बांदा: खेतों में जलभराव की समस्या को लेकर सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची और प्रधान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को प्रधान द्वारा जबरन बंद कराने का आरोप लगाते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. साथ ही पानी की निकासी की व्यवस्था कराए जाने की मांग की. पीड़ित महिलाओं ने कहा कि जलभराव के चलते धान की फसल नहीं हो पा रही है. जिसके चलते उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा, इसलिए उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए.
महिलाओं ने प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा
- मामला गिरवा थाना क्षेत्र के सरस्वाही गांव का है.
- गांव के लगभग 40 बीघे खेतों में जलभराव की समस्या है, जिसके चलते धान की फसल नहीं हो पा रही है.
- जलभराव की समस्या को लेकर मंगलवार को सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची.
- महिलाओं ने पानी की निकासी की व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा.
- महिलाओं ने प्रधान पर चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को बंद कराने का आरोप लगाया है.
- प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने धान की रोपाई न कर पाने के चलते मुआवजा दिए जाने की भी मांग की.
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40 बीघे खेतों में पानी भरा हुआ है. प्रधान ने चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को पाट दिया है और नई सड़क बना दी है. जिसके चलते वहां पानी भर गया है और पानी की निकासी की वहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए हमारी मांग है कि धान की फसल में जो हमारा नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया.
-सूरजकली, ग्रामीण