अयोध्या: सिद्धपीठ हनुमान गढ़ी में नागापना समारोह का आयोजन किया गया. 12 वर्षीय इस नागापना समारोह में सागरिया, उज्जैनिया पट्टी के नए नागाओं को धर्म की रक्षा हेतु शपथ ग्रहण करा कर समारोह का विधवत समापन किया गया. इस मौके पर दोनों ही पट्टियों के सैकड़ों संत मौजूद रहे. इस अवसर पर रामकथा कुंज के महंत को जगद्गुरु रामननंदाचार्य पद पर चुना गया.
जानकारी देते महंत ज्ञानदास महंत ज्ञानदास ने नए नागाओं को शपथ दिलाई
सागरिया पट्टी के नए नागाओं को अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञानदास ने 137 नए नागाओं को धर्म की रक्षा के लिए शपथ दिलाई. वहीं नए नागाओं के महंत अथवा अध्यक्ष के रूप में विश्व मोहन दास की घोषणा हुई.
सागरिया पट्टी के नए नागाओं को अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष और हनुमान गढ़ी के महंत ज्ञानदास ने 137 नए नागाओं को धर्म की रक्षा के लिए शपथ दिलाई. धर्म की रक्षा ही नागाओं का उद्देश्यइस अवसर पर महंत ज्ञान दास ने सभी 137 नागाओं को संबोधित करते हुए कहा कि सर्व प्रथम गुरु और धर्म की रक्षा के लिए ही अपने जीवन को समर्पित करना ही नागाओं का उद्देश्य होना चाहिये. नागा पना समारोह में नए नागाओं को चरण पादुका को स्पर्श करा कर शपथ दिलाई गई.
ये रहे मौजूद
सागरिया पट्टी के नागापना समारोह में मुख्य रूप से अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष, धर्मसम्राट महंत ज्ञान दास के उत्तराधिकारी महंत संजय दास, हनुमान गढ़ी के पुजारी हेमंत दास, बाबा माधव दास, महंत जनार्दन दास , डॉ महेश दास सहित सागरिया पट्टी से जुड़े तमाम संत महंत मौजूद रहे.
उज्जैनिया पट्टी में 125 से अधिक नए नागाओं को शपथ दिलाई
वहीं उज्जैनिया पट्टी का नेतृत्व कर रहे उज्जैनिया पट्टी के महंत संतराम दास के नेतृत्व में भी 125 से अधिक नए नागाओं को शपथ दिलाई गई. उज्जैनिया पट्टी के नागाओं ने हनुमानगढ़ी जाकर बजरंगबली के समक्ष धर्म की रक्षा के लिए शपथ ली.
सभी नए नागा परम्परा अनुसार हरिद्वार जाकर स्नान करेंगे
इस दौरान महंत रामकुमार दास, पुजारी राजू दास, पुजारी रमेश दास सहित तमाम संत महंत मौजूद रहे. बताते चलें कि 12 वर्षों में एक एक बार सभी पट्टियों का क्रम वार नागापना समारोह का आयोजन होता है. इसी क्रम मे इस बार सागरिया और उज्जैनिया पट्टी के द्वारा नागापना समारोह का आयोजन हुआ है. अब सभी नए नागा परम्परा अनुसार हरिद्वार जाकर स्नान करेंगे. समारोह में शामिल सभी नए नागाओं को माला पहना कर उनका स्वागत भी वरिष्ठ महंतों द्वारा किया गया. कुल मिलाकर सिद्धपीठ हनुमागढ़ी में सागरिया और उज्जैनिया पट्टी का नागापना समारोह सकुशल सम्पन्न हुआ. इस दौरान सुरक्षा के भी जबरदस्त इंतज़ाम किये गए थे.