय है. इस खास दुर्गा पंडाल में जाने के लिए हमने भी अपने सैनिकों को जम्मू-कश्मीर-लद्दाख परिक्षेत्र में सलामी देने के लिए उसी तरीके का वस्त्र धारण किया.