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बदायूं: मानवता हुई शर्मसार, मृतक का शव ऑटो से लेकर गए परिजन

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Published : Jun 3, 2019, 11:25 PM IST

शहर के जिला अस्पताल में आग से झुलसे मरीज की मौत हो गई थी. जिसके बाद अस्पताल कर्मियों ने परिजनों को शव ले जाने के लिये वाहन तक उपलब्ध नहीं कराया.

शव वाहन न मिलने पर ऑटो से ले गए शव.

बदायूं: शहर के जिला अस्पताल से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक अस्पताल के वार्ड नम्बर 16 में हरिओम नाम का मरीज को जो कि आग लगने से झुलस गया था, उसे गंभीर हालात में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई थी. जिसके बाद अस्पताल कर्मियों ने हरिओम का शव मोर्चरी में रखवा दिया था. वहीं सूचना के बाद मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा, लेकिन जिला अस्पताल द्वारा शव वाहन की सुविधा न मिलने पर परिजन शव ऑटो में रखकर पोस्टमार्टम हाउस ले गए.

शव वाहन न मिलने पर ऑटो से ले गए शव.

क्या है पूरा मामला

  • जिला अस्पताल के वार्ड नम्बर 16 में आग लगने से झुलसे मरीज को गंभीर हालात में भर्ती कराया गया था.
  • अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई .
  • इसके अस्पताल कर्मियो ने हरिओम का शव मोर्चरी में रखवा दिया .
  • सूचना के बाद मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा.
  • लेकिन जिला अस्पताल द्वारा शव वाहन की सुविधा न मिलने पर परिजन शव ऑटो में रखकर ही पोस्टमार्टम हाउस ले गए.

आग लगा कर लड़का जल गया था, जिसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. उसके बाद हम लोग शव को ऑटो में रखकर पोस्टमार्टम हाउस ले गए, और वहां उसका पोस्टमार्टम कराया.
- बबलू, मृतक के परिजन

अस्पताल के प्रभारी सीएमएस ने कहा कि मेरी जानकारी में तो ऐसा कोई मामला नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो वह गलत है और जो भी कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ जांच करके कार्रवाई की जाएगी.


बदायूं: शहर के जिला अस्पताल से मानवता को शर्मसार कर देने वाला मामला सामने आया है. जानकारी के मुताबिक अस्पताल के वार्ड नम्बर 16 में हरिओम नाम का मरीज को जो कि आग लगने से झुलस गया था, उसे गंभीर हालात में भर्ती कराया गया था, जहां इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई थी. जिसके बाद अस्पताल कर्मियों ने हरिओम का शव मोर्चरी में रखवा दिया था. वहीं सूचना के बाद मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा, लेकिन जिला अस्पताल द्वारा शव वाहन की सुविधा न मिलने पर परिजन शव ऑटो में रखकर पोस्टमार्टम हाउस ले गए.

शव वाहन न मिलने पर ऑटो से ले गए शव.

क्या है पूरा मामला

  • जिला अस्पताल के वार्ड नम्बर 16 में आग लगने से झुलसे मरीज को गंभीर हालात में भर्ती कराया गया था.
  • अस्पताल में इलाज के दौरान मरीज की मौत हो गई .
  • इसके अस्पताल कर्मियो ने हरिओम का शव मोर्चरी में रखवा दिया .
  • सूचना के बाद मौके पर पंहुची पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिये भेजा.
  • लेकिन जिला अस्पताल द्वारा शव वाहन की सुविधा न मिलने पर परिजन शव ऑटो में रखकर ही पोस्टमार्टम हाउस ले गए.

आग लगा कर लड़का जल गया था, जिसको जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया और इलाज के दौरान उसकी मृत्यु हो गई. उसके बाद हम लोग शव को ऑटो में रखकर पोस्टमार्टम हाउस ले गए, और वहां उसका पोस्टमार्टम कराया.
- बबलू, मृतक के परिजन

अस्पताल के प्रभारी सीएमएस ने कहा कि मेरी जानकारी में तो ऐसा कोई मामला नहीं है. अगर ऐसा हुआ है तो वह गलत है और जो भी कर्मचारी इसमें दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ जांच करके कार्रवाई की जाएगी.


Intro:(नोट- शव वाहन के विजुअल, और बाइट, पीटीसी मोजो से भेजी है ...परिजन की बाइट और शव ले जाते ऑटो का विजुअल एफटीपी से UP_BUD_KRANTI_laaprah aspatal _3JUNE के नाम से भेजा है..)

बदायूँ जिला अस्पताल में दो शव वाहन होने के वाबजूद भी शवो को पोस्टमार्टम या घर तक ले जाने के लिए ऑटो का सहारा लेना पड़ता है । जिला अस्पताल के कर्मचारी भ्रष्टाचार में पूर्ण रूप से संलिप्त हो चुके है।पहले भी कई बार शव वाहन न मिलने के मामले भी सामने आए लेकिन स्वास्थ विभाग के कर्मचारियों कोई कार्यवाही नाहज की गई जिसकी वजह से शवो की दुर्दशा होती है।




Body:जिला प्रशाशन कुम्भकरणी नींद सोया हुआ है। आपको बता दे बिलसी के वार्ड नम्बर 16 का हरिओम संदिग्ध हालात में आग लगने से झुलस गया था । परिजनों ने गंभीर हालात में जिला अस्पताल में भर्ती कराया था जहाँ हरिओम की मौत हो गई।
इसके बाद अस्पताल कर्मियो ने हरिओम का शव मोर्चरी में रखवा दिया । सूचना पर आज सुबह जिला अस्पताल में पहुँची पुलिस ने शव का पंचनामा भरा है । मृतक हरिओम के परिजनों को जिला अस्पताल द्वारा शव वाहन की सुविधा न मिलने पर परिजन शव ऑटो में रखकर पोस्टमार्टम हाउस ले गए...और तब उसका पोस्टमार्टम कराया ...अब ऐसे में सवाल उठता है कि जब अस्पताल में दो शव वाहन तो इस लोगो को क्यों नही दिया गया...






Conclusion:वही मामले के जब जिला अस्पताल के प्रभारी सीएमएस से बात की तो उन्होंने मामला संज्ञान में होने से मना कर दिया । सीएमएस ने कहा कि अगर ऐसा हुआ है वह गलत है जो भी कर्मचारी दोषी पाया जाएगा उसके खिलाफ जांच कर कार्यवाही की जाएगी।
अब देखना होगा कि जिला अस्पताल लापरवाह कर्मचारियों के खिलाफ कार्यवाही करती है या नही...
(बाइट-मृतक हरिओम का परिजन)

बाइट--सुकुमार अग्रवाल (प्रभारी सीएमएस ,जिला अस्पताल, बदायूँ)
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