अलीगढ़: अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में नए सत्र में जम्मू-कश्मीर के छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है. पिछले वर्ष की तुलना में इस साल 196 छात्र-छात्राओं की वृद्धि हुई है. अनुच्छेद 370 हटने के बाद और इंटरनेट सेवाएं ठप होने व बैंकिंग सेवा बाधित होने के बावजूद दाखिले पर कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.
इस सत्र कश्मीरी छात्रों की संख्या में वृद्धि
अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के डीन स्टूडेंट वेलफेयर के चेयरमैन प्रोफेसर शमशुल हक सिद्दीकी ने बताया कि पिछले सत्र में जम्मू-कश्मीर के 985 छात्र-छात्राएं यहां पढ़ने आए थे. वहीं नए सत्र में संख्या बढ़कर 1181 पहुंच गई है. ज्यादातर नामांकन 10 अगस्त 2019 के पहले के हैं. दरअसल गृहमंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को संसद में अनुच्छेद 370 हटाने की घोषणा की थी. उस समय अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में दाखिला चल रहा था.
आशंका थी जम्मू-कश्मीर से कम छात्र-छात्राएं लेंगे दाखिला
हालात बदलने के बाद लोग आशंका जता रहे थे कि इस साल जम्मू-कश्मीर से कम छात्र-छात्राएं एएमयू में दाखिला ले पाएंगे, क्योंकि कर्फ्यू जैसी स्थिति के कारण और संचार सेवाएं ठप होने व आवागमन पर भी असर पड़ रहा था. बैंकिंग सेवाएं भी ठप पड़ गई. लेकिन दाखिला प्रक्रिया संपन्न होने के बाद छात्रों ने राहत की सांस ली है.
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एएमयू से गहरा नाता
एएमयू के पीआरओ ऑफिस में डिप्टी एमआईसी राहत अबरार बताते हैं कि जम्मू कश्मीर के लोगों का एएमयू से गहरा नाता रहा है. कश्मीर के महाराजा ने सर सैयद अहमद खान की कॉलेज स्थापना में सहायता की थी. कश्मीर के महाराजा परिवार से डॉक्टर कर्ण सिंह को 1963 में एएमयू ने डीलिट की उपाधि प्रदान की थी.
एएमयू के पांच छात्र जम्मू कश्मीर के रह चुके हैं मुख्यमंत्री
एएमयू से पढ़े शेख अब्दुल्ला, मुफ्ती मोहम्मद सईद, बख्शी गुलाम मोहम्मद, मीर कासिम और जीएम सादिक जम्मू कश्मीर के मुख्यमंत्री रह चुके हैं. हरियाणा के राज्यपाल रहे बाबू परमानंद भी एएमयू के छात्र रह चुके हैं. वही कश्मीरी सैफुद्दीन सोज भी एएमयू से ही पढ़े हैं.