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इस बार महाकुंभ में स्नान के लिए श्रद्धालुओं को नहीं चलना पड़ेगा 25-25 किमी, जानिए क्या है मेला प्रशासन का नया ट्रैफिक प्लान - MAHA KUMBH MELA 2025

इस बार महाकुंभ में संगम स्नान के लिए कुल 7 रूट बनाए गए, आइए जानते हैं इनके बारे में

महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं को नहीं चलना पड़ेगा ज्यादा पैदल.
महाकुंभ में इस बार श्रद्धालुओं को नहीं चलना पड़ेगा ज्यादा पैदल. (Photo Credit; ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : 12 hours ago

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में देश–दुनिया से संगम स्नान के लिए आने वाले करोड़ाें श्रद्धालुओं को इस बार ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा. पिछली बार 2019 में लगे अर्द्ध कुंभ और 2013 में लगे कुंभ में श्रद्धालुओं को 20 से 25 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा था. इस परेशानी को देखते हुए महाकुंभ मेला प्रशासन ने कई दौर की बैठकों और रिसर्च के बाद नया ट्रैफिक प्लान तैयार किया है. इसके मुताबिक किसी भी श्रद्धालु को संगम स्नान के लिए 4 किलोमीटर से ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी ऐसा ही आदेश है. मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज आने के कुल 7 रूट तय किए हैं. इन रूटों पर मेला क्षेत्र के नजदीक कुल 102 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. इन पार्किंग स्थलों पर 5 लाख वाहन आसानी से पार्क किए जा सकेंगे. इनमें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 24 सेटेलाइट पार्किंग स्थल भी शामिल हैं, जो संगम से महज 2 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. साथ ही पार्किंग स्थलों में क्लॉक रूम, वेंडिंग जोन, चिकित्सा सुविधाएं, पेयजल व शौचालय आदि की व्यवस्था भी की गई है. यहां साइनएज, बिजली, प्रकाश की व्यवस्था और पब्लिक एड्रेस सिस्टम और वॉच टॉवर भी लगाया गया है.

अब आइए जानते हैं 7 प्रमुख रूट : परेड ग्राउंड स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रयागराज के एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि मेला क्षेत्र में प्रवेश के लिए विभिन्न दिशाओं से आने वाले कुल 7 प्रमुख मार्ग निर्धारित किए गए हैं. इनमें जौनपुर मार्ग, वाराणसी मार्ग, मिर्जापुर मार्ग, रींवा चित्रकूट मार्ग, कानुपर-फतेहपुर-कौशांबी मार्ग, कौशांबी मार्ग, और लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग शामिल हैं.

