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AMU के मुस्लिम विद्वानों ने लोगों से की कोविड वैक्सीन का टीकाकरण कराने की अपील - अलीगढ़ की ताजा खबर

अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने सभी से कोरोना वैक्सीन का टीकाकरण कराने की अपील की है. आपको बता दें कि कोरोना संक्रमण से अब तक एएमयू के 20 शिक्षकों की जान जा चुकी है.

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Published : May 18, 2021, 9:16 AM IST

अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने सभी से अपील की है कि कोरोना जैसी घातक महामारी से खुद को बचाने के लिए टीका अवश्य लगवाएं. विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि आज पूरी दुनिया और विशेषकर हमारा देश एक गंभीर महामारी से जूझ रहा है. कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसका प्रकोप इस स्तर पर पहुंच गया है कि हमारी पूरी चिकित्सा और स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो गई है. डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी सभी इस संकट से युद्ध स्तर पर लड़ रहे हैं और अपनी जानें भी गवां रहे हैं. हम उनकी सेवाओं और कुर्बानी के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. दरअसल कोरोना संक्रमण से अब तक एएमयू के 20 प्रोफेसरों की जान जा चुकी है. ऐसे में कुलपति डॉ. तारिक मंसूर ने भी एएमयू बिरादरी से कोविड वैक्सीनेशन की अपील की है.

एएमयू की तरफ से जारी प्रेस रिलीज
एएमयू की तरफ से जारी प्रेस रिलीज

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'लोगों की जान बचाने का हर संभव उपाय किया जाए'
अपील में कहा गया है कि इन परिस्थितियों में प्रत्येक नागरिक और सभी धर्मों के अनुयायियों का कर्तव्य है कि वे अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए हर संभव उपाय करें, सरकार और डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करें. जीवन की रक्षा सभी धर्मों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यहां तक कि पवित्र कुरान में भी खुद को मारने की सख्त मनाही है. मुसलमान होने की हैसियत से यह हमारा विश्वास है कि बीमारी और उपचार दोनों अल्लाह के हाथों में हैं. लेकिन, एहतियात के साथ-साथ इलाज और उपाय ऐसा साधन हैं, जिन्हें अल्लाह ने उपचार के लिए बनाया है और उनका पालन करना धार्मिक रूप से अनिवार्य है. इसलिए फेस मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथ धोते रहना न केवल डॉक्टरों और सरकार के निर्देशों के अनुसार है, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का धार्मिक कर्तव्य भी है.

एएमयू की अपील
एएमयू की अपील

'वैक्सीन से ही महामारी को हरा सकते हैं'
अपील में कहा गया है कि इन सावधानियों में सबसे महत्वपूर्ण है टीकाकरण. वैक्सीन से ही हम इस वैश्विक महामारी को हरा सकते हैं. अपील में सभी लोगों से निर्धारित नियमों के अनुसार जल्द से जल्द टीका लगवाने का आह्वान किया गया है और कहा गया है कि इसमें कोई भी झिझक आपके परिवार और देश के अन्य नागरिकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है.

इसे भी पढ़ें : हाईकोर्ट ने कहा, गांव की चिकित्सा व्यवस्था राम भरोसे

'टीकाकरण है महत्तवपूर्ण'
शिक्षकों ने कहा कि हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार टीकाकरण की पहल करें. ताकि सुरक्षित रह सकें और देश के नागरिकों के जीवन और देश के विकास को खतरे में डालने वाले इस संकट को खत्म किया जा सके. अपील में यह भी कहा गया है कि हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम टीकाकरण के साथ-साथ अल्लाह से सच्चे दिल से प्रार्थना करें.


'इन प्रोफेसरों ने की अपील'
अपील पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षकों में धर्मशास्त्र संकाय के डीन प्रो. मोहम्मद सऊद आलम कासमी, केए निजामी कुरान अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. अब्दुल रहीम किदवई, सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रो. अली मोहम्मद नकवी, जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राचार्य प्रो. एमएम सुफियान बेग, थियोलॉजी फैकल्टी के पूर्व डीन प्रो. तौकीर आलम फलाही, सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद सलीम, इस्लामिक स्टडीज विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. ओबैदुल्लाह फहद, शिया धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. तैयब रजा नकवी, पूर्व नाजिम सुन्नी दीनियात डॉ. मुफ्ती जाहिद अली खान और ब्रिज कोर्स के निदेशक डॉ. नसीम अहमद खान शामिल हैं.

