अलीगढ़ : एएमयू में पीएचडी के दाखिले को लेकर धरना-प्रदर्शन कर रहे छात्रों को धरना-प्रदर्शन समाप्त कराने के लिए कहा गया है. यदि वह नहीं मानते हैं तो भविष्य में उनके प्रवेश पर प्रतिबंध लगाया जा सकता है. विश्विद्यालय प्रशासन का कहना है कि धरना देने वाले वर्तमान में एएमयू के छात्र भी नहीं है और इनके विरुद्ध कानूनी कार्रवाई भी की जा सकती है.
मांगों को लेकर धरना-प्रदर्शन जारी
- हिंदी विभाग में दिए गए एडमिशन गलत हैं. उसे हटाया जाए.
- कोर्सों से स्पेशलाइजेशन हटाया जाए, क्योंकि डिग्री स्पेशलाइजेशन की नहीं होती है.
- परीक्षाओं की तारीख तय नहीं की गई थी. उसके बाद परीक्षा देर से प्रारंभ कराई गई और परिणाम घोषित कर दिया गया. जिसके बाद से एडमिशन नहीं दिया जा रहा है.
एएमयू प्रशासन की तरफ से पीएचडी उम्मीदवारों की समस्याओं पर विभिन्न संकाय के डीन के साथ बैठक में विचार कर निर्णय लिया गया है कि शैक्षणिक सत्र 2019- 20 के लिए प्रवेश परीक्षा जुलाई या अगस्त में कराई जाएगी. धरने के चलते सरकारी कामकाज में बाधाएं और आवश्यक कार्य से प्रशासनिक ब्लॉक, स्टाफ कर्मियों और छात्रों को परेशानी हो रही है. वहीं धरनारत छात्रों ने आरोप लगाया है कि प्रॉक्टर टीम ने उन्हें धमकी दी है. पीएचडी में दाखिले को लेकर छात्र-छात्राएं सात दिन से धरना दे रहे हैं. वहीं धरना दे रहे छात्रों ने छह सूत्री मांगों को लेकर कुलपति को ज्ञापन भी दिया है. छात्र फराज चौधरी ने कहा कि हमारी मांग जायज है. इंतजामियां मांग पूरी करने के बजाय धमका रहा है.
हमारे साथ पक्षपात कर हमारा नाम लिस्ट से निकाला गया है. पीएचडी धांधली को लेकर राष्ट्रपति मानव संसाधन विकास मंत्रालय यूजीसी के साथ ही डीएम को भी पत्र भेजा है. वहीं विश्वविद्यालय प्रशासन ने सख्त रूप दिखाते हुए छात्रों से प्रशासनिक ब्लॉक गेट को तुरंत खाली करने की चेतावनी दी है. प्रशासनिक गेट खाली नहीं किया तो भविष्य में किसी भी पाठ्यक्रम में प्रवेश पर रोक लगा दी जाएगी. वही पीएचडी में दाखिले को लेकर छात्र अड़े हैं.
-आकिब छात्र