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अम्बेडकरनगर: बाढ़ से कई लोग हुए बेघर, प्रशासन ने वितरित की राहत सामग्री

अंबेडकरनगर में घाघरा नदी के बाढ़ क्षेत्र में आ जाने से बड़ी संख्या में लोग बेघर हो गए हैं. इनमें से कई लोग बाढ़ राहत चौकी पर अपना जीवन बिता रहे हैं. प्रशासन ने इनकी मजबूरी को समझते हुए रविवार को राहत सामग्री का वितरण किया.

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बांटी गई राहत सामग्री
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Published : Aug 9, 2020, 4:46 PM IST

Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST

अम्बेडकरनगर: घाघरा नदी के बाढ़ में अपना सब कुछ खोकर बाढ़ राहत चौकी पर जिंदगी गुजार रहे पीड़ितों को प्रशासन ने शनिवार राहत सामग्री का वितरण किया. राहत सामग्री का पैकेट पाकर पीड़ितों ने राहत की सांस ली. प्रशासन ने राहत पैकेट में खाने के सामाना की व्यवस्था की है.

इन दोनों के बीच मे फंसे 888 से ऐसे परिवार जिनका बाढ़ से सबकुछ तबाह हो चुका था , इन तबाह और बर्बाद हुए परिवारों के जीवन यापन के लिए सरकार सहयोग प्रदान कर रही है और अपने अधीकरियों के जरिये हर ओ मदद उनतक पहुंचा रही है जो उनको जरूरत है , प्रशासन ने 888 पीड़ित परिवारों में से 694 को राहत सामग्री का वितरण किया.

बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन ने बांटी राहत सामग्री.

टांडा में 400 से ज्यादा लोग हुए थे बेघर
घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने से टाण्डा तहसील क्षेत्र के पांच गांवों के 888 से ऐसे परिवार हैं, जिनका बाढ़ से सबकुछ तबाह हो चुका था. घरों में पानी घुसने से लोग अपना घर छोड़ कर गांव के प्राइमरी स्कूल में बनाये गए राहत कैम्प में आ गए थे, लेकिन अब नदी का पानी घटा तो लोग फिर एक बार अपने घरों की तरफ रुख करने लगे. वहीं अब उनके सामने खाने की समस्या पैदा हो गई है. ऐसे में शनिवार को प्रशासन ने सभी लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया. इसमें दाल, चावल, नमक , आटा, तेल, माचिस, मिट्टी के तेल और बिस्किट आदि दिया गया.

बांटी गई राहत सामग्री
जिले में घाघरा नदी में आई बाढ़ का जल स्तर अब कम तो हो गया है, लेकिन अपने पीछे काफी तबाही और बर्बादी छोड़ गया है. जिले के टांडा तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी की चपेट में आने से पांच गांवों के लगभग एक हजार परिवार बाढ़ से पीड़ित हैं , घाघरा नदी की दो जल धाराओं के बीच बसे इन गांवों में बाढ़ के पानी के घुसने से न सिर्फ हजारों बीघा धान की फसलें डूब गईं, बल्कि लोगों के घरों में पानी घुसने से घरों में रखे अनाज और पशुओं का चारा भी बर्बाद हो गया.

बाढ़ पीड़ितों को राहत पंहुचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे का भी वितरण किया गया. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित मांझा उल्टहवा, मांझा फूलपुर, मांझा चिंतौरा, मांझा कला और मांझा अवसानपुर के बाढ़ पीड़ितों को राहत वितरण के लिए एसडीएम टांडा अभिषेक पाठक के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने घाघरा नदी के तटबन्ध पर राहत सामग्री का वितरण किया.

एसडीएम अभिषेक पाठक ने बताया कि टांडा तहसील के पांच गांव बाढ़ से पीड़ित हैं. जिले में कई परिवार पीड़ित हैं, रविवार को 694 परिवार को राहत सामग्री का वितरण किया गया. उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर बाढ़ से प्रभावित गांवों में प्रशासन संपर्क बनाए हुए है.

