बांदा: बेरोजगारी दिवस पर जिले के अलग-अलग इलाकों में कई छात्र संगठनों के बैनर तले काफी छात्र प्रदर्शन करते हुए कलेक्ट्रेट पहुंचे. यहां पर उन्होंने बेरोजगारी, निजीकरण और संविदा नियमावली 2020 के विरोध में धरना-प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान कलेक्ट्रेट कैंपस के बाहर बैरिकेडिंग लगाकर पुलिस बल ने उन्हें रोक लिया और कलेक्ट्रेट के अंदर नहीं घुसने दिया. छात्रों और पुलिस प्रशासन के बीच नोक-झोंक भी हुई.
प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि सरकारी नौकरी में सरकार पहले पांच वर्ष संविदा पर काम करवाने जा रही है. इसका हम विरोध कर रहे हैं. आवश्यक सेवानिवृत्त भी सरकार 50 वर्ष में कर रही है. इसके अलावा वह निजीकरण कर रही है. नौकरी देने के दौरान अभी वर्तमान में प्रोबेशन मौजूद है, फिर इस संविदा नियम का कोई मतलब नहीं है.
छात्रों ने कहा कि सरकार चाहती है कि हम देश भक्ति करें, लेकिन अगर हमारा पेट नहीं भरेगा, हमारा खर्च नहीं चलेगा तो कैसे देशभक्ति होगी. इसलिए हमारी मांग है कि सरकार सरकारी नियमावली 2020 को वापस ले और जबरन आवश्यक सेवानिवृत्ति के प्रस्ताव को भी वापस ले. प्रदर्शन कर रहे छात्रों ने बताया कि अगर उनकी मांगों को पूरा नहीं किया गया तो वह लखनऊ में उग्र प्रदर्शन करेंगे.