किस रूट के वाहन कैसे करेंगे संगम क्षेत्र में प्रवेश, कहां होंगे पार्क

  • जौनपुर मार्ग, आगमन: इस रूट के वाहन जौनपुर से फूलपुर, सहसों चौराहा, फाफामऊ, सहसों मार्ग होते हुए गारापुर तिराहे तक आएंगे. इसके बाद यहां चीनी मिल पार्किंग स्थल पर पार्क होंगे. यह पार्किंग स्थल भरने पर पूरेसूरदास, बदरा सोनौटी व समयामाई पार्किंग स्थलों पर वाहन पार्क कर पैदल मेला क्षेत्र तक जाना होगा
  • वापसी का मार्ग: वापस लौटने का मार्ग अलग तय किया गया है. चीनी मिल पार्किंग स्थल व पूरे सूरदास पार्किंग स्थल में खड़े वाहनों को रहिमापुर मार्ग से सहसों चौराहे निकाला जाएगा. यहां से फूलपुर होते हुए जौनपुर की तरफ यात्री अपने वाहनों से गंतव्य की ओर जा पाएंगे. बदरा सौनौटी पाकिंग स्थल पर पार्क किए गए वाहनों को पार्किंग स्थल से बाबा लाल मार्केट तिराहा होते हुए सहसों से फूलपुर और जौनपुर की ओर निकाला जाएगा. जबकि समया माई पार्किंग स्थल में पार्क वाहनों को अंटा चौराहा से भैरव कुआं होते हुए मलावा बुजुर्ग से फूलपुर होते हुए जाैनपुर निकाला जाएगा.
  • वाराणसी मार्ग, आगमन : वाराणसी से राजातालाब, भदोही, हंडिया, सैदाबाद, हनुमानगंज, हबुसा मोड, कनिहार मोड, कनिहार अंडरपास चमनगंज,जेकेडीएल मार्ग, नागेश्वर/शिवमंदिर होते हुए वाहन उस्तापुर पार्किंग जाएंगे, फिर ऐरावत संगम घाट.
  • वापसी: ऐरावत संगम घाट, जेकेडीएल मार्ग, रिंग रोड सहसों, हबुसा,हबुसा मोड़, हनुमानगंज, सैदाबाद, हंडिया, भदोही, राजातालाब होते हुए वाराणसी के लिए वाहन रवाना होंगे.
  • मिर्जापुर मार्ग, आगमन: मिर्जापुर, रज्जू भइया यूनीवर्सिटी, सरस्वती हाईटैक सिटी पार्किंग, मदनुवा पार्किंग, ओमेक्स सिटी पार्किंग/टेंट सिटी पार्किंग, देवरख पार्किंग में वाहन खड़े करने के बाद अरैल से संगम घाट तक श्रद्धालु पहुंचेंगे .
  • वापसी: अरैल संगम घाट, देवरख पार्किंग, ओमेक्स सिटी/टेंट सिटी पार्किंग, मदनुवा पार्किंग, सरस्वती हाईटेक पार्किंग के बाद रिंग रोड मिर्जापुर, एनएच मिर्जापुर जाएंगे.
  • रीवा चित्रकूट मार्ग, आगमन: रीवा/चित्रकूट से मामा भांजा तालाब, दांडी तिराहा, टीसीआई मोड़, खान चौराहा होते हुए एग्रीकल्चर पार्किंग में वाहन खड़े करने होंगे. यह पार्किंग भरने पर नवप्रयागम पार्किंग, गंजियाग्राम पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े करने होंगे. यहां से पैदल अरैल संगम घाट स्नान के लिए जाना होगा.
  • वापसी: अरैल संगम घाट से गंजियाग्राम पार्किंग, नव प्रयागम पार्किंग स्थल से वाहन लेने के बाद नए यमुना पुल होते हुए लेप्रोसी जंक्शन, दांडी तिराहा होते हुए मामा भांजा तालाब से जंक्शन और चित्रकूट/रीवा के लिए रवाना होना होगा.
  • कानपुर-फतेहपुर- कौशांबी मार्ग, आगमन: कानपुर-फतेहपुर, कौशांबी होते हुए कोखराज, मूरतगंज, पूरामुफ्ती होते हुए मुंडेरा मंडी, धूमनगंज पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को नेहरू पार्क पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े करने होंगे. यहां से एमजी मार्ग, हषवर्धन चौराहा होते हुए 17 नम्बर पार्किंग स्थल में वाहन खड़े करने के बाद संगम घाट की ओर स्नान के लिए जाना होगा.
  • वापसी : संगम घाट से 17 नम्बर पार्किंग से हर्षवर्धन चौराहा, सीएमपी डॉट पुल, एमजी मार्ग, नेहरू पार्क पार्किंग से वाहन लेकर मुंडेरा मंडी, पूरामुफ्ती
    कोखराज होते हुए कौशाम्बी-फतेहपुर-कानपुर की ओर जाना होगा.
  • कौशाम्बी मार्ग, आगमन: कौशांबी कोखराज, मूरतगंज, पूरामुफ्ती, मुंडेरा मंडी धूमनगंज होते हुए नेहरू पार्क पार्किंग, एमजी मार्ग, हर्षवर्धन चौराहा होते हुए 17 नंबर पार्किंग में वाहन खड़े कर संगम घाट जाना होगा.
  • वापसी : संगम घाट 17 नंबर पार्किंग से हर्षवर्धन चौराहा, सीएमपी डॉट पुल, एमजी मार्ग, नेहरू पार्क, पार्किंग मुडेरा मंडी, पूरामुफ्ती,मूरतगंज , कोखराज होते हुए कौशांबी जाना होगा.
  • लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग : इस मार्ग से आने वाले वाहनों के लिए आने के तीन मार्ग और वापसी के लिए भी 3 मार्ग निर्धारित किए गए हैं.
  • आगमन पहला रूट: लखनऊ-प्रतापगढ़, मलाकहरहर से 6 लेन पुल, स्टैनली रोड, लाजपत राय राेड, कमिश्नर कार्यालय, मजार चौराहा, आईआरटी फ्लाईओवर, आईईआरटी पार्किंग स्थल में वाहन खड़े कर नागवासुकी संगम घाट सेक्टर 6 में बने घाटों पर स्नान किए जा सकेंगे.
  • आगमन दूसरा रूट: लखनऊ-प्रतापगढ़ मलाकहरहर, इंटरसेक्शन, शांतिपुरम, फाफामऊ तिराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज लूप, रिवर फ्रंट रोड, नारायणी आश्रम रोड, गंगेश्वर महादेव पार्किंग में वाहन खड़े कर संगम क्षेत्र में प्रवेश करना होगा.
  • आगमन तीसरा रूट: लखनऊ प्रतापगढ़, मलाकहरहर इंटरसेक्शन, शांतिपुरम, फाफामऊ तिराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज, तेलियरगंज चौराहा, नारायणी आश्रम रोड होते हुए गंगेश्वर महादेव पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े कर पैदल संगम में जाना होगा.
  • वापसी पहला रूट :नागवासुकी संगम घाट सेक्टर 6, मजार चौराहा, आईआरटी पार्किंग, आईआरटी फ़लाइओवर, मजार चौराहा, कमिश्नर कार्यालय, लाजपत राय रोड, स्टैनली रोड, 6 लेन पुल, मलाकहरहर इंटरसेक्शन होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए जा सकेंगे.
  • वापसी दूसरा रूट : गंगेश्वर संगम घाट, गंगेश्वर पार्किंग नारायणी आश्रम, रिवर फ्रन्ट रोड , फाफामऊ ब्रिज लूप, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज, फाफामऊ तिराहा, शांतिपुरम होते हुए मलाकहरकर इंटरसेक्शन से लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुआ जा सकेगा.
  • वापसी तीसरा रूट : गंगेश्वर महादेव पार्किंग, नारायणी आश्रम रोड, तेलियरगंज चौराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज ,फाफामऊ तिराहा ,शांतिपुरम से मलाकहरहर इंटरसेक्शन होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुआ जा सकेगा.