अम्बेडकरनगर: घाघरा नदी के बाढ़ में अपना सब कुछ खोकर बाढ़ राहत चौकी पर जिंदगी गुजार रहे पीड़ितों को प्रशासन ने शनिवार राहत सामग्री का वितरण किया. राहत सामग्री का पैकेट पाकर पीड़ितों ने राहत की सांस ली. प्रशासन ने राहत पैकेट में खाने के सामाना की व्यवस्था की है.

इन दोनों के बीच मे फंसे 888 से ऐसे परिवार जिनका बाढ़ से सबकुछ तबाह हो चुका था , इन तबाह और बर्बाद हुए परिवारों के जीवन यापन के लिए सरकार सहयोग प्रदान कर रही है और अपने अधीकरियों के जरिये हर ओ मदद उनतक पहुंचा रही है जो उनको जरूरत है , प्रशासन ने 888 पीड़ित परिवारों में से 694 को राहत सामग्री का वितरण किया.

बाढ़ पीड़ितों को प्रशासन ने बांटी राहत सामग्री.

टांडा में 400 से ज्यादा लोग हुए थे बेघर
घाघरा नदी का जल स्तर बढ़ने से टाण्डा तहसील क्षेत्र के पांच गांवों के 888 से ऐसे परिवार हैं, जिनका बाढ़ से सबकुछ तबाह हो चुका था. घरों में पानी घुसने से लोग अपना घर छोड़ कर गांव के प्राइमरी स्कूल में बनाये गए राहत कैम्प में आ गए थे, लेकिन अब नदी का पानी घटा तो लोग फिर एक बार अपने घरों की तरफ रुख करने लगे. वहीं अब उनके सामने खाने की समस्या पैदा हो गई है. ऐसे में शनिवार को प्रशासन ने सभी लोगों को राहत सामग्री का वितरण किया. इसमें दाल, चावल, नमक , आटा, तेल, माचिस, मिट्टी के तेल और बिस्किट आदि दिया गया.

बांटी गई राहत सामग्री
जिले में घाघरा नदी में आई बाढ़ का जल स्तर अब कम तो हो गया है, लेकिन अपने पीछे काफी तबाही और बर्बादी छोड़ गया है. जिले के टांडा तहसील क्षेत्र में घाघरा नदी की चपेट में आने से पांच गांवों के लगभग एक हजार परिवार बाढ़ से पीड़ित हैं , घाघरा नदी की दो जल धाराओं के बीच बसे इन गांवों में बाढ़ के पानी के घुसने से न सिर्फ हजारों बीघा धान की फसलें डूब गईं, बल्कि लोगों के घरों में पानी घुसने से घरों में रखे अनाज और पशुओं का चारा भी बर्बाद हो गया.

बाढ़ पीड़ितों को राहत पंहुचाने के लिए प्रदेश सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार की तरफ से बाढ़ पीड़ितों को राहत सामग्री के साथ-साथ पशुओं के लिए चारे का भी वितरण किया गया. बाढ़ से सबसे ज्यादा प्रभावित मांझा उल्टहवा, मांझा फूलपुर, मांझा चिंतौरा, मांझा कला और मांझा अवसानपुर के बाढ़ पीड़ितों को राहत वितरण के लिए एसडीएम टांडा अभिषेक पाठक के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम ने घाघरा नदी के तटबन्ध पर राहत सामग्री का वितरण किया.

एसडीएम अभिषेक पाठक ने बताया कि टांडा तहसील के पांच गांव बाढ़ से पीड़ित हैं. जिले में कई परिवार पीड़ित हैं, रविवार को 694 परिवार को राहत सामग्री का वितरण किया गया. उन्होंने बताया कि शासन के निर्देश पर बाढ़ से प्रभावित गांवों में प्रशासन संपर्क बनाए हुए है.

Last Updated : Sep 17, 2020, 4:26 PM IST
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