अलीगढ़: उत्तर प्रदेश में होली के पर्व को लेकर लोगों में खासा उत्साह है. जी हां आज यानी की शुक्रवार से रंगभरी एकादशी के बाद होली की पारम्परिक शुरूआत भी हो चुकी है. लोग इस त्योहार को बड़े ही हर्ष मनाते हैं. इसी कड़ी में यूपी के अलीगढ़ में अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के हिंदू छात्र- छात्राओं द्वारा जमकर होली खेली गई है. इस दौरान सभी ने एक दूसरे को गुलाल लगाया और जमकर होली खेली. इतना ही नहीं बल्कि छात्र-छात्राएं साउंड सिस्टम पर जमकर झूमते हुए नजर आए हैं. एएमयू के छात्र आदेश चौधरी ने कहा कि अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय में कभी होली का पर्व नहीं मनाया जाता है. इस बार बड़ी उपलब्धि है कि इतनी भारी संख्या में सभी छात्र छात्राएं एकत्रित हुए हैं और होली कार्यक्रम आयोजित किया गया है. यह भी बड़ी बात है कि इस बार छात्र-छात्राओं ने एकता दिखाई है और इतनी भारी मात्रा में एकत्रित होकर होली कार्यक्रम का आयोजन किया गया है.
अयोध्या: भगवान राम की नगरी में रंगभरी एकादशी के मौके से ही रंगोत्सव का शुभारंभ हो गया है. शुक्रवार को हनुमान जी के पूजन के साथ हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने अबीर और गुलाल विराजमान हनुमानजी को लगाकर होली का आगाज किया. ढोल और नगाड़े के धुन पर हनुमानगढ़ी के नागा साधुओं ने हनुमान जी के निशान के साथ राम नगरी में के प्रमुख मठ मंदिरों में होली का निमंत्रण भी दिया. अबीर गुलाल उड़ाते नागा साधु ने भगवान राम की नगरी के सांस्कृतिक सीमा 5 कोस की परिक्रमा किया है.
वहीं, हनुमानगढ़ी के मुख्य पुजारी राजू दास ने बताया कि रंगभरी एकादशी से राम नगरी में होली के त्योहार का शुभारंभ होता है. हनुमान जी के निशान के साथ नागा साधु मठ मंदिरों में जाकर होली का निमंत्रण देते हैं और पूरे नगर में शहरों में होली खेलते हुए 5 कोस की परिक्रमा किया जाता है. इस बार की होली जबरदस्त होगी, क्योंकि 2024 में भगवान राम लला होली के पहले भव्य मंदिर के गर्भ गृह में विराजमान होंगे.
गोरखपुर: हिंदी के फाल्गुन महीने की एकादशी को "रंगभरी एकादशी" के रूप में जाना जाता है. माता पार्वती का गवना भी इस दिन हुआ था. ऐसा कहा जाता है, जिस पर उल्लास और उमंग का माहौल लोग मनाते हैं. इस दिन शिव मंदिर में जमकर अबीर गुलाल उड़ाया जाता है. लोग होली से पहले होली का भरपूर आनंद उठाते हैं. वाराणसी यानी कि काशी में इस तिथि पर विशेष प्रकार का आयोजन होता है, जिसमें लोग डूब जाते हैं. लेकिन ऐसी ही परंपरा गोरखपुर के बाबा मुक्तेश्वर नाथ मंदिर ने भी देखने को मिलता है, जहां वर्षों से इस तिथि पर महिला- पुरुष एकत्रित होकर रंग गुलाल के साथ होली खेलते हैं. शिव मंदिर में भगवान भोलेनाथ और पार्वती जी को सिंदूर रंग अर्पित करते हैं. एकादशी के पर्व पर भगवान विष्णु की आराधना के साथ भगवान भोलेनाथ और माता पार्वती के पूजा का भी विशेष विधान है, जिसको इस उत्साह और उमंग के साथ लोग मनाते हैं.
वाराणसी: जगत हित में मां गंगा को अपने शीश धरकर पृथ्वी पर लाने वाले महादेव की रंगभरी एकादशी के अवसर पर नमामि गंगे ने गंगा आरती करके निर्मलीकरण का संकल्प लिया. सूर्योदय की बेला में डॉ राजेंद्र प्रसाद घाट पर हर हर महादेव के गगनभेदी उद्घोष के साथ माता की तरह हितकारिणी नदियों के संरक्षण के लिए हाथ से हाथ जुड़े.
नमामि गंगे काशी क्षेत्र के संयोजक राजेश शुक्ला के संयोजन में गंगा आरती करने के पश्चात सैकड़ों नागरिक गंगा तट की स्वच्छता के लिए संकल्पित हुए. शपथ लेकर लोगों ने कहा कि महादेव की गंगा को हम मैला नहीं होने देंगे. रंगभरी एकादशी के पावन दिन पर "सबका साथ हो गंगा साफ हो" की गूंज रही. नमामि गंगे काशी क्षेत्र संयोजक राजेश शुक्ला ने कहा कि भगवान शिव शंकर ने गंगा को जगत हित में अपने शीश धरा है. सदियों से गंगा भारत की सिंचाई, पेयजल, धार्मिक, संस्कृतिक, पर्यटन, आजीविका और अन्य आवश्यकताओं की पूर्ति कर रही हैं. जनभागीदारी से महादेव की गंगा के संरक्षण का दायित्व हमें संभालना ही होगा.
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