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बदायूंः चार साल पहले मर चुके शख्स पर पुलिस ने दर्ज किया मुकदमा

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Published : Sep 9, 2019, 7:33 PM IST

उत्तर प्रदेश के बदायूं में पुलिस के अजीबो-गरीब कारनामे का मामला सामने आया है. जहां चार साल पहले मर चुके व्यक्ति के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया है.

पुलिस ने दर्ज किया मृतक के खिलाफ मुकदमा.

बदायूंः मामला जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के रिजौला गांव का है. यहां करीब 15 दिन पहले रिजौला गांव में आवारा पशुओं के विरोध में ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की थी. उस समय किसी तरह ग्रामीणों को समझाकर घर भेज दिया गया लेकिन बाद में इस मामले में सचिव ने 32 लोगों के खिलाफ तहरीर दी. आनन-फानन में पुलिस ने तहरीर के आधार पर गांव वालों के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और नारेबाजी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. जिसमें गांव के हरपाल का नाम भी शामिल है. वहीं परिजनों ने बताया कि हरपाल की मौत चार साल पहले हो गई थी.

पुलिस ने दर्ज किया मृतक के खिलाफ मुकदमा.

चार साल पहले हो गई थी मौत

  • मामला जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के रिजौला गांव का है.
  • 15 दिन पूर्व ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
  • इस मामले में सचिव ने 32 लोगों के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और नारेबाजी आदि धाराओं में तहरीर दर्ज कराई.
  • इन्हीं 32 लोगों में हरपाल का भी नाम शामिल है.
  • परिजनों का कहना है कि मृतक हरपाल की मौत चार साल पहले हो चुकी है.
  • वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सचिव ने राजनीति के चलते मुकदमा दर्ज कराया है.

इसे भी पढ़ें- मुजफ्फरनगर: दो पक्षों में जमकर चले डंडे और पत्थर, कई घायल

पुलिस ने अपनी ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है. वादी ने जो तहरीर दी थी पुलिस ने उसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया. अगर कोई व्यक्ति मृतक है और उसके खिलाफ केस दर्ज है तो विवेचना में नाम निकाल दिया जाता है.
-जितेंद श्रीवास्तव एसपी, सिटी

बदायूंः मामला जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के रिजौला गांव का है. यहां करीब 15 दिन पहले रिजौला गांव में आवारा पशुओं के विरोध में ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की थी. उस समय किसी तरह ग्रामीणों को समझाकर घर भेज दिया गया लेकिन बाद में इस मामले में सचिव ने 32 लोगों के खिलाफ तहरीर दी. आनन-फानन में पुलिस ने तहरीर के आधार पर गांव वालों के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और नारेबाजी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. जिसमें गांव के हरपाल का नाम भी शामिल है. वहीं परिजनों ने बताया कि हरपाल की मौत चार साल पहले हो गई थी.

पुलिस ने दर्ज किया मृतक के खिलाफ मुकदमा.

चार साल पहले हो गई थी मौत

  • मामला जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के रिजौला गांव का है.
  • 15 दिन पूर्व ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
  • इस मामले में सचिव ने 32 लोगों के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और नारेबाजी आदि धाराओं में तहरीर दर्ज कराई.
  • इन्हीं 32 लोगों में हरपाल का भी नाम शामिल है.
  • परिजनों का कहना है कि मृतक हरपाल की मौत चार साल पहले हो चुकी है.
  • वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सचिव ने राजनीति के चलते मुकदमा दर्ज कराया है.

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पुलिस ने अपनी ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है. वादी ने जो तहरीर दी थी पुलिस ने उसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया. अगर कोई व्यक्ति मृतक है और उसके खिलाफ केस दर्ज है तो विवेचना में नाम निकाल दिया जाता है.
-जितेंद श्रीवास्तव एसपी, सिटी

Intro:बदायूं जिले में पुलिस ने ग्राम सचिव की तहरीर पर मुर्दे पर केस दर्ज कर लिया। जिस व्यक्ति पर पुलिस ने केस दर्ज किया है वह तीन साल पहले ही मर चुका है ...देखिये ये रिपोर्ट ...Body:मामला जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के रिजौला गांव का है। यहां करीब 15 दिन पहले रिजौला गांव में घुमंतू गायों के शव मिलने समेत गायों द्वारा फसलों को नष्ट करने के विरोध में ग्रामीणों ने प्रदर्शन किया था। प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी भी की थी। उस समय किसी तरह ग्रामीणों को समझाकर घर भेज दिया गया लेकिन बाद में इस मामले की तहरीर सचिव ने पुलिस को दी। तहरीर में 32 लोगों के नाम शामिल थे। आनन-फानन में पुलिस ने तहरीर के आधार पर गांव वालों के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और नारेबाजी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया। जिसमें गांव के हरपाल का नाम भी शामिल था। पुलिस ने जब हरपाल की तलाश शुरू की तो परिजनों को मृतक के नाम मुकदमा दर्ज होने की जानकारी हुई। मृतक हरपाल के घरवालों ने बताया, हरपाल की मौत को तीन साल हो चुके हैं। वहीं, ग्रामीणों का आरोप है, राजनीति के चलते सचिव के जरिए मुकदमा कराया है। Conclusion:मामले में एसपी सिटी का कहना है कि मामले में पुलिस ने अपनी ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है। वादी ने जो तहरीर दी थी पुलिस ने उसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया। अगर कोई व्यक्ति मृतक है और उसके खिलाफ केस दर्ज है तो विवेचना में नाम निकाल दिया जाता है। ऐसी कोई गलती त्रुटि की वजह हुई होगी।
बाइट--जितेंद श्रीवास्तव(एसपी सिटी बदायूं)
बाइट - सुनील , मृतक का बेटा

क्रांतिवीर सिंह ,7011197408
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