रूट निर्णारण की खास खास बातें

  1. महाकुंभ में मुख्य स्नान पर्व के दिन केवल एकल दिशा मार्ग के सिद्धांत से ही वाहन चलेंगे.
  2. रेल, बस एवं निजी वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में जाने व वापस आने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं.
  3. वाहनों की तुलना में पैदल तीर्थयात्रियों को प्राथमिकता दी गई है और इनके लिए मेला क्षेत्र में जाने के लिए अपेक्षाकृत कम दूरी का मार्ग निर्धारित किए गए हैं.
    यह प्रयास किया गया है कि किसी एक स्थान पर भीड़ का दबाव अत्यधिक न होने पाए.
  4. योजना में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए न्यूनतम यातायात प्रतिबन्ध लगाए गए हैं.
  5. मुख्य पर्वों के लिए आपातकालीन योजना (डायवर्जन स्कीम) भी तैयार किया गया है, जिसे विशेष परिस्थितियों में लागू किया जाएगा.
  6. मुख्य स्नान पर्वों पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व व एक दिन बाद प्रयागराज कमिश्नरेट और मेला क्षेत्र नो व्हीकल जाेन घोषित रहेगा. यानी इन दिनों में कोई भी वाहन नहीं चलेगा. मौन अमावस्या के 2 दिन पूर्व और 2 दिन बाद तक प्रयागराज में कोई भी वाहन प्रवेश नहीं कर पाएगा.
  7. प्रयागराज के सीमावर्ती जनपद कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही, रायबरेली, रीवा, सतना में भी डायवर्जन प्लान और यातायात को नियंत्रित करने की योजना लागू रहेगी.
  8. श्रद्धालुओं को सामान्य दिनों में सुगम स्नान के लिए शटल बस, सीएनजी आटो और ई-रिक्शा की सुविधा मिलेगी.
  9. श्रद्धालुओं की सुविधा और मार्गदर्शन के लिए 1700 से अधिक साईनेजेज की व्यवस्था की गई है.
  10. प्रयागराज जनपद में 230 स्थानों पर वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं सहज रूप से सुलभ हो सकें.

