बलरामपुर: एक तरफ किसान अपनी फसल बचाने के लिए कई तरह की तरकीबें लगा रहे हैं, तो वहीं गोवंश किसानों की फसलें बर्बाद कर रहे हैं. कहीं न कहीं किसान गोवंशों से खासा परेशान हैं. नाराजगी का आलम यह है कि अब किसान सरकार द्वारा दिए गए प्रोजेक्ट को भी नकार रही है.
शायद किसानों की इसी नाराजगी को दूर करने के लिए योगी सरकार ने न्याय पंचायत और नगर निकाय स्तर पर पशु आश्रय स्थल और गोशालाओं का निर्माण करवाया था, लेकिन पशु आश्रय स्थलों और गोशालाओं में न तो गोवंश टिक रहे हैं और न ही गोशालाओं का सही तरीके से इस्तेमाल किया जा रहा है. लाखों की लागत से बने ये प्रोजेक्ट सरकारी योजनाओं पर पलीता लगा रहे हैं.
क्या कहते हैं सरकारी आंकड़े
गोवंशों के लिए योगी आदित्यनाथ की अगुवाई वाली सरकार जिले में अब तक 6 करोड़ से ज़्यादा का बजट पास कर चुकी है. इनमें से ज्यादातर बजट महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोज़गार योजना के अंतर्गत बनाए गए हैं. अगर जिला पशु विभाग के आंकड़ों को देखा जाए, तो गोशाला में अभी 1810 गोवंश पाले जा रहे हैं.
ग्रामीणों का दर्द
ग्रामीणों ने बताया कि आवारा पशु द्वारा तमाम तरह का नुकसान हो रहा है. फसलों को बचाने के लिए सरकार की तरफ से की जा रही सारी कवायत फेल नजर आ रही है. वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सरकार द्वारा लागू की गई पशुओं को संरक्षित करने की योजना जमीनी स्तर पर पूरी तरह से फेल है.
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तकरीबन 1800 गोवंशों को पशु आश्रय स्थलों और अन्य जगहों पर संरक्षित किया जा रहा है. कई और जगहों पर पशु आश्रय स्थल निर्मित करवाए जा रहे हैं. जल्द ही किसानों और राहगीरों को इस समस्या से राहत मिलेगी.
कृष्णा करुणेश, जिलाधिकारी, बलरामपुर