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बलिया: डीएम ने पत्रकार को नहीं जारी किया था शस्त्र लाइसेंस

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Published : Aug 25, 2020, 4:51 PM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

उत्तर प्रदेश के बलिया जिले के फेफना थाना क्षेत्र में सोमवार रात टीवी चैनल के पत्रकार रतन सिंह की गोली मारकर हत्या कर दी गई. मृतक के चचेरे भाई अभिषेक सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि अगर डीएम ने शस्त्र लाइसेंस जारी कर दिया होता तो भाई की जान बच सकती थी.

ratan singh murder case
चचेरा भाई

बलियाः जनपद में टीवी चैनल के पत्रकार की सोमवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद एसपी खुद मौके पर पहुंचे और उन्होंने फेफना थाना प्रभारी की लापरवाही को देखते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

जिले में पत्रकार रतन सिंह की हत्या के बाद मृतक के परिजन मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. मृतक के पिता विनोद सिंह ने अपनी बहू के लिए नौकरी और बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार से मदद करने की मांग भी की है.

मृतक रतन के चचेरे भाई अभिषेक सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले हमारे एक और बड़े भाई सुतीक्षण सिंह उर्फ भोला की जान चली गई थी. जिसके बाद रतन भैया ने जिला प्रशासन से शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. सारी फॉर्मेलिटी भी पूरी हो गई थी और लाइसेंस की फाइल तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारोत के पास पहुंच चुकी थी, लेकिन उन्होंने फाइल पर दस्तखत नहीं किए.

बलिया पत्रकार हत्याकांड.

इस दौरान मुझे, मेरे भाई सीपू सिंह और बड़े भैया रतन सिंह पर भी जान से मारने की साजिश की गई. जिसके बाद रतन भैया ने फिर से पैरवी कर लाइसेंस की फाइल पर दस्तखत कराने की कोशिश की, लेकिन तब भी जिलाधिकारी द्वारा लाइसेंस फाइल पर साइन नहीं किया गया.

ratan singh murder case
परिजनों को समझाती पुलिस.

यदि जिलाधिकारी द्वारा लाइसेंस जारी कर दिया गया होता, तो शायद आज यह घटना नहीं होती और हमारा भाई हमारे साथ होता. जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से मेरे भाई की जान चली गई.

बलियाः जनपद में टीवी चैनल के पत्रकार की सोमवार रात गोली मारकर हत्या कर दी गई. घटना के बाद एसपी खुद मौके पर पहुंचे और उन्होंने फेफना थाना प्रभारी की लापरवाही को देखते हुए उन्हें सस्पेंड कर दिया. पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है.

जिले में पत्रकार रतन सिंह की हत्या के बाद मृतक के परिजन मुख्यमंत्री से न्याय की गुहार लगा रहे हैं. मृतक के पिता विनोद सिंह ने अपनी बहू के लिए नौकरी और बच्चों की पढ़ाई के लिए सरकार से मदद करने की मांग भी की है.

मृतक रतन के चचेरे भाई अभिषेक सिंह ने बताया कि कुछ समय पहले हमारे एक और बड़े भाई सुतीक्षण सिंह उर्फ भोला की जान चली गई थी. जिसके बाद रतन भैया ने जिला प्रशासन से शस्त्र लाइसेंस के लिए अप्लाई किया था. सारी फॉर्मेलिटी भी पूरी हो गई थी और लाइसेंस की फाइल तत्कालीन जिलाधिकारी भवानी सिंह खंगारोत के पास पहुंच चुकी थी, लेकिन उन्होंने फाइल पर दस्तखत नहीं किए.

बलिया पत्रकार हत्याकांड.

इस दौरान मुझे, मेरे भाई सीपू सिंह और बड़े भैया रतन सिंह पर भी जान से मारने की साजिश की गई. जिसके बाद रतन भैया ने फिर से पैरवी कर लाइसेंस की फाइल पर दस्तखत कराने की कोशिश की, लेकिन तब भी जिलाधिकारी द्वारा लाइसेंस फाइल पर साइन नहीं किया गया.

ratan singh murder case
परिजनों को समझाती पुलिस.

यदि जिलाधिकारी द्वारा लाइसेंस जारी कर दिया गया होता, तो शायद आज यह घटना नहीं होती और हमारा भाई हमारे साथ होता. जिला प्रशासन की लापरवाही की वजह से मेरे भाई की जान चली गई.

Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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