ई-रिक्शा के लिए 6 जाेन बांटे गए : महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन को देखेते हुए मेला प्रशासन ने एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई है. इसके तहत महाकुंभ क्षेत्र को 6 जाेन में बांटा गया है. हर क्षेत्र का कलर कोड भी निर्धारित किया गया है. झूंसी क्षेत्र में सफेद कलर कोट के रिक्शे चलेंगे. यानी उनकी छत का कलर सफेद होगा. इसी तरह नैनी क्षेत्र पीला, फाफामऊ क्षेत्र हरा, धूमनगंज लाल, शहर क्षेत्र सफेद व मेला क्षेत्र में नारंगी रंग की छत वाले ई-रिक्शा संचालित होंगे. सामान्य दिनों में 200 शटल बसों का संचालन होगा.

यह भी पढ़ें : महाकुंभ 2025 ; इस बार मौनी अमावस्या का स्नान क्यों है सबसे खास, यहां जानिए - MAUNI AMAVASYA FESTIVAL

प्रयागराज: महाकुंभ 2025 में देश–दुनिया से संगम स्नान के लिए आने वाले करोड़ाें श्रद्धालुओं को इस बार ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा. पिछली बार 2019 में लगे अर्द्ध कुंभ और 2013 में लगे कुंभ में श्रद्धालुओं को 20 से 25 किलोमीटर तक पैदल चलना पड़ा था. इस परेशानी को देखते हुए महाकुंभ मेला प्रशासन ने कई दौर की बैठकों और रिसर्च के बाद नया ट्रैफिक प्लान तैयार किया है. इसके मुताबिक किसी भी श्रद्धालु को संगम स्नान के लिए 4 किलोमीटर से ज्यादा पैदल नहीं चलना पड़ेगा. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी ऐसा ही आदेश है. मेला प्रशासन ने श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए प्रयागराज आने के कुल 7 रूट तय किए हैं. इन रूटों पर मेला क्षेत्र के नजदीक कुल 102 पार्किंग स्थल बनाए गए हैं. इन पार्किंग स्थलों पर 5 लाख वाहन आसानी से पार्क किए जा सकेंगे. इनमें अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस 24 सेटेलाइट पार्किंग स्थल भी शामिल हैं, जो संगम से महज 2 से 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित हैं. साथ ही पार्किंग स्थलों में क्लॉक रूम, वेंडिंग जोन, चिकित्सा सुविधाएं, पेयजल व शौचालय आदि की व्यवस्था भी की गई है. यहां साइनएज, बिजली, प्रकाश की व्यवस्था और पब्लिक एड्रेस सिस्टम और वॉच टॉवर भी लगाया गया है.

अब आइए जानते हैं 7 प्रमुख रूट : परेड ग्राउंड स्थित मीडिया सेंटर में आयोजित प्रेस वार्ता में प्रयागराज के एडीजी भानु भास्कर ने बताया कि मेला क्षेत्र में प्रवेश के लिए विभिन्न दिशाओं से आने वाले कुल 7 प्रमुख मार्ग निर्धारित किए गए हैं. इनमें जौनपुर मार्ग, वाराणसी मार्ग, मिर्जापुर मार्ग, रींवा चित्रकूट मार्ग, कानुपर-फतेहपुर-कौशांबी मार्ग, कौशांबी मार्ग, और लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग शामिल हैं.

