ETV Bharat / state

अलीगढ़: लकी ड्रा के जरिए लोगों को वितरित किया गया बिजली चालित चाक

शनिवार को विद्युत चालित चाक बांटने के लिए लोगों को लकी ड्रा के जरिए चुना गया. माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने चयनित हस्तशिल्पियों को विद्युत चालित चाक चलाने की विधि की जानकारी भी दी.

लकी ड्रा के जरिए लोगों को वितरित किया गया बिजली चालित चाक
author img

By

Published : Feb 24, 2019, 4:03 AM IST

अलीगढ़ : शनिवार को माटी कला बोर्ड अध्यक्ष के सामने विद्युत चालित चाक बांटने के लिए लोगों को लकी ड्रा के जरिए चुना गया. पर्ची के जरिए 15 हजार की कीमत के विद्युत चालित चाक पप्पू के किस्मत में आई. बोर्ड अध्यक्ष ने आठ लोगों को विद्युत चालित चाक वितरित किया जाना था, लेकिन छह लोगों को ही वितरित किया गया.

लकी ड्रा के जरिए लोगों को वितरित किया गया बिजली चालित चाक

दरअसल, मिट्टी कला से जुड़े लोगों को विद्युत चालित चाक देने के लिए सर्किट हाउस में बुलाया गया था. तीन लोगों को एक ही गांव बिजौली से बुला लिया गया था. इस पर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति बिगड़ गए. उन्होंने ग्रामोद्योग अधिकारी को एक ही गांव के तीन लोगों को विद्युत चाक देने से मना कर दिया . पहले तो आम राय से तीनों में से किसी एक को चाक लेने की सलाह दी गई. लेकिन गांव से आए नौबत, राजू व पप्पू में सहमति नहीं बनी. हालांकि तीनों को चाक देने के लिए बुलाया गया था और लिस्ट में भी तीनों का नाम शामिल था. जब बात नहीं बनी तो तीनों ने लकी ड्रा के जरिए चाक हासिल करने की रणनीति बनाई.

undefined

माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष के सामने पर्ची बनाई गई और एक बच्चे को लकी ड्रा चुनने के लिए कहा गया. पर्ची के जरिए 15 हजार की कीमत के विद्युत चालित चाक पप्पू के किस्मत में आई. बाकी राजू और नौबत को मायूसी हाथ लगी. हालांकि आठ लोगों को बोर्ड अध्यक्ष ने विद्युत चालित चाक वितरित किया जाना था लेकिन छह लोगों को ही वितरित किया गया.

इस मौके पर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि आजादी के बाद प्रदेश में पहली बार मिट्टी पर आधारित बर्तन और खिलौने बनाने वाले 200 परिवारों को विद्युत चालित चाक वितरित किया गया है. इन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रजापति समाज के लोगों को मिट्टी के बर्तन और खिलौने बनाने के हस्तशिल्प उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मिट्टी से जुड़े सौ प्रकार के उत्पाद बनाने का काम खुर्जा में बड़े स्तर पर चल रहा है. उन्होंने बताया कि शिल्पकारों को प्रशिक्षण देकर तीन साल तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिस पर 35 प्रतिशत अनुदान भी शामिल है. उन्होंने चयनित हस्तशिल्पियों को विद्युत चालित चाक चलाने की विधि की जानकारी भी दी.

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि मिट्टी कला को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. मिट्टी के हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े हर परिवार को मिट्टी की उपलब्धता के लिए पट्टे पर भूमि आवंटित किया जा रहा है. सभी सरकारी कार्यालयों में मिट्टी के घड़े, गिलास, कुल्हड़ बर्तनों का प्रयोग भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 52 हजार ऐसे गांव हैं, जहां पर मिट्टी हस्तशिल्प कला से लोग जुड़े हैं.

undefined

धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मिट्टी कला हस्तशिल्प उद्यम को और निखारने के साथ उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिए हस्तशिल्पियों को मिट्टी गूंथने एवं बर्तन बनाने वाली पगमेल एवं फर्निश यंत्रों को परंपरागत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले समूहों को उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 11 हजार गांव का सर्वे कराया गया है, जहां 55 हजार परिवार चिन्हित किए गए हैं .

