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महिला ने 4.5 किलोग्राम वजन वाली बच्ची को दिया जन्म, डॉक्टर और स्टॉफ हैरान - WOMAN DELIVERS 4 AND HALD KG BABY

जन्म के समय बच्ची का वजन असामान्य रूप से अधिक था. सावधानी बरतते हुए डॉक्टरों की टीम ने सर्जिकल डिलीवरी की.

WOMAN DELIVERS 4 AND HALD KG BABY
प्रतीकात्मक तस्वीर (sources credit- canva)
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By ETV Bharat Hindi Team

Published : 3 hours ago

आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव पेंडुर्थी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला ने साढ़े चार किलो की बच्ची को जन्म दिया. बच्ची का जन्म ऑपरेशन से हुआ. विश्व में अब तक सबसे ज्यादा वजनी बच्चे का रिकार्ड 8.6 केजी का है. डॉ. टी. अरुणादेवी के नेतृत्व में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ. एच.आर.के. डोरा और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षश्री ने महिला की सुरक्षित डिलीवरी की.

बच्चे का वजन असामान्य रूप से अधिक था. डॉ अरुणादेवी ने बताया कि सिम्हाचलम क्षेत्र के पी. रवि तेजा ने अपनी पत्नी, हैमन को प्रसव के लिए बुधवार को पेंडुर्थी अस्पताल में भर्ती कराया था. जांच के दौरान शिशु का वजन अपेक्षा से अधिक पाया गया, जिसके कारण प्राकृतिक प्रसव मुश्किल था. खतरे को देखते हुए डॉक्टरों की टीम ने तत्काल सर्जरी का फैसला किया. सावधानी बरतते हुए डॉ. डोरा और डॉ. हर्षश्री सहित टीम ने सर्जिकल डिलीवरी सफलतापूर्वक की.

डॉ. अरुणादेवी ने बताया कि बच्ची का वजन 4.5 किलो है. सामान्य बच्चे का वजन जन्म के समय ढाई से तीन केजी का होता है. उस हिसाब से यह ज्यादा है. ऐसे केस में बच्चे में खून की अधिकता रहती है. पर इस केस में सबकुछ ठीक है. फिलहाल जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

जानकारी के अनुसार, भारतीय नवजात शिशु में मेल बच्चे का वेट 2.8 तक नौरमल माना जाता है. वहीं, फिमेल का 2.7- 3.1 किलों का वजन रहता है. मां का वजन आच्छा होने से बच्चे का वजन भी अच्छा होता है. जो बच्चे 3.1 , 3.2 kg के होते है उनको स्वस्थ माना जाता है.

यह भी पढ़ें- HMPV को लेकर सरकार ने जारी की हेल्‍थ एडवाइजरी, सावधानी बरतने की सलाह

आंध्र प्रदेश: आंध्र प्रदेश के एक छोटे से गांव पेंडुर्थी के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में एक महिला ने साढ़े चार किलो की बच्ची को जन्म दिया. बच्ची का जन्म ऑपरेशन से हुआ. विश्व में अब तक सबसे ज्यादा वजनी बच्चे का रिकार्ड 8.6 केजी का है. डॉ. टी. अरुणादेवी के नेतृत्व में एनेस्थिसियोलॉजिस्ट डॉ. एच.आर.के. डोरा और बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षश्री ने महिला की सुरक्षित डिलीवरी की.

बच्चे का वजन असामान्य रूप से अधिक था. डॉ अरुणादेवी ने बताया कि सिम्हाचलम क्षेत्र के पी. रवि तेजा ने अपनी पत्नी, हैमन को प्रसव के लिए बुधवार को पेंडुर्थी अस्पताल में भर्ती कराया था. जांच के दौरान शिशु का वजन अपेक्षा से अधिक पाया गया, जिसके कारण प्राकृतिक प्रसव मुश्किल था. खतरे को देखते हुए डॉक्टरों की टीम ने तत्काल सर्जरी का फैसला किया. सावधानी बरतते हुए डॉ. डोरा और डॉ. हर्षश्री सहित टीम ने सर्जिकल डिलीवरी सफलतापूर्वक की.

डॉ. अरुणादेवी ने बताया कि बच्ची का वजन 4.5 किलो है. सामान्य बच्चे का वजन जन्म के समय ढाई से तीन केजी का होता है. उस हिसाब से यह ज्यादा है. ऐसे केस में बच्चे में खून की अधिकता रहती है. पर इस केस में सबकुछ ठीक है. फिलहाल जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं.

जानकारी के अनुसार, भारतीय नवजात शिशु में मेल बच्चे का वेट 2.8 तक नौरमल माना जाता है. वहीं, फिमेल का 2.7- 3.1 किलों का वजन रहता है. मां का वजन आच्छा होने से बच्चे का वजन भी अच्छा होता है. जो बच्चे 3.1 , 3.2 kg के होते है उनको स्वस्थ माना जाता है.

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