किस रूट के वाहन कैसे करेंगे संगम क्षेत्र में प्रवेश, कहां होंगे पार्क

  • जौनपुर मार्ग, आगमन: इस रूट के वाहन जौनपुर से फूलपुर, सहसों चौराहा, फाफामऊ, सहसों मार्ग होते हुए गारापुर तिराहे तक आएंगे. इसके बाद यहां चीनी मिल पार्किंग स्थल पर पार्क होंगे. यह पार्किंग स्थल भरने पर पूरेसूरदास, बदरा सोनौटी व समयामाई पार्किंग स्थलों पर वाहन पार्क कर पैदल मेला क्षेत्र तक जाना होगा
  • वापसी का मार्ग: वापस लौटने का मार्ग अलग तय किया गया है. चीनी मिल पार्किंग स्थल व पूरे सूरदास पार्किंग स्थल में खड़े वाहनों को रहिमापुर मार्ग से सहसों चौराहे निकाला जाएगा. यहां से फूलपुर होते हुए जौनपुर की तरफ यात्री अपने वाहनों से गंतव्य की ओर जा पाएंगे. बदरा सौनौटी पाकिंग स्थल पर पार्क किए गए वाहनों को पार्किंग स्थल से बाबा लाल मार्केट तिराहा होते हुए सहसों से फूलपुर और जौनपुर की ओर निकाला जाएगा. जबकि समया माई पार्किंग स्थल में पार्क वाहनों को अंटा चौराहा से भैरव कुआं होते हुए मलावा बुजुर्ग से फूलपुर होते हुए जाैनपुर निकाला जाएगा.
  • वाराणसी मार्ग, आगमन : वाराणसी से राजातालाब, भदोही, हंडिया, सैदाबाद, हनुमानगंज, हबुसा मोड, कनिहार मोड, कनिहार अंडरपास चमनगंज,जेकेडीएल मार्ग, नागेश्वर/शिवमंदिर होते हुए वाहन उस्तापुर पार्किंग जाएंगे, फिर ऐरावत संगम घाट.
  • वापसी: ऐरावत संगम घाट, जेकेडीएल मार्ग, रिंग रोड सहसों, हबुसा,हबुसा मोड़, हनुमानगंज, सैदाबाद, हंडिया, भदोही, राजातालाब होते हुए वाराणसी के लिए वाहन रवाना होंगे.
  • मिर्जापुर मार्ग, आगमन: मिर्जापुर, रज्जू भइया यूनीवर्सिटी, सरस्वती हाईटैक सिटी पार्किंग, मदनुवा पार्किंग, ओमेक्स सिटी पार्किंग/टेंट सिटी पार्किंग, देवरख पार्किंग में वाहन खड़े करने के बाद अरैल से संगम घाट तक श्रद्धालु पहुंचेंगे .
  • वापसी: अरैल संगम घाट, देवरख पार्किंग, ओमेक्स सिटी/टेंट सिटी पार्किंग, मदनुवा पार्किंग, सरस्वती हाईटेक पार्किंग के बाद रिंग रोड मिर्जापुर, एनएच मिर्जापुर जाएंगे.
  • रीवा चित्रकूट मार्ग, आगमन: रीवा/चित्रकूट से मामा भांजा तालाब, दांडी तिराहा, टीसीआई मोड़, खान चौराहा होते हुए एग्रीकल्चर पार्किंग में वाहन खड़े करने होंगे. यह पार्किंग भरने पर नवप्रयागम पार्किंग, गंजियाग्राम पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े करने होंगे. यहां से पैदल अरैल संगम घाट स्नान के लिए जाना होगा.
  • वापसी: अरैल संगम घाट से गंजियाग्राम पार्किंग, नव प्रयागम पार्किंग स्थल से वाहन लेने के बाद नए यमुना पुल होते हुए लेप्रोसी जंक्शन, दांडी तिराहा होते हुए मामा भांजा तालाब से जंक्शन और चित्रकूट/रीवा के लिए रवाना होना होगा.