अलीगढ़ : शनिवार को माटी कला बोर्ड अध्यक्ष के सामने विद्युत चालित चाक बांटने के लिए लोगों को लकी ड्रा के जरिए चुना गया. पर्ची के जरिए 15 हजार की कीमत के विद्युत चालित चाक पप्पू के किस्मत में आई. बोर्ड अध्यक्ष ने आठ लोगों को विद्युत चालित चाक वितरित किया जाना था, लेकिन छह लोगों को ही वितरित किया गया.

लकी ड्रा के जरिए लोगों को वितरित किया गया बिजली चालित चाक

दरअसल, मिट्टी कला से जुड़े लोगों को विद्युत चालित चाक देने के लिए सर्किट हाउस में बुलाया गया था. तीन लोगों को एक ही गांव बिजौली से बुला लिया गया था. इस पर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति बिगड़ गए. उन्होंने ग्रामोद्योग अधिकारी को एक ही गांव के तीन लोगों को विद्युत चाक देने से मना कर दिया . पहले तो आम राय से तीनों में से किसी एक को चाक लेने की सलाह दी गई. लेकिन गांव से आए नौबत, राजू व पप्पू में सहमति नहीं बनी. हालांकि तीनों को चाक देने के लिए बुलाया गया था और लिस्ट में भी तीनों का नाम शामिल था. जब बात नहीं बनी तो तीनों ने लकी ड्रा के जरिए चाक हासिल करने की रणनीति बनाई.

undefined

माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष के सामने पर्ची बनाई गई और एक बच्चे को लकी ड्रा चुनने के लिए कहा गया. पर्ची के जरिए 15 हजार की कीमत के विद्युत चालित चाक पप्पू के किस्मत में आई. बाकी राजू और नौबत को मायूसी हाथ लगी. हालांकि आठ लोगों को बोर्ड अध्यक्ष ने विद्युत चालित चाक वितरित किया जाना था लेकिन छह लोगों को ही वितरित किया गया.

इस मौके पर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि आजादी के बाद प्रदेश में पहली बार मिट्टी पर आधारित बर्तन और खिलौने बनाने वाले 200 परिवारों को विद्युत चालित चाक वितरित किया गया है. इन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रजापति समाज के लोगों को मिट्टी के बर्तन और खिलौने बनाने के हस्तशिल्प उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है.

धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मिट्टी से जुड़े सौ प्रकार के उत्पाद बनाने का काम खुर्जा में बड़े स्तर पर चल रहा है. उन्होंने बताया कि शिल्पकारों को प्रशिक्षण देकर तीन साल तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा, जिस पर 35 प्रतिशत अनुदान भी शामिल है. उन्होंने चयनित हस्तशिल्पियों को विद्युत चालित चाक चलाने की विधि की जानकारी भी दी.

बोर्ड अध्यक्ष ने बताया कि मिट्टी कला को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया गया है. मिट्टी के हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े हर परिवार को मिट्टी की उपलब्धता के लिए पट्टे पर भूमि आवंटित किया जा रहा है. सभी सरकारी कार्यालयों में मिट्टी के घड़े, गिलास, कुल्हड़ बर्तनों का प्रयोग भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 52 हजार ऐसे गांव हैं, जहां पर मिट्टी हस्तशिल्प कला से लोग जुड़े हैं.

undefined

धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मिट्टी कला हस्तशिल्प उद्यम को और निखारने के साथ उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिए हस्तशिल्पियों को मिट्टी गूंथने एवं बर्तन बनाने वाली पगमेल एवं फर्निश यंत्रों को परंपरागत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले समूहों को उपलब्ध कराया जाएगा. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 11 हजार गांव का सर्वे कराया गया है, जहां 55 हजार परिवार चिन्हित किए गए हैं .

