ETV Bharat / state

बहराइच: ग्रामीणों का आरोप, तैनाती के बावजूद अस्पताल नहीं आते डॉक्टर - अस्पताल नहीं आते डॉक्टर

यूपी के बहराइच जिले में स्वास्थ्य सेवाओं का बुरा हाल है. अस्पताल में मरीज तो आते हैं लेकिन डॉक्टर नदारद रहते हैं. इससे दूर दराज से आने वाले मरीजों को काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है. इसको लेकर ग्रामीणों ने पीएचसी के सामने जमकर हंगामा किया.

तैनाती के बावजूद अस्पताल नहीं आते डॉक्टर
तैनाती के बावजूद अस्पताल नहीं आते डॉक्टरतैनाती के बावजूद अस्पताल नहीं आते डॉक्टर
author img

By

Published : Jan 6, 2021, 10:42 AM IST

बहराइच: उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी ग्रामीण अंचलों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुधार दिखाई नहीं दे रहा है. जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से मरीजों के साथ अस्पताल का हाल-बेहाल होता जा रहा है. सुबह से शाम तक दूर-दराज से आने वाले मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते हैं. वहीं शाम को उन्हें वापस लौटना होता है. हैरत की बात तो यह है कि स्थानीय लोगों द्वारा रोजाना की इस लापरवाही से प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया जाता है. इसके बाद भी कोई सुध लेने को तैयार नहीं है.

जानकारी देते फार्मासिस्ट

पीएचसी गेट पर लटका रहा ताला

मंगलवार सुबह ग्यारह बजे तक किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के अस्पताल ना पहुंचने पर ताला लटका रहा. इसके बाद स्थानीय लोगों और मरीजों ने पीएचसी गेट पर प्रदर्शन कर सीएमओ को शिकायती पत्र भेजा. साढ़े ग्यारह बजे अस्पताल परिसर में एक फार्मेसिस्ट पहुंचा और अस्पताल का ताला खोला. अस्पताल में फार्मेसिस्ट को छोड़कर बाकी नदारद दिखाई दिए. बीमारियों का सीजन चल रहा है लिहाजा सुबह से ही मरीजों की लाइन लगी रही, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं था. भीड़ पल-पल बड़ी तो सीएमओ से लेकर जिले के उच्चाधिकारियों तक शिकायत की गई. इसके बाद भी मरीजों को देखने के नाम पर कोई नहीं पहुंचा. इस वजह से मरीजों को सिर्फ निराशा ही मिली. आरोप है कि यह हाल एक दिन का नहीं हर रोज का है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर प्रभारी डॉ नलिन राजा को जांच के लिए मिला शिकायती पत्र पर झूठी रिपोर्ट लगाकर उच्च अधिकारियों को गुमराह करते रहते हैं.

क्या कहते हैं मरीज

इंटहा निवासी महेश प्रसाद ने बताया कि तीन दिन से लगातार चक्कर काट रहे हैं. इसके बाद भी दवाई नसीब नहीं हुई है. सुना था प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इंटहा अस्पताल में अच्छा इलाज मिलता है. इस उम्मीद से यहां चले आते हैं. सम्बन्धित जिम्मेदार को बताया तो वह कहते हैं कि हमारे पास डॉक्टर नहीं हैं. ऐसे में कहां इलाज कराने जाएं.

जिला अस्पताल आए उत्तम पाल ने कहा कि मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. अधिकारी बड़े-बड़े वादे तो करते हैं लेकिन इलाज के लिए कोई सामने नहीं आता. पिछले कई महीने में सिर्फ एक ही दो बार डॉक्टर मिले हैं. ऐसे में मरीज को क्या फायदा होगा. इससे अच्छा तो प्राइवेट अस्पताल में ही इलाज के लिए जाएं. वहीं देवदत्त पुर निवासी सूरज व धौकल खैरा निवासी रंगी लाल प्रजापति ने कहा- दो दिन से अस्पताल का चक्कर काट रहा हूं. डॉक्टर नहीं आते. एक फार्मेसिस्ट आते हैं वह भी ग्यारह बजे के बाद.

सूचना के बाद डॉ राम नारायण वर्मा डिप्टी सीएमओ ने पीएचसी इंटहा का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डॉ प्रमोद यादव अनुपस्थित मिले. केवल फार्मेसिस्ट ही उपस्थित रहा. डिप्टी सीएमओ ने बताया कि डॉ प्रमोद यादव छुट्टी पर हैं. इसके पहले सितंबर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर में कोविड-19 में ड्यूटी लगी थी. उन्होंने कहा कि डॉ प्रमोद यादव की ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य शिवपुर से हटाकर बुधवार से पीएचसी इंटहा में ड्यूटी पर रहेंगे.

