बलिया: नाग पंचमी के अवसर पर लोगों द्वारा नाग देवता को प्रसन्न करने के लिए सर्पों को दूध पिलाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है. इस अवसर पर यहां हर साल कुश्ती का आयोजन किया जाता है, जो वर्तमान समय में देखने को नहीं मिल रहा है. इसी परंपरा को पुनः स्थापित करने के लिए लोगों ने जनपद के नगरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम सभा परशुरामपुर में कुश्ती के आयोजन में अपना बल पौरुष दिखाया.
नाग पंचमी के अवसर नगरा विकासखंड अंतर्गत ग्राम सभा परशुरामपुर में मां काली के स्थान पर कुश्ती का आयोजन किया गया. यह आयोजन दिन के 12:30 बजे से लेकर 6:30 बजे शाम तक चला. इसमें प्रतिभागियों ने एकत्रित होकर संस्कृति को कायम रखने के लिए तक अपना बल पौरुष दिखाया.
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह परंपरा यहां विगत 50 वर्षों से चली आ रही है, लेकिन आज के युवा अपनी रोजी-रोटी की तलाश में कम अवस्था में ही घरों को छोड़कर बाहर चले जाते हैं. वे लोग अपनी संस्कृति रहन-सहन को छोड़कर दूसरे लोगों की भाषा को भी अपनाने का कार्य करते हैं. आज के युवा पूजा-पाठ करना नहीं चाहते, जिससे भारतीय संस्कृति विलुप्त होती जा रही है. इसका प्रतिफल युवा पीढ़ी को अप्रत्यक्ष रूप से देखने को मिलता है.