Intro:अलीगढ़: अलीगढ़ में माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष के सामने विद्युत चालित चाक बांटने के लिए लोगो को लकी ड्रा के जरिए चुना गया . दरअसल मिट्टी कला से जुड़े लोगों को विद्युत चालित चाक देने के लिए सर्किट हाउस में बुलाया गया था. अलीगढ़ जिले के तीन लोगों को एक ही गांव बिजौली से बुला लिया गया था. इस पर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति बिगड़ गए . ग्रामोद्योग अधिकारी को एक ही गांव के 3 लोगों को विद्युत चाक देने से मना कर दिया . पहले तो तीनों को आम राय से किसी एक को चाक लेने की सलाह दी गई . लेकिन गांव से आए नौबत, राजू व पप्पू में सहमति नहीं बनी. हालांकि तीनों को चाक देने के लिए बुलाया गया था और लिस्ट में भी तीनों का नाम शामिल था . जब बात नहीं बनी तो तीनों ने लकी ड्रा के जरिए चाक हासिल करने की रणनीति बनाई. माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष के सामने पर्ची बनाई गई और एक बच्चे को लकी ड्रा चुनने के लिए कहा गया. पर्ची के जरिए 15 हज़ार की कीमत के विद्युत चालित चाक पप्पू के किस्मत में आई. बाकी राजू और नौबत को मायूसी हाथ लगी. हालांकि 8 लोगों को बोर्ड के अध्यक्ष द्वारा विद्युत चालित चाक वितरित किया जाना था. लेकिन 6 लोगों को ही वितरित किया गया.


Body:इस मौके पर माटी कला बोर्ड के अध्यक्ष धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि आजादी के बाद प्रदेश में पहली बार मिट्टी पर आधारित बर्तन और खिलौने वाले 200 परिवारों को विद्युत चालित चाक वितरित किया गया. जिन्हें देश की मुख्यधारा से जोड़ने का काम सरकार द्वारा किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि प्रजापति समाज के लोगों को मिट्टी के बर्तन एवं खिलौने बनाने के हस्तशिल्प उद्योग को पुनर्जीवित करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि मिट्टी से जुड़े सौ प्रकार के उत्पाद बनाने का काम खुर्जा में बड़े स्तर पर चल रहा है. उन्होंने यह भी बताया कि शिल्पकारों को प्रशिक्षण देकर 3 वर्ष तक ब्याज मुक्त ऋण उपलब्ध कराया जाएगा. जिस पर 35% अनुदान भी शामिल है. उन्होंने चयनित हस्तशिल्पीओं को विद्युत चालित चाक चलाने की विधि की जानकारी भी दी.


Conclusion:धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मिट्टी कला को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश के सभी जिला अधिकारियों को निर्देश दिया गया है. मिट्टी के हस्तशिल्प उद्योग से जुड़े हर परिवार को मिट्टी की उपलब्धता के लिए पट्टे पर भूमि आवंटित किया जा रहा है . सभी सरकारी कार्यालयों में मिट्टी के घड़े, गिलास, कुल्हड़ बर्तनों का प्रयोग भी किया जा रहा है. उन्होंने बताया कि प्रदेश में लगभग 52 हजार ऐसे गांव हैं जहां पर मिट्टी हस्तशिल्प कला से लोग जुड़े हैं. उन्होंने बताया कि प्रदेश में अब तक 11 हज़ार गांव का सर्वे कराया गया है जहां 55 हज़ार परिवार चिन्हित किए गए हैं . धर्मवीर प्रजापति ने बताया कि मिट्टी कला हस्तशिल्प उद्यम को और निखारने के साथ उत्पादकता में वृद्धि लाने के लिए हस्तशिल्पियो को मिट्टी गूंथने एवं बर्तन बनाने वाली पगमेल एवं फर्निश यंत्रों को परंपरागत मिट्टी के बर्तन बनाने वाले समूहों को उपलब्ध कराया जाएगा .

बाइट- धर्मवीर प्रजापति, अध्यक्ष , माटी कला बोर्ड

आलोक सिंह, अलीगढ़
98378 30535
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.