बदायूंः मामला जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के रिजौला गांव का है. यहां करीब 15 दिन पहले रिजौला गांव में आवारा पशुओं के विरोध में ग्रामीणों ने प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन और नारेबाजी की थी. उस समय किसी तरह ग्रामीणों को समझाकर घर भेज दिया गया लेकिन बाद में इस मामले में सचिव ने 32 लोगों के खिलाफ तहरीर दी. आनन-फानन में पुलिस ने तहरीर के आधार पर गांव वालों के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और नारेबाजी आदि धाराओं में मुकदमा दर्ज कर लिया. जिसमें गांव के हरपाल का नाम भी शामिल है. वहीं परिजनों ने बताया कि हरपाल की मौत चार साल पहले हो गई थी.
चार साल पहले हो गई थी मौत
- मामला जिले के उसहैत थाना क्षेत्र के रिजौला गांव का है.
- 15 दिन पूर्व ग्रामीणों ने आवारा पशुओं को लेकर प्रशासन के खिलाफ प्रदर्शन किया था.
- इस मामले में सचिव ने 32 लोगों के खिलाफ बिना अनुमति प्रदर्शन और नारेबाजी आदि धाराओं में तहरीर दर्ज कराई.
- इन्हीं 32 लोगों में हरपाल का भी नाम शामिल है.
- परिजनों का कहना है कि मृतक हरपाल की मौत चार साल पहले हो चुकी है.
- वहीं ग्रामीणों का कहना है कि सचिव ने राजनीति के चलते मुकदमा दर्ज कराया है.
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पुलिस ने अपनी ओर से कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया है. वादी ने जो तहरीर दी थी पुलिस ने उसके आधार पर मुकदमा दर्ज किया. अगर कोई व्यक्ति मृतक है और उसके खिलाफ केस दर्ज है तो विवेचना में नाम निकाल दिया जाता है.
-जितेंद श्रीवास्तव एसपी, सिटी