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अलीगढ़ : अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के विद्वानों और बुद्धिजीवियों ने सभी से अपील की है कि कोरोना जैसी घातक महामारी से खुद को बचाने के लिए टीका अवश्य लगवाएं. विश्वविद्यालय के प्रोफेसरों की ओर से जारी अपील में कहा गया है कि आज पूरी दुनिया और विशेषकर हमारा देश एक गंभीर महामारी से जूझ रहा है. कोरोना का प्रकोप थमने का नाम नहीं ले रहा है और इसका प्रकोप इस स्तर पर पहुंच गया है कि हमारी पूरी चिकित्सा और स्वास्थ्य व्यवस्था प्रभावित हो गई है. डॉक्टर, स्वास्थ्यकर्मी सभी इस संकट से युद्ध स्तर पर लड़ रहे हैं और अपनी जानें भी गवां रहे हैं. हम उनकी सेवाओं और कुर्बानी के लिए उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं. दरअसल कोरोना संक्रमण से अब तक एएमयू के 20 प्रोफेसरों की जान जा चुकी है. ऐसे में कुलपति डॉ. तारिक मंसूर ने भी एएमयू बिरादरी से कोविड वैक्सीनेशन की अपील की है.

एएमयू की तरफ से जारी प्रेस रिलीज
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'लोगों की जान बचाने का हर संभव उपाय किया जाए'
अपील में कहा गया है कि इन परिस्थितियों में प्रत्येक नागरिक और सभी धर्मों के अनुयायियों का कर्तव्य है कि वे अपनी और दूसरों की जान बचाने के लिए हर संभव उपाय करें, सरकार और डॉक्टरों के निर्देशों का पालन करें. जीवन की रक्षा सभी धर्मों की दृष्टि से महत्वपूर्ण है और यहां तक कि पवित्र कुरान में भी खुद को मारने की सख्त मनाही है. मुसलमान होने की हैसियत से यह हमारा विश्वास है कि बीमारी और उपचार दोनों अल्लाह के हाथों में हैं. लेकिन, एहतियात के साथ-साथ इलाज और उपाय ऐसा साधन हैं, जिन्हें अल्लाह ने उपचार के लिए बनाया है और उनका पालन करना धार्मिक रूप से अनिवार्य है. इसलिए फेस मास्क पहनना, सामाजिक दूरी बनाए रखना और हाथ धोते रहना न केवल डॉक्टरों और सरकार के निर्देशों के अनुसार है, बल्कि प्रत्येक व्यक्ति का धार्मिक कर्तव्य भी है.

एएमयू की अपील
एएमयू की अपील

'वैक्सीन से ही महामारी को हरा सकते हैं'
अपील में कहा गया है कि इन सावधानियों में सबसे महत्वपूर्ण है टीकाकरण. वैक्सीन से ही हम इस वैश्विक महामारी को हरा सकते हैं. अपील में सभी लोगों से निर्धारित नियमों के अनुसार जल्द से जल्द टीका लगवाने का आह्वान किया गया है और कहा गया है कि इसमें कोई भी झिझक आपके परिवार और देश के अन्य नागरिकों के जीवन को खतरे में डाल सकता है.

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'टीकाकरण है महत्तवपूर्ण'
शिक्षकों ने कहा कि हम सभी लोगों से अपील करते हैं कि स्वास्थ्य विभाग के निर्देशानुसार टीकाकरण की पहल करें. ताकि सुरक्षित रह सकें और देश के नागरिकों के जीवन और देश के विकास को खतरे में डालने वाले इस संकट को खत्म किया जा सके. अपील में यह भी कहा गया है कि हम सभी के लिए यह महत्वपूर्ण है कि हम टीकाकरण के साथ-साथ अल्लाह से सच्चे दिल से प्रार्थना करें.


'इन प्रोफेसरों ने की अपील'
अपील पर हस्ताक्षर करने वाले शिक्षकों में धर्मशास्त्र संकाय के डीन प्रो. मोहम्मद सऊद आलम कासमी, केए निजामी कुरान अध्ययन केंद्र के निदेशक प्रो. अब्दुल रहीम किदवई, सर सैयद अकादमी के निदेशक प्रो. अली मोहम्मद नकवी, जाकिर हुसैन कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी के प्राचार्य प्रो. एमएम सुफियान बेग, थियोलॉजी फैकल्टी के पूर्व डीन प्रो. तौकीर आलम फलाही, सुन्नी धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. मोहम्मद सलीम, इस्लामिक स्टडीज विभाग के पूर्व अध्यक्ष प्रो. ओबैदुल्लाह फहद, शिया धर्मशास्त्र विभाग के अध्यक्ष प्रो. तैयब रजा नकवी, पूर्व नाजिम सुन्नी दीनियात डॉ. मुफ्ती जाहिद अली खान और ब्रिज कोर्स के निदेशक डॉ. नसीम अहमद खान शामिल हैं.

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