बहराइच: उत्तर प्रदेश सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी ग्रामीण अंचलों में बने प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में सुधार दिखाई नहीं दे रहा है. जिम्मेदारों की लापरवाही की वजह से मरीजों के साथ अस्पताल का हाल-बेहाल होता जा रहा है. सुबह से शाम तक दूर-दराज से आने वाले मरीज डॉक्टरों का इंतजार करते हैं. वहीं शाम को उन्हें वापस लौटना होता है. हैरत की बात तो यह है कि स्थानीय लोगों द्वारा रोजाना की इस लापरवाही से प्रशासनिक अधिकारियों को अवगत कराया जाता है. इसके बाद भी कोई सुध लेने को तैयार नहीं है.

जानकारी देते फार्मासिस्ट

पीएचसी गेट पर लटका रहा ताला

मंगलवार सुबह ग्यारह बजे तक किसी भी स्वास्थ्यकर्मी के अस्पताल ना पहुंचने पर ताला लटका रहा. इसके बाद स्थानीय लोगों और मरीजों ने पीएचसी गेट पर प्रदर्शन कर सीएमओ को शिकायती पत्र भेजा. साढ़े ग्यारह बजे अस्पताल परिसर में एक फार्मेसिस्ट पहुंचा और अस्पताल का ताला खोला. अस्पताल में फार्मेसिस्ट को छोड़कर बाकी नदारद दिखाई दिए. बीमारियों का सीजन चल रहा है लिहाजा सुबह से ही मरीजों की लाइन लगी रही, लेकिन उन्हें देखने वाला कोई नहीं था. भीड़ पल-पल बड़ी तो सीएमओ से लेकर जिले के उच्चाधिकारियों तक शिकायत की गई. इसके बाद भी मरीजों को देखने के नाम पर कोई नहीं पहुंचा. इस वजह से मरीजों को सिर्फ निराशा ही मिली. आरोप है कि यह हाल एक दिन का नहीं हर रोज का है. शिकायतकर्ताओं का आरोप है कि सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर प्रभारी डॉ नलिन राजा को जांच के लिए मिला शिकायती पत्र पर झूठी रिपोर्ट लगाकर उच्च अधिकारियों को गुमराह करते रहते हैं.

क्या कहते हैं मरीज

इंटहा निवासी महेश प्रसाद ने बताया कि तीन दिन से लगातार चक्कर काट रहे हैं. इसके बाद भी दवाई नसीब नहीं हुई है. सुना था प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र इंटहा अस्पताल में अच्छा इलाज मिलता है. इस उम्मीद से यहां चले आते हैं. सम्बन्धित जिम्मेदार को बताया तो वह कहते हैं कि हमारे पास डॉक्टर नहीं हैं. ऐसे में कहां इलाज कराने जाएं.

जिला अस्पताल आए उत्तम पाल ने कहा कि मरीजों की सुध लेने वाला कोई नहीं है. अधिकारी बड़े-बड़े वादे तो करते हैं लेकिन इलाज के लिए कोई सामने नहीं आता. पिछले कई महीने में सिर्फ एक ही दो बार डॉक्टर मिले हैं. ऐसे में मरीज को क्या फायदा होगा. इससे अच्छा तो प्राइवेट अस्पताल में ही इलाज के लिए जाएं. वहीं देवदत्त पुर निवासी सूरज व धौकल खैरा निवासी रंगी लाल प्रजापति ने कहा- दो दिन से अस्पताल का चक्कर काट रहा हूं. डॉक्टर नहीं आते. एक फार्मेसिस्ट आते हैं वह भी ग्यारह बजे के बाद.

सूचना के बाद डॉ राम नारायण वर्मा डिप्टी सीएमओ ने पीएचसी इंटहा का निरीक्षण किया. निरीक्षण के दौरान डॉ प्रमोद यादव अनुपस्थित मिले. केवल फार्मेसिस्ट ही उपस्थित रहा. डिप्टी सीएमओ ने बताया कि डॉ प्रमोद यादव छुट्टी पर हैं. इसके पहले सितंबर से सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र शिवपुर में कोविड-19 में ड्यूटी लगी थी. उन्होंने कहा कि डॉ प्रमोद यादव की ड्यूटी सामुदायिक स्वास्थ्य शिवपुर से हटाकर बुधवार से पीएचसी इंटहा में ड्यूटी पर रहेंगे.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.