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धनतेरस पर 14 साल बाद कुछ इस तरह भरी सूनी गोद, जानिए क्या है पूरा मामला

उत्तर प्रदेश के बलिया में 14 साल बाद धनतेरस के दिन एक मां की सूनी गोद भर गई. वहीं बच्ची को पाकर दंपति खुशी से फूले नहीं समा रहे हैं. जानने के लिए पढ़ें पूरी खबर...

धनतेरस पर 14 साल बाद कुछ इस तरह भरी सूनी गोद.
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Published : Oct 26, 2019, 11:46 AM IST

Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST

बलिया: सूबे के मुखिया ने बेटियों को बोझ समझने वाले लोगों की सोच बदलने के लिए कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की तो वहीं बलिया के प्राचीन भृगु मंदिर में किसी बेगैरत मां-बाप ने एक बार फिर बेटियों को बोझ समझकर नवजात को वहां छोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने नवजात बच्ची को 14 साल से माता-पिता बनने की आस लिए बैठे दंपति को सौंप दिया.

दंपति ने बच्ची को गोद लिया.


धनतेरस के दिन जब बलिया के बाजारों में लोग खरीदारी कर रहे थे. तभी रात के समय में प्राचीन भृगु मंदिर परिसर में मासूम नवजात बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी. नवजात की आवाज सुनकर मंदिर के पुजारी और आसपास के लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को मामले की जानकारी दी. नवजात बच्ची के मिलने की खबर पर पुलिस मौके पर पहुंची और मासूम बच्ची को अपने साथ लेकर चिकित्सा के लिए अस्पताल ले आई.


अस्पताल में चिकित्सकों ने नवजात का इलाज किया और उसे दूध देने की सलाह दी. नवजात बच्ची को लेने के लिए शीला और सुभाष अस्पताल पहुंच गए. इन दोनों की शादी हुए 14 साल बीत गए थे, लेकिन इनकी कोई संतान नहीं है. इसको देखते हुए जापलिनगंज चौकी के सिपाही ने शीला और सुभाष को नवजात बच्ची को सौंप दिया.

ये भी पढ़ें- बलिया: राइफल और तमंचों के साथ 5 बदमाश गिरफ्तार, वॉकी टॉकी भी हुआ बरामद

धनतेरस के दिन बच्ची को पाकर शीला फूली नहीं समा रही. शीला ने कहा कि बच्ची मिलने की खबर पाकर हम लोग मंदिर गए और फिर वहां से जिला अस्पताल आए, जहां बच्ची की डॉक्टर जांच कर रहे थे. शीला ने बताया कि शादी के 14 साल हो गए, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं है. दंपति का कहना है कि बच्ची को पाकर अब वे बेहद खुश हैं.

धनतेरस पर्व को लेकर गश्त पर थे, तभी सूचना मिली कि भृगु मंदिर में एक नवजात बच्ची पाई गई है, मौके पर पहुंचे और बच्ची को लेकर अस्पताल लाए. मंदिर में बच्ची को लेने के लिए कई लोग आगे आए, लेकिन शीला और सुभाष जिनकी 14 साल बाद भी संतान नहीं है, यह बच्ची उन्हें सौंपी गई है. सुबह में पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष यह लोग उपस्थित होंगे और आगे की कार्यवाही पूरी की जाएगी.
-दिनेश कुमार, सिपाही

बलिया: सूबे के मुखिया ने बेटियों को बोझ समझने वाले लोगों की सोच बदलने के लिए कन्या सुमंगला योजना की शुरुआत की तो वहीं बलिया के प्राचीन भृगु मंदिर में किसी बेगैरत मां-बाप ने एक बार फिर बेटियों को बोझ समझकर नवजात को वहां छोड़ दिया, जिसके बाद पुलिस ने नवजात बच्ची को 14 साल से माता-पिता बनने की आस लिए बैठे दंपति को सौंप दिया.

दंपति ने बच्ची को गोद लिया.


धनतेरस के दिन जब बलिया के बाजारों में लोग खरीदारी कर रहे थे. तभी रात के समय में प्राचीन भृगु मंदिर परिसर में मासूम नवजात बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी. नवजात की आवाज सुनकर मंदिर के पुजारी और आसपास के लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को मामले की जानकारी दी. नवजात बच्ची के मिलने की खबर पर पुलिस मौके पर पहुंची और मासूम बच्ची को अपने साथ लेकर चिकित्सा के लिए अस्पताल ले आई.


अस्पताल में चिकित्सकों ने नवजात का इलाज किया और उसे दूध देने की सलाह दी. नवजात बच्ची को लेने के लिए शीला और सुभाष अस्पताल पहुंच गए. इन दोनों की शादी हुए 14 साल बीत गए थे, लेकिन इनकी कोई संतान नहीं है. इसको देखते हुए जापलिनगंज चौकी के सिपाही ने शीला और सुभाष को नवजात बच्ची को सौंप दिया.

