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बेटी पैदा होने पर पत्नी को तलाक देने वाला पति गया जेल

बहराइच जिले में कोर्ट ने तीन तलाक के आरोपी पति की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिसके बाद उसे जेल भेज दिया गया. आरोपी ने बेटी पैदा होने पर अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया था.

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Published : Feb 19, 2021, 9:33 PM IST

district court bahraich
सीजेएम कोर्ट बहराइच.

बहराइच : पिछले 2 माह से दहेज उत्पीड़न और तीन तलाक की यातना सह रही एक युवती को शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट से उस समय न्याय मिला, जब कोर्ट ने आरोपी पति की जमानत खारिज कर दी और आरोपी को जेल भेज दिया गया. पीड़िता के वकील भगवान भगत सिंह सेंगर ने बताया कि रुख्सी बेगम का विवाह थाना कैसरगंज क्षेत्र के कंडेला गांव में हुआ था. जब वह 6 माह की गर्भवती थी, तब उसके पति ने उसे दहेज की मांग पूरी न होने के कारण घर से भगा दिया था. पिछले वर्ष दिसंबर माह में रुख्सी बेगम ने एक बेटी को जन्म दिया. इसकी सूचना जब पति को मिली तो वह मौके पर पहुंचा और उसने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया.

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

पीड़िता के वकील ने बताया कि थाना जरवल रोड में पीड़िता की ओर से पूर्व में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इसके बाद पीड़िता ने तीन तलाक के मामले की भी शिकायत पुलिस से की, लेकिन कैसरगंज पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. पीड़िता के मामले की पैरवी बेगम हस्तशिल्प सेवा समिति की अध्यक्ष कुरेशा बेगम ने भी की. पुलिस की ओर से इस मामले में कोई सुनवाई नहीं की गई. मामला पुलिस अधीक्षक तक पहुंचा, लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिला.

कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

शुक्रवार को आरोपी ने सीजेएम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी. पीड़िता के अधिवक्ता की ओर से दहेज उत्पीड़न तथा तीन तलाक के मामले बताए गए. इस पर सीजेएम ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिसके बाद आरोपी को जेल रवाना कर दिया गया. अधिवक्ता भगवान भगत सिंह सेंगर ने कहा कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी का यह फैसला ऐतिहासिक है और इस प्रकार के फैसले से कानून के प्रति विश्वास कायम हुआ है.

बहराइच : पिछले 2 माह से दहेज उत्पीड़न और तीन तलाक की यातना सह रही एक युवती को शुक्रवार को सीजेएम कोर्ट से उस समय न्याय मिला, जब कोर्ट ने आरोपी पति की जमानत खारिज कर दी और आरोपी को जेल भेज दिया गया. पीड़िता के वकील भगवान भगत सिंह सेंगर ने बताया कि रुख्सी बेगम का विवाह थाना कैसरगंज क्षेत्र के कंडेला गांव में हुआ था. जब वह 6 माह की गर्भवती थी, तब उसके पति ने उसे दहेज की मांग पूरी न होने के कारण घर से भगा दिया था. पिछले वर्ष दिसंबर माह में रुख्सी बेगम ने एक बेटी को जन्म दिया. इसकी सूचना जब पति को मिली तो वह मौके पर पहुंचा और उसने अपनी पत्नी को तीन तलाक दे दिया.

पुलिस ने नहीं की कार्रवाई

पीड़िता के वकील ने बताया कि थाना जरवल रोड में पीड़िता की ओर से पूर्व में दहेज उत्पीड़न का मुकदमा भी दर्ज कराया गया था. इसके बाद पीड़िता ने तीन तलाक के मामले की भी शिकायत पुलिस से की, लेकिन कैसरगंज पुलिस ने इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं की. पीड़िता के मामले की पैरवी बेगम हस्तशिल्प सेवा समिति की अध्यक्ष कुरेशा बेगम ने भी की. पुलिस की ओर से इस मामले में कोई सुनवाई नहीं की गई. मामला पुलिस अधीक्षक तक पहुंचा, लेकिन पीड़िता को न्याय नहीं मिला.

कोर्ट ने खारिज की जमानत अर्जी

शुक्रवार को आरोपी ने सीजेएम कोर्ट में जमानत की अर्जी दी. पीड़िता के अधिवक्ता की ओर से दहेज उत्पीड़न तथा तीन तलाक के मामले बताए गए. इस पर सीजेएम ने आरोपी की जमानत अर्जी खारिज कर दी, जिसके बाद आरोपी को जेल रवाना कर दिया गया. अधिवक्ता भगवान भगत सिंह सेंगर ने कहा कि मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी का यह फैसला ऐतिहासिक है और इस प्रकार के फैसले से कानून के प्रति विश्वास कायम हुआ है.

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