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Governor Arif Mohammad Khan: राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने कहा, संविधान के अनुकूल ही हमारा आचरण होना चाहिए

अलीगढ़ में कल्याण सिंह जयंती समारोह में केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ( Governor Arif Mohammad Khan) पहुंचे. उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के अनुकूल ही हमारा आचरण होना चाहिए. किसी को हक नहीं है कि कोई कहे कि मैं बड़ा हूं.

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राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान
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Published : Jan 14, 2023, 4:17 PM IST

संबोधित करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

अलीगढ़: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शनिवार को हैबिटेट सेंटर में कल्याण सिंह जयंती समारोह में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के अनुकूल ही हमारा आचरण होना चाहिए. किसी को हक नहीं है कि कोई कहे कि मैं बड़ा हूं. पैदाइश की बुनियाद पर कोई छोटा बड़ा हो सकता है सामाजिक स्तर पर विषमता हमारी वास्तविकता हो सकती है. लेकिन समता हमारी महत्वाकांक्षा है. हमारे संविधान की बुनियाद समता पर आधारित है. उन्होंने कहा कि इरफान हबीब साहब कहते हैं कि मुसलमान दूसरे दर्जे के शहरी हैं. लेकिन RSS वाले नहीं मानते हैं. इरफान हबीब धार्मिक आस्था को अफीम कहते हैं. क्या उनकी बात मानी जाए ? उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है और जो काला झंडा दिखाना चाहते हैं वह दिखाएं. हमें उनका भी सम्मान करना चाहिए. हालांकि किसी ने काला झंडा दिखाया नहीं है. लेकिन उनका भी सम्मान करना चाहिए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

इस दौरान केरल के राज्यपाल बताया कि सर सैयद अहमद खान ने कहा था कि तरबियत की कमी की वजह से मिलजुल कर भाईचारा, मोहब्बत के साथ कैसे रहा जाता है, वह भूल गए. उन्होंने कहा कि कुदरत ने हमारी तकदीर यकजा की है. मैं अपनी मर्जी से इस मुल्क में पैदा नहीं हुआ हूं. यह कुदरत का फैसला है. उन्होंने कहा कि जब तक इंसान के दिल में दूसरे इंसान के लिए दर्द नहीं है. तब तक उसको इंसान कहलाने का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह हमारा अपना मुल्क है और अगर शिकायत भी है तो इसमें कोई खास बात नहीं है. भाइयों में भी शिकायत होती है. बुराई और भलाई कभी बराबर नहीं हो सकती. जो तुम्हारे साथ बुराई करें. उसके साथ भलाई करोगे तो वह तुम्हारा नजदीक दोस्त या हमदर्द बन जाएगा.

आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि 1977 की असेंबली में कल्याण सिंह के साथ काम करने का मौका मिला. उनसे एक मजबूत रिश्ता बन गया था. और व्यक्तिगत रूप से उन्हें जानता था. उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क सामाजिक, आर्थिक विषमता रही है. यह राष्ट्रीय जीवन की वास्तविकता हैं और हमारी महत्वाकांक्षा है कि इसे दूर समतामूलक समाज बनाएंगे. उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह को एक नेता के रूप में देखते है, जिहोंने विषमता को खत्म करने के लिए उनके नेतृत्व को प्रेरणादायक मानते थे. इसके साथ ही उन्होंने सर सैयद अहमद खान का एक किस्सा बताते हुए कहा कि वे कहते थे कि मैं हिंदुस्तान में रहता हूं इसलिए हिंदू और हिंदुस्तानी हूं.

यह भी पढ़ें- Solar Power Generation Station : सौर ऊर्जा उत्पादन केंद्र अपनी जमीन पर बना सकेंगे यूपी के किसान

संबोधित करते हुए केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान

अलीगढ़: केरल के राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान शनिवार को हैबिटेट सेंटर में कल्याण सिंह जयंती समारोह में पहुंचे. इस दौरान उन्होंने कहा कि हमारे संविधान के अनुकूल ही हमारा आचरण होना चाहिए. किसी को हक नहीं है कि कोई कहे कि मैं बड़ा हूं. पैदाइश की बुनियाद पर कोई छोटा बड़ा हो सकता है सामाजिक स्तर पर विषमता हमारी वास्तविकता हो सकती है. लेकिन समता हमारी महत्वाकांक्षा है. हमारे संविधान की बुनियाद समता पर आधारित है. उन्होंने कहा कि इरफान हबीब साहब कहते हैं कि मुसलमान दूसरे दर्जे के शहरी हैं. लेकिन RSS वाले नहीं मानते हैं. इरफान हबीब धार्मिक आस्था को अफीम कहते हैं. क्या उनकी बात मानी जाए ? उन्होंने कहा कि हिंदुस्तान एक लोकतांत्रिक देश है और जो काला झंडा दिखाना चाहते हैं वह दिखाएं. हमें उनका भी सम्मान करना चाहिए. हालांकि किसी ने काला झंडा दिखाया नहीं है. लेकिन उनका भी सम्मान करना चाहिए, मुझे कोई दिक्कत नहीं है.

इस दौरान केरल के राज्यपाल बताया कि सर सैयद अहमद खान ने कहा था कि तरबियत की कमी की वजह से मिलजुल कर भाईचारा, मोहब्बत के साथ कैसे रहा जाता है, वह भूल गए. उन्होंने कहा कि कुदरत ने हमारी तकदीर यकजा की है. मैं अपनी मर्जी से इस मुल्क में पैदा नहीं हुआ हूं. यह कुदरत का फैसला है. उन्होंने कहा कि जब तक इंसान के दिल में दूसरे इंसान के लिए दर्द नहीं है. तब तक उसको इंसान कहलाने का हक नहीं है. उन्होंने कहा कि यह हमारा अपना मुल्क है और अगर शिकायत भी है तो इसमें कोई खास बात नहीं है. भाइयों में भी शिकायत होती है. बुराई और भलाई कभी बराबर नहीं हो सकती. जो तुम्हारे साथ बुराई करें. उसके साथ भलाई करोगे तो वह तुम्हारा नजदीक दोस्त या हमदर्द बन जाएगा.

आरिफ मोहम्मद खान ने बताया कि 1977 की असेंबली में कल्याण सिंह के साथ काम करने का मौका मिला. उनसे एक मजबूत रिश्ता बन गया था. और व्यक्तिगत रूप से उन्हें जानता था. उन्होंने कहा कि हमारे मुल्क सामाजिक, आर्थिक विषमता रही है. यह राष्ट्रीय जीवन की वास्तविकता हैं और हमारी महत्वाकांक्षा है कि इसे दूर समतामूलक समाज बनाएंगे. उन्होंने कहा कि कल्याण सिंह को एक नेता के रूप में देखते है, जिहोंने विषमता को खत्म करने के लिए उनके नेतृत्व को प्रेरणादायक मानते थे. इसके साथ ही उन्होंने सर सैयद अहमद खान का एक किस्सा बताते हुए कहा कि वे कहते थे कि मैं हिंदुस्तान में रहता हूं इसलिए हिंदू और हिंदुस्तानी हूं.

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