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बलरामपुर : पांच साल से कुआनो नदी पर बन रहा है पुल, नहीं खत्म हो रहा ग्रामीणों का इंतजार

जिले के सदुल्लानगर थाना क्षेत्र के एक गांव में कुआनो नदी पर पिछले पांच सालों से एक पुल बन रहा है. पिछले पांच साल पहले शुरू हुए निर्माण का काम आधे में लटका हुआ है. ग्रामीणों के लिए इस अधूरे पुल के अलावा और भी कई मुद्दे हैं. इनके पास न तो अस्पताल है और न ही ढंग का प्राथमिक विद्यालय है.

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Published : May 5, 2019, 11:40 PM IST

पांच साल से ग्रामीण कर रहे पुल पूरा होने का इंतजार

बलरामपुर : ग्रामीण विकास के लिए तरसते रहे, लेकिन न किसी जनप्रतिनिधि को आना था और न आए. रमवापुर ग्रिन्ट से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर स्थित चोरघटा ग्रामसभा की सबसे मूल समस्या है यहां पर पिछले 5 सालों से बन रहे पुल का अधूरा होना. इसके अतिरिक्त इस गांव की कुछ अन्य समस्याएं भी हैं.

पांच साल से ग्रामीण कर रहे पुल पूरा होने का इंतजार
  • इस पुल को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है इस पर उनका कहना है कि पिछले 5 सालों से पुल बन रहा है, लेकिन जस का तस अधूरा पड़ा हुआ है.
  • इस पुल के ना बनने के कारण कई लोग चोटिल हो चुके हैं.
  • यहां पर अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी हो जाती है तो डुमरियागंज या सादुल्लाह नगर जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
  • स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है. इस वजह से कभी समय पर यदि कोई अस्पताल नहीं पहुंच पाता तो वह मर भी जाता है.

पिछले 5 सालों में हमारी सुध लेने के लिए ना तो कोई नेता आया और ना ही सांसद, विधायक. यहां के सांसद और विधायक जैसे हमसे वोट लेकर हमें भूल से ही गए हैं. तमाम सुविधाओं के बीच हम आज भी अपने जीवन यापन को मजबूर है. इसके साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पानी से जुड़ी समस्याएं भी अहम है.
रामदास स्थानीय निवासी

बलरामपुर : ग्रामीण विकास के लिए तरसते रहे, लेकिन न किसी जनप्रतिनिधि को आना था और न आए. रमवापुर ग्रिन्ट से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर स्थित चोरघटा ग्रामसभा की सबसे मूल समस्या है यहां पर पिछले 5 सालों से बन रहे पुल का अधूरा होना. इसके अतिरिक्त इस गांव की कुछ अन्य समस्याएं भी हैं.

पांच साल से ग्रामीण कर रहे पुल पूरा होने का इंतजार
  • इस पुल को लेकर ग्रामीणों में नाराजगी है इस पर उनका कहना है कि पिछले 5 सालों से पुल बन रहा है, लेकिन जस का तस अधूरा पड़ा हुआ है.
  • इस पुल के ना बनने के कारण कई लोग चोटिल हो चुके हैं.
  • यहां पर अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी हो जाती है तो डुमरियागंज या सादुल्लाह नगर जाने के लिए काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ता है.
  • स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है. इस वजह से कभी समय पर यदि कोई अस्पताल नहीं पहुंच पाता तो वह मर भी जाता है.

पिछले 5 सालों में हमारी सुध लेने के लिए ना तो कोई नेता आया और ना ही सांसद, विधायक. यहां के सांसद और विधायक जैसे हमसे वोट लेकर हमें भूल से ही गए हैं. तमाम सुविधाओं के बीच हम आज भी अपने जीवन यापन को मजबूर है. इसके साथ ही स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क, पानी से जुड़ी समस्याएं भी अहम है.
रामदास स्थानीय निवासी

Intro:जिले के सदुल्लानगर थाना क्षेत्र में एक गांव पड़ता है। नाम है चोरघटा। यहां पर पिछले पांच सालों से एक पुल बन रहा है कुआनो नदी पर। पिछले पांच साल पहले शुरू हुए इस का निर्माण आधे में लटका है। ग्रामीण विकास के लिए तरसते रहे लेकिन न किसी जनप्रतिनिधि को आना था, न आए। ग्रामीणों के लिए इस अधूरे पुल के अलावा और भी कई मुद्दे है। इनके पास न तो अस्पताल है और न ही ढंग का प्राथमिक विद्यालय। ऐसे में जनप्रतिनिधियों द्वारा किए गए विकास कार्यों और यहाँ की जनता सवाल खड़ी करती दिख है।


Body:रमवापुरग्रिन्ट से तकरीबन तीन किलोमीटर दूर स्थित है चोरघटा ग्रामसभा। ग्रामसभा की सबसे मूल समस्या है। यहां पर पिछले 5 सालों से बन रहे पुल का अधूरा होना। इसके अतिरिक्त इस गांव की कुछ अन्य समस्याएं भी हैं। जब हम इस ग्राम सभा में स्थित उस अधूरे पुल के पास पहुंचे तो उससे पहले एक दुकान देखें जहां पर कुछ लोग इकट्ठा दिखाई दिए। हमने उन लोगों से बात करने की कोशिश की और उनसे उनकी समस्याओं को जानने का प्रयास किया नाम के व्यक्ति ने हमसे बात करते हुए कहा कि आपको पिछले 5 सालों से बन रहा है। लेकिन जस का तस अधूरा पड़ा हुआ है। इस पुल के ना बनने के कारण कई लोग चोटिल हो चुके हैं। यहां पर अगर कोई मेडिकल इमरजेंसी हो जाती है तो डुमरियागंज या सादुल्लाह नगर जाने के लिए काफी पापड़ बेलने पड़ते हैं। स्वास्थ्य सुविधाओं की बेहद कमी है। इस वजह से कभी समय पर यदि कोई अस्पताल नहीं पहुंच पाता तो वह मर भी जाता है।
वहीं, रामदास ने हमसे बात करते हुए कहा कि पिछले 5 सालों में हमारी सुध लेने के लिए ना तो कोई नेता आया और ना ही सांसद विधायक। यहां के सांसद और विधायक जैसे हमसे वोट लेकर हमें भूल से ही गए हैं। तमाम सुविधाओं के बीच हम आज भी अपने जीवन यापन को मजबूर हैं।
वहीं मुंह से नाम के व्यक्ति ने हमसे बात करते हुए कहा कि हमारे ग्राम सभा में स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है।


Conclusion:कुल मिलाकर गांव वालों की अपेक्षाओं पर उनके जनप्रतिनिधि 5 सालों में खरे नहीं उतर सके। गांव वालों के लिए उनका अधूरा खड़कपुर आज भी एक बड़ा मुद्दा है। इसके साथ ही उनके लिए यहां पर स्वास्थ्य शिक्षा सड़क पानी से जुड़ी समस्याएं भी अहम है।
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