  • कानपुर-फतेहपुर- कौशांबी मार्ग, आगमन: कानपुर-फतेहपुर, कौशांबी होते हुए कोखराज, मूरतगंज, पूरामुफ्ती होते हुए मुंडेरा मंडी, धूमनगंज पहुंचने के बाद श्रद्धालुओं को नेहरू पार्क पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े करने होंगे. यहां से एमजी मार्ग, हषवर्धन चौराहा होते हुए 17 नम्बर पार्किंग स्थल में वाहन खड़े करने के बाद संगम घाट की ओर स्नान के लिए जाना होगा.
  • वापसी : संगम घाट से 17 नम्बर पार्किंग से हर्षवर्धन चौराहा, सीएमपी डॉट पुल, एमजी मार्ग, नेहरू पार्क पार्किंग से वाहन लेकर मुंडेरा मंडी, पूरामुफ्ती
    कोखराज होते हुए कौशाम्बी-फतेहपुर-कानपुर की ओर जाना होगा.
  • कौशाम्बी मार्ग, आगमन: कौशांबी कोखराज, मूरतगंज, पूरामुफ्ती, मुंडेरा मंडी धूमनगंज होते हुए नेहरू पार्क पार्किंग, एमजी मार्ग, हर्षवर्धन चौराहा होते हुए 17 नंबर पार्किंग में वाहन खड़े कर संगम घाट जाना होगा.
  • वापसी : संगम घाट 17 नंबर पार्किंग से हर्षवर्धन चौराहा, सीएमपी डॉट पुल, एमजी मार्ग, नेहरू पार्क, पार्किंग मुडेरा मंडी, पूरामुफ्ती,मूरतगंज , कोखराज होते हुए कौशांबी जाना होगा.
  • लखनऊ-प्रतापगढ़ मार्ग : इस मार्ग से आने वाले वाहनों के लिए आने के तीन मार्ग और वापसी के लिए भी 3 मार्ग निर्धारित किए गए हैं.
  • आगमन पहला रूट: लखनऊ-प्रतापगढ़, मलाकहरहर से 6 लेन पुल, स्टैनली रोड, लाजपत राय राेड, कमिश्नर कार्यालय, मजार चौराहा, आईआरटी फ्लाईओवर, आईईआरटी पार्किंग स्थल में वाहन खड़े कर नागवासुकी संगम घाट सेक्टर 6 में बने घाटों पर स्नान किए जा सकेंगे.
  • आगमन दूसरा रूट: लखनऊ-प्रतापगढ़ मलाकहरहर, इंटरसेक्शन, शांतिपुरम, फाफामऊ तिराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज लूप, रिवर फ्रंट रोड, नारायणी आश्रम रोड, गंगेश्वर महादेव पार्किंग में वाहन खड़े कर संगम क्षेत्र में प्रवेश करना होगा.
  • आगमन तीसरा रूट: लखनऊ प्रतापगढ़, मलाकहरहर इंटरसेक्शन, शांतिपुरम, फाफामऊ तिराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज, तेलियरगंज चौराहा, नारायणी आश्रम रोड होते हुए गंगेश्वर महादेव पार्किंग स्थल पर वाहन खड़े कर पैदल संगम में जाना होगा.
  • वापसी पहला रूट :नागवासुकी संगम घाट सेक्टर 6, मजार चौराहा, आईआरटी पार्किंग, आईआरटी फ़लाइओवर, मजार चौराहा, कमिश्नर कार्यालय, लाजपत राय रोड, स्टैनली रोड, 6 लेन पुल, मलाकहरहर इंटरसेक्शन होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए जा सकेंगे.
  • वापसी दूसरा रूट : गंगेश्वर संगम घाट, गंगेश्वर पार्किंग नारायणी आश्रम, रिवर फ्रन्ट रोड , फाफामऊ ब्रिज लूप, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज, फाफामऊ तिराहा, शांतिपुरम होते हुए मलाकहरकर इंटरसेक्शन से लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुआ जा सकेगा.
  • वापसी तीसरा रूट : गंगेश्वर महादेव पार्किंग, नारायणी आश्रम रोड, तेलियरगंज चौराहा, चंद्रशेखर आजाद ब्रिज ,फाफामऊ तिराहा ,शांतिपुरम से मलाकहरहर इंटरसेक्शन होते हुए लखनऊ प्रतापगढ़ के लिए रवाना हुआ जा सकेगा.

