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आजमगढ़: डीएम की सराहनीय पहल, कुपोषित बच्चों के लिए अपने वेतन से दिए 60 हजार

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Published : Apr 4, 2020, 2:08 PM IST

उत्तर प्रदेश के आजमगढ़ जिले में लॉकडाउन के दौरान कुपोषित बच्चों को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. ऐसे में डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह ने सराहनीय पहल करते हुए कुपोषित बच्चों की मदद का बीड़ा उठाया है.

आजमगढ़ डीएम की सराहनीय पहल
आजमगढ़ डीएम की सराहनीय पहल

आजमगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन किए जाने के बाद सबसे ज्यादा समस्या का सामना रोजी-रोटी व मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करने वाले लोगों को हो रहा है.

वहीं इस बंदी के दौरान कुपोषित बच्चे भी समस्याओं से जूझ रहे हैं. ऐसे में आजमगढ़ जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने सराहनीय पहल करते हुए कुपोषित बच्चों की मदद का बीड़ा उठाया है.

मीडिया से बातचीत करते हुए डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कुपोषित बच्चों के भरण-पोषण में कोई समस्या न हो, इसलिए अपने 10 दिन का वेतन 60,000 रुपये इन कुपोषित बच्चों के भरण पोषण में देने का निर्णय लिया है.

इसके साथ ही डीएम ने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में सभी लोगों को ऐसे लोगों की मदद करने के लिए सामने आना चाहिए, जो समस्याओं से जूझ रहे हैं.

डीएम ने बताया कि राज्य कर्मचारियों के वेतन में से प्रदेश सरकार ने पहले से ही 1 दिन का वेतन दे दिया है, बावजूद इसके यदि कोई भी कर्मचारी स्वेच्छा से कुपोषित बच्चों की मदद करना चाहे तो कर सकता है.

लगभग 55 लाख की आबादी वाले इस जनपद में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो कुपोषित हैं. ऐसे में इस विषम परिस्थिति में इन बच्चों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए डीएम ने स्वयं मदद कर जनपद के लोगों से इन बच्चों की मदद करने की अपील की.

ये भी पढ़ें: आजमगढ़: गरीबों और जरूरतमंदों के लिए मसीहा बनी पुलिस, भूखों को खिला रही खाना

आजमगढ़: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा पूरे देश में लॉकडाउन किए जाने के बाद सबसे ज्यादा समस्या का सामना रोजी-रोटी व मजदूरी कर अपना गुजर-बसर करने वाले लोगों को हो रहा है.

वहीं इस बंदी के दौरान कुपोषित बच्चे भी समस्याओं से जूझ रहे हैं. ऐसे में आजमगढ़ जिलाधिकारी नागेंद्र प्रताप सिंह ने सराहनीय पहल करते हुए कुपोषित बच्चों की मदद का बीड़ा उठाया है.

मीडिया से बातचीत करते हुए डीएम नागेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि लॉकडाउन के दौरान कुपोषित बच्चों के भरण-पोषण में कोई समस्या न हो, इसलिए अपने 10 दिन का वेतन 60,000 रुपये इन कुपोषित बच्चों के भरण पोषण में देने का निर्णय लिया है.

इसके साथ ही डीएम ने जनपदवासियों से अपील करते हुए कहा कि इस संकट की घड़ी में सभी लोगों को ऐसे लोगों की मदद करने के लिए सामने आना चाहिए, जो समस्याओं से जूझ रहे हैं.

डीएम ने बताया कि राज्य कर्मचारियों के वेतन में से प्रदेश सरकार ने पहले से ही 1 दिन का वेतन दे दिया है, बावजूद इसके यदि कोई भी कर्मचारी स्वेच्छा से कुपोषित बच्चों की मदद करना चाहे तो कर सकता है.

लगभग 55 लाख की आबादी वाले इस जनपद में बड़ी संख्या में ऐसे बच्चे हैं जो कुपोषित हैं. ऐसे में इस विषम परिस्थिति में इन बच्चों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए डीएम ने स्वयं मदद कर जनपद के लोगों से इन बच्चों की मदद करने की अपील की.

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