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बांदा : जलभराव की समस्या को लेकर महिलाओं का कलेक्ट्रेट में प्रदर्शन

उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में महिला किसानों ने गांव के प्रधान के खिलाफ मोर्चा खोला है. महिलाओं ने प्रधान पर पानी निकासी की नालियों को पाटकर सड़क बनाने का आरोप लगाया है. नालियों के पाटने से किसानों के खेतों में जल जमाव हो गया है, जिससे उनकी धान की फसल बर्बाद हो गई है.

महिलाओं ने प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा.
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Published : Sep 3, 2019, 7:32 PM IST

बांदा: खेतों में जलभराव की समस्या को लेकर सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची और प्रधान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को प्रधान द्वारा जबरन बंद कराने का आरोप लगाते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. साथ ही पानी की निकासी की व्यवस्था कराए जाने की मांग की. पीड़ित महिलाओं ने कहा कि जलभराव के चलते धान की फसल नहीं हो पा रही है. जिसके चलते उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा, इसलिए उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए.

महिलाओं ने प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा.

महिलाओं ने प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा

  • मामला गिरवा थाना क्षेत्र के सरस्वाही गांव का है.
  • गांव के लगभग 40 बीघे खेतों में जलभराव की समस्या है, जिसके चलते धान की फसल नहीं हो पा रही है.
  • जलभराव की समस्या को लेकर मंगलवार को सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची.
  • महिलाओं ने पानी की निकासी की व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा.
  • महिलाओं ने प्रधान पर चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को बंद कराने का आरोप लगाया है.
  • प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने धान की रोपाई न कर पाने के चलते मुआवजा दिए जाने की भी मांग की.

पढ़ें- बांदा: महिला SDM की अनोखी पहल, जमानत के बदले दे रहीं 'हरियाली दंड'

40 बीघे खेतों में पानी भरा हुआ है. प्रधान ने चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को पाट दिया है और नई सड़क बना दी है. जिसके चलते वहां पानी भर गया है और पानी की निकासी की वहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए हमारी मांग है कि धान की फसल में जो हमारा नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया.
-सूरजकली, ग्रामीण

बांदा: खेतों में जलभराव की समस्या को लेकर सैकड़ों ग्रामीण महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची और प्रधान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया. साथ ही चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को प्रधान द्वारा जबरन बंद कराने का आरोप लगाते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा. साथ ही पानी की निकासी की व्यवस्था कराए जाने की मांग की. पीड़ित महिलाओं ने कहा कि जलभराव के चलते धान की फसल नहीं हो पा रही है. जिसके चलते उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा, इसलिए उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए.

महिलाओं ने प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा.

महिलाओं ने प्रधान के खिलाफ खोला मोर्चा

  • मामला गिरवा थाना क्षेत्र के सरस्वाही गांव का है.
  • गांव के लगभग 40 बीघे खेतों में जलभराव की समस्या है, जिसके चलते धान की फसल नहीं हो पा रही है.
  • जलभराव की समस्या को लेकर मंगलवार को सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची.
  • महिलाओं ने पानी की निकासी की व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा.
  • महिलाओं ने प्रधान पर चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को बंद कराने का आरोप लगाया है.
  • प्रदर्शन कर रहीं महिलाओं ने धान की रोपाई न कर पाने के चलते मुआवजा दिए जाने की भी मांग की.

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40 बीघे खेतों में पानी भरा हुआ है. प्रधान ने चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को पाट दिया है और नई सड़क बना दी है. जिसके चलते वहां पानी भर गया है और पानी की निकासी की वहां पर कोई व्यवस्था नहीं है. इसलिए हमारी मांग है कि धान की फसल में जो हमारा नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया.
-सूरजकली, ग्रामीण

Intro:SLUG- खेतों में जलभराव की समस्या को लेकर सैकड़ों की तादाद में महिलाओं ने कलेक्ट्रेट में किया प्रदर्शन
PLACE- BANDA
REPORT- ANAND TIWARI
DATE- 03.09.19
ANCHOR- बांदा में आज खेतों में जलभराव की समस्या को लेकर सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण महिलाएं कलेक्ट्रेट पहुंची और प्रधान के खिलाफ जमकर प्रदर्शन किया। साथ ही चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को प्रधान द्वारा जबरन बंद कराने का आरोप लगाते हुए सिटी मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपा और पानी की निकासी की व्यवस्था कराए जाने की मांग की। महिलाओं ने कहा कि जलभराव के चलते धान की फसल नहीं हो पा रही है । जिसके चलते उनके सामने भुखमरी का संकट खड़ा हो जाएगा इसलिए उन्हें उचित मुआवजा दिया जाए।


Body:वीओ- आपको बता दें कि पूरा मामला गिरवा थाना क्षेत्र के सरस्वाही गांव का है। जहां पर लगभग 40 बीघे खेतों में जलभराव की समस्या है । जिसके चलते लोगों की धान की फसलें नहीं हो पा रही हैं और इसी समस्या को लेकर आज कलेक्ट्रेट में सैकड़ों की तादाद में ग्रामीण महिलाएं पहुंची और पानी की निकासी की व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी को संबोधित ज्ञापन सिटी मजिस्ट्रेट को सौंपा । और प्रधान पर चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को बंद कराने का आरोप लगाया व धान की रोपाई ना कर पाने के चलते मुआवजा दिए जाने की भी मांग की ।


Conclusion:वीओ- महिलाओं ने बताया कि उनके यहां लगभग 40 बीघे खेतों में पानी भरा हुआ है । प्रधान ने चकबंदी के दौरान पहले से बनी नालियों को पाट दिया है। और नई सड़क बना दी है जिसके चलते वहां पानी भर गया है और पानी की निकासी की वहां पर कोई व्यवस्था नहीं है । साथ ही प्रधान ने जियो टैगिंग में पुलिया निर्माण और रोड निर्माण की बात कही है । मगर मौके पर पानी की निकासी के लिए किसी भी तरह की कोई पुलिया नहीं बनाई गई। इसलिए हमारी मांग है कि इस धान की फसल में जो हमारा नुकसान हुआ है उसका मुआवजा दिया जाए साथ ही पानी की निकासी की व्यवस्था भी कराई जाए।

बाइट: सुशीला, ग्रामीण
बाइट: रनिया, ग्रामीण
बाइट: सूरजकली, ग्रामीण

ANAND TIWARI
BANDA
9795000076
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