रूट निर्णारण की खास खास बातें

  1. महाकुंभ में मुख्य स्नान पर्व के दिन केवल एकल दिशा मार्ग के सिद्धांत से ही वाहन चलेंगे.
  2. रेल, बस एवं निजी वाहनों से आने वाले श्रद्धालुओं को मेला क्षेत्र में जाने व वापस आने के लिए अलग-अलग मार्ग निर्धारित किए गए हैं.
  3. वाहनों की तुलना में पैदल तीर्थयात्रियों को प्राथमिकता दी गई है और इनके लिए मेला क्षेत्र में जाने के लिए अपेक्षाकृत कम दूरी का मार्ग निर्धारित किए गए हैं.
    यह प्रयास किया गया है कि किसी एक स्थान पर भीड़ का दबाव अत्यधिक न होने पाए.
  4. योजना में तीर्थयात्रियों की सुरक्षा व सुविधा को दृष्टिगत रखते हुए न्यूनतम यातायात प्रतिबन्ध लगाए गए हैं.
  5. मुख्य पर्वों के लिए आपातकालीन योजना (डायवर्जन स्कीम) भी तैयार किया गया है, जिसे विशेष परिस्थितियों में लागू किया जाएगा.
  6. मुख्य स्नान पर्वों पौष पूर्णिमा, मकर संक्रांति, बसंत पंचमी, माघी पूर्णिमा और महाशिवरात्रि के एक दिन पूर्व व एक दिन बाद प्रयागराज कमिश्नरेट और मेला क्षेत्र नो व्हीकल जाेन घोषित रहेगा. यानी इन दिनों में कोई भी वाहन नहीं चलेगा. मौन अमावस्या के 2 दिन पूर्व और 2 दिन बाद तक प्रयागराज में कोई भी वाहन प्रवेश नहीं कर पाएगा.
  7. प्रयागराज के सीमावर्ती जनपद कौशांबी, प्रतापगढ़, फतेहपुर, चित्रकूट, वाराणसी, मिर्जापुर, जौनपुर, भदोही, रायबरेली, रीवा, सतना में भी डायवर्जन प्लान और यातायात को नियंत्रित करने की योजना लागू रहेगी.
  8. श्रद्धालुओं को सामान्य दिनों में सुगम स्नान के लिए शटल बस, सीएनजी आटो और ई-रिक्शा की सुविधा मिलेगी.
  9. श्रद्धालुओं की सुविधा और मार्गदर्शन के लिए 1700 से अधिक साईनेजेज की व्यवस्था की गई है.
  10. प्रयागराज जनपद में 230 स्थानों पर वैरिएबल मैसेज डिस्प्ले बोर्ड लगाए गए हैं, ताकि श्रद्धालुओं को आवश्यक सूचनाएं सहज रूप से सुलभ हो सकें.

ई-रिक्शा के लिए 6 जाेन बांटे गए : महाकुंभ में 40 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं के आगमन को देखेते हुए मेला प्रशासन ने एक विस्तृत कार्ययोजना बनाई है. इसके तहत महाकुंभ क्षेत्र को 6 जाेन में बांटा गया है. हर क्षेत्र का कलर कोड भी निर्धारित किया गया है. झूंसी क्षेत्र में सफेद कलर कोट के रिक्शे चलेंगे. यानी उनकी छत का कलर सफेद होगा. इसी तरह नैनी क्षेत्र पीला, फाफामऊ क्षेत्र हरा, धूमनगंज लाल, शहर क्षेत्र सफेद व मेला क्षेत्र में नारंगी रंग की छत वाले ई-रिक्शा संचालित होंगे. सामान्य दिनों में 200 शटल बसों का संचालन होगा.

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