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वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने रामनगरी से शुरू की पदयात्रा, बोलीं- भगवान राम जहां पैदल चले उस मार्ग को बनाएंगी हरा-भरा - राम वनगमन मार्ग विकास जागरूकता

वाटर वूमेन के नाम से मशहूर शिप्रा पाठक (Shipra Pathak Ayodhya Rameshwaram Padayatra) ने रामनगरी से रामेश्वरम तक की पदयात्रा की शुरुआत की. इस दौरान केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल ने उन्हें शुभकामनाएं दीं. शिप्रा पाठक ने इस पदयात्रा का मकसद भी बताया.

वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने अयोध्या से की पदयात्रा की शुरुआत.
वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने अयोध्या से की पदयात्रा की शुरुआत.
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 27, 2023, 5:53 PM IST

वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने अयोध्या से की पदयात्रा की शुरुआत.

अयोध्या : भगवान श्रीराम को अपना आराध्य मानते हुए वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने रामनगरी से रामेश्वरम तक की पदयात्रा की शुरुआत की. भगवान राम जिन रास्तों से वनवास के दौरान गुजरे थे, उन रास्तों से उनकी पदयात्रा गुजरेगी. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उन्होंने अयोध्या के लक्ष्मण किला परिसर से इसका शुभारंभ किया. इस मौके पर केंद्रीय जल राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल भी मौजूद रहे. उन्होंने इस पदयात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं.

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल बोले- सादगी के साथ हुई यात्रा की शुरुआत : पदयात्रा के शुभारंभ पर केंद्रीय जल राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मेरे पूर्वजों और भगवान की कृपा है कि आज मैं अयोध्या में हूं. इस शुभ अवसर पर पदयात्रा की शुरुआत करने वाली शिप्रा पाठक को बधाई दे रहा हूं. इस तरह की यात्राएं सादगी से ही शुरू होती हैं. आज बेहद सादगी से एक बड़े उद्देश्य को लेकर इस यात्रा की शुरुआत हुई. वहीं समाजसेवी शिप्रा पाठक ने बताया कि मेरा उद्देश्य उन सभी मार्गों को सजाना, संवारना है, जिन मार्गों से भगवान राम लंका तक पहुंचे थे. राम वन गमन मार्ग के जरिए रामेश्वरम तक पहुंचने का लक्ष्य है. इस यात्रा के माध्यम से मेरा संदेश है कि लोग भगवान श्रीराम के त्याग, परिश्रम और उनके कर्तव्य परायणता के बारे में जाने और समझे. उन मार्गों को भी जाने जिनके जरिए भगवान राम रामेश्वरम तीर्थ तक पहुंचे थे. ऐसे रास्तों को हरा-भरा बनाने का मकसद है. इस मौके पर लक्ष्मण किलाधीश मैथिली रमन शरण और आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण भी मौजूद रहे.

जानिए कौन हैं शिप्रा पाठक : यूपी के बांस बरेली की रहने वाली शिप्रा पाठक एक बिजनेस वूमन हैं. शिप्रा ने अपना बिजनेस छोड़ सारा जीवन जल सरंक्षण में लगाने का फैसला लिया है. उनके इसी फैसले और प्रयासों के कारण उन्हें वॉटर वूमन के नाम से जाना जाता है. शिप्रा का सफर आसान नहीं रहा . उन्होंने विदेश से अपनी पढ़ाई पूरी की. पुणे की टेलीकॉम कंपनी में जॉब किया. कुछ समय जॉब करने के बाद उन्होंने अपनी इंवेंट कंपनी खोल ली. इस कंपनी के काम के चक्कर में शिप्रा कई देशों की यात्राएं कर चुकी हैं. वह जहां भी जाती हैं वहां सभी से जल सरंक्षण के प्रति जागरूक करती हैं.

यह भी पढ़ें : अयोध्या में इस तरह से तैयार हो रहा भगवान राम का मंदिर, देखें रामलला सरकार के भवन की ताजा तस्वीरें

वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने अयोध्या से की पदयात्रा की शुरुआत.

अयोध्या : भगवान श्रीराम को अपना आराध्य मानते हुए वाटर वूमेन शिप्रा पाठक ने रामनगरी से रामेश्वरम तक की पदयात्रा की शुरुआत की. भगवान राम जिन रास्तों से वनवास के दौरान गुजरे थे, उन रास्तों से उनकी पदयात्रा गुजरेगी. कार्तिक पूर्णिमा के अवसर पर उन्होंने अयोध्या के लक्ष्मण किला परिसर से इसका शुभारंभ किया. इस मौके पर केंद्रीय जल राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल भी मौजूद रहे. उन्होंने इस पदयात्रा के लिए शुभकामनाएं दीं.

केंद्रीय मंत्री प्रहलाद पटेल बोले- सादगी के साथ हुई यात्रा की शुरुआत : पदयात्रा के शुभारंभ पर केंद्रीय जल राज्य मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि मेरे पूर्वजों और भगवान की कृपा है कि आज मैं अयोध्या में हूं. इस शुभ अवसर पर पदयात्रा की शुरुआत करने वाली शिप्रा पाठक को बधाई दे रहा हूं. इस तरह की यात्राएं सादगी से ही शुरू होती हैं. आज बेहद सादगी से एक बड़े उद्देश्य को लेकर इस यात्रा की शुरुआत हुई. वहीं समाजसेवी शिप्रा पाठक ने बताया कि मेरा उद्देश्य उन सभी मार्गों को सजाना, संवारना है, जिन मार्गों से भगवान राम लंका तक पहुंचे थे. राम वन गमन मार्ग के जरिए रामेश्वरम तक पहुंचने का लक्ष्य है. इस यात्रा के माध्यम से मेरा संदेश है कि लोग भगवान श्रीराम के त्याग, परिश्रम और उनके कर्तव्य परायणता के बारे में जाने और समझे. उन मार्गों को भी जाने जिनके जरिए भगवान राम रामेश्वरम तीर्थ तक पहुंचे थे. ऐसे रास्तों को हरा-भरा बनाने का मकसद है. इस मौके पर लक्ष्मण किलाधीश मैथिली रमन शरण और आचार्य मिथिलेश नंदनी शरण भी मौजूद रहे.

जानिए कौन हैं शिप्रा पाठक : यूपी के बांस बरेली की रहने वाली शिप्रा पाठक एक बिजनेस वूमन हैं. शिप्रा ने अपना बिजनेस छोड़ सारा जीवन जल सरंक्षण में लगाने का फैसला लिया है. उनके इसी फैसले और प्रयासों के कारण उन्हें वॉटर वूमन के नाम से जाना जाता है. शिप्रा का सफर आसान नहीं रहा . उन्होंने विदेश से अपनी पढ़ाई पूरी की. पुणे की टेलीकॉम कंपनी में जॉब किया. कुछ समय जॉब करने के बाद उन्होंने अपनी इंवेंट कंपनी खोल ली. इस कंपनी के काम के चक्कर में शिप्रा कई देशों की यात्राएं कर चुकी हैं. वह जहां भी जाती हैं वहां सभी से जल सरंक्षण के प्रति जागरूक करती हैं.

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