आजमगढ़: सर्द मौसम के बीच प्रदेश का सियासी तापमान अचानक बढ़ गया है. मुख्यमंत्री के गढ़ गोरखपुर में मंगलवार को पीएम की आयोजित रैली में पीएम नरेन्द्र मोदी ने विपक्ष पर खूब हमला बोला. लेकिन उनके निशाने पर केवल समाजवादी पार्टी रही. पीएम के लाल टोपी वाले बयान पर जहां मंगलवार को सपा मुखिया अखिलेश यादव ने पलटवार किया था, वहीं अखिलेश यादव के संसदीय क्षेत्र आजमगढ़ में बुधवार को सपा नेताओं ने जुलूस निकालकर प्रदर्शन किया. इस दौरान सपा नेताओं ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री लाल टोपी वालों से घबरा गये है लेकिन, प्रदेश की जनता लाल टोपी वालों को लाना चाह रही है.
पीएम मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में भी समाजवादी पार्टी और भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने लाल टोपी और भगवा पर जमकर एक-दूसरे पर निशाना साधा. समाजवादी पार्टी के नेता अक्षय पांडेय का कहना है कि सरकार डर रही है क्योंकि उत्तर प्रदेश और पूरे देश में यह लाल टोपी ही इस सरकार को रोक सकती है. पूरे उत्तर प्रदेश में हर स्थान पर लाल टोपी दिख रही है इसीलिए, प्रधानमंत्री जी इस तरह के बयान दे रहे हैं.
दो दिवसीय दौरे पर पीलीभीत पहुंचे सपा के एमएलसी आनंद भदौरिया ने भी पीएम मोदी के बयान पर पलटवार किया है. सपा एमएलसी आनंद भदौरिया ने कहा कि लाल टोपी खतरे की घंटी है क्योंकि, लाल टोपी भारतीय जनता पार्टी के कुशासन के प्रति लोगों को आगाह करने का काम कर रही है. लाल टोपी आमजनों को भाजपा शासन की कुरीतियों के बारे में समाजवादी पार्टी आगाह करने का काम कर रही है. इसके साथ ही पूरे उत्तर प्रदेश में लाल टोपी बदलाव लाने के लिए काम कर रही है. 2022 में जनता के साथ मिलकर यह लाल टोपी ही बदलाव लाएगी.
सपा की लाल टोपी को पीएम मोदी ने खतरा बताया था. इसके बाद बस्ती से बीजेपी के राष्ट्रीय मंत्री भी प्रधानमंत्री के सुर में सुर मिलाते नजर आए. हरीश द्विवेदी ने कहा कि सपा का मतलब ही गुंडों की पार्टी, जिन्ना के आदर्शवादी, अपहरण करने वाले लोग, जमीन कब्जा करने वाली पार्टी होता है. यह सब प्रदेश की जनता बखूबी जानती है इसलिए इस बार सपा को जनता ही सबक सिखाएगी और सपा एक भी सीट नहीं जीतेगी.