ये भी पढ़ें- बलिया: राइफल और तमंचों के साथ 5 बदमाश गिरफ्तार, वॉकी टॉकी भी हुआ बरामद

धनतेरस के दिन बच्ची को पाकर शीला फूली नहीं समा रही. शीला ने कहा कि बच्ची मिलने की खबर पाकर हम लोग मंदिर गए और फिर वहां से जिला अस्पताल आए, जहां बच्ची की डॉक्टर जांच कर रहे थे. शीला ने बताया कि शादी के 14 साल हो गए, लेकिन उनकी कोई संतान नहीं है. दंपति का कहना है कि बच्ची को पाकर अब वे बेहद खुश हैं.

धनतेरस पर्व को लेकर गश्त पर थे, तभी सूचना मिली कि भृगु मंदिर में एक नवजात बच्ची पाई गई है, मौके पर पहुंचे और बच्ची को लेकर अस्पताल लाए. मंदिर में बच्ची को लेने के लिए कई लोग आगे आए, लेकिन शीला और सुभाष जिनकी 14 साल बाद भी संतान नहीं है, यह बच्ची उन्हें सौंपी गई है. सुबह में पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष यह लोग उपस्थित होंगे और आगे की कार्यवाही पूरी की जाएगी.
-दिनेश कुमार, सिपाही

Intro:सूबे के मुखिया ने बेटियों को बोझ समझने वाले लोगों की सोच बदलने के लिए कन्या सुमंगला योजना की आज शुरुआत की तो वही बलिया के प्राचीन भृगु मंदिर में किसी कलयुगी मां बाप ने एक बार फिर बेटियों को बोझ समझकर नवजात को वहां छोड़ दिया जिसके बाद पुलिस ने उस नवजात बच्ची को 14 साल से माता पिता बनने की आस लिए बैठे दंपत्ति को सौंपा


Body:धनतेरस के दिन जब बलिया के बाजारों में लोग खरीदारी कर रहे थे तभी रात के समय में प्राचीन भिगू मंदिर के परिसर में मासूम नवजात बच्ची की रोने की आवाज सुनाई दी नवजात बच्चे की आवाज सुनकर मंदिर के पुजारी और आसपास के लोग इकट्ठा हुए और पुलिस को इसकी जानकारी दी

पुलिस के पहुंचने से पहले ही कई लोग मासूम बच्ची को लेने के लिए अपनी-अपनी दावेदारी करने लगे नवजात बच्ची मिलने की खबर पाकर जॉपलिन गंज चौकी की पुलिस मौके पर पहुंची और मासूम बच्ची को अपने साथ लेकर चिकित्सा के लिए अस्पताल ले गई


Conclusion:अस्पताल में चिकित्सकों ने नवजात का इलाज किया और उसे दूध देने की सलाह दी नवजात बच्ची को लेने के लिए शीला और सुभाष अस्पताल पहुंच गए इन दोनों की शादी हुए 14 साल बीत गए थे लेकिन इनकी कोई संतान नहीं है इसको देखते हुए जापलिन गंज चौकी के सिपाही ने शीला और सुभाष को नवजात बच्ची सौंप दिया

धनतेरस के दिन बच्ची पाकर शीला फूली नहीं समा रही शीला ने कहा कि बच्ची मिलने की खबर पाकर हम लोग मंदिर गए और फिर वहां से जिला अस्पताल आए हैं जहां बच्ची का डॉक्टर जांच कर रहे हैं शीला ने बताया कि शादी के 14 साल हो गए हैं लेकिन हमारी कोई संतान नहीं है यह बच्ची पाकर अब मैं काफी खुश हूं

सिपाही दिनेश ने बताया कि हम लोग धनतेरस पर्व को लेकर गश्त पर थे तभी सूचना मिली कि भृगु मंदिर में एक नवजात बच्ची पाई गई है हम लोग मौके पर पहुंचे और बच्ची को लेकर अस्पताल लाए मंदिर में बच्ची को लेने के लिए कई लोग आगे आए लेकिन शीला और सुभाष जिसकी 14 साल बाद भी संतान नहीं है यह बच्ची उन्हें सौंपी गई है सुबह में पुलिस के आला अधिकारियों के समक्ष यह लोग उपस्थित होंगे और आगे की कार्रवाई पूरी होगी

बाइट1--शीला--महिला
बाइट2--विनेश कुमार--सिपाही, जापलींन गंज चौकी

प्रशान्त बनर्जी
बलिया
Last Updated : Sep 10, 2020, 